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स्टेट पी.सी.एस.

  • 24 Jan 2023
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उत्तर प्रदेश Switch to English

कालिंजर दुर्ग में मिली दसवीं शताब्दी की मूर्तियाँ

चर्चा में क्यों?

23 जनवरी, 2023 को उत्तर प्रदेश सामाजिक संस्था कालिंजर शोध संस्थान के निदेशक अरविंद छिरौलिया ने बताया कि राज्य के बांदा ज़िले में ऐतिहासिक कालिंजर दुर्ग के कोटि तीर्थ सरोवर की दीवार से शिवलिंग, गणेश, भगवान विष्णु, माँ लक्ष्मी समेत अनेक देवी-देवताओं की प्राचीन मूर्तियाँ मलबे से निकली हैं।

प्रमुख बिंदु 

  • अरविंद छिरौलिया ने बताया कि कालिंजर दुर्ग में कई छोटे-बड़े सरोवर और तालाब हैं। उन्हीं में से एक कोटि तीर्थ सरोवर है, जहाँ मूर्तियाँ व पत्थरों पर बनीं कलाकृतियाँ मिली हैं, जो नवीं और दसवीं शताब्दी की हैं।
  • उन्होंने बताया कि कुछ पत्थरों पर देवी-देवताओं की नक्काशी है। इसमें भगवान विष्णु, गणेश, लक्ष्मी जी, पार्वती जी की प्रसन्न मुद्रा वाली भी मूर्तियाँ हैं। शिवलिंग को छोड़कर अधिकतर मूर्तियाँ खंडित हैं।
  • कालिंजर दुर्ग के इतिहास के जानकार समाजसेवी विवेक शुक्ला ने बताया कि 1986 में दुर्ग तक जाने के लिये रोड बनाई जा रही थी। तब भी खोदाई के दौरान इसी तरह से मूर्तियाँ निकली थीं। उन्हें पुरातत्त्व विभाग ने संरक्षित कर राजा अमान सिंह महल में रखवा दिया था।
  • दुर्ग से जुड़े सूत्रों का कहना है कि तब 282 केएफ नंबर से 305 तक की मूर्तियाँ और तोप के गोले निकले थे। उनको पुरातत्त्व विभाग ने अपने संरक्षण में ले लिया था। इसके अलावा 1960 में भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण ने कालिंजर दुर्ग को अपने संरक्षण में लिया था।
  • ज्ञातव्य है कि कालिंजर काफी प्राचीन दुर्ग है, जहाँ गुप्त काल से लेकर बुंदेलों तक का शासन रहा है। यहाँ पर पूर्व में भी निर्माण कार्य के दौरान इस तरह की मूर्तियाँ मिलती रही हैं।
  • विदित है कि तीर्थ सरोवर कालिंजर दुर्ग का सबसे सुंदर और पौराणिक स्थल है। पूरा दुर्ग भारतीय पुरातत्त्व विभाग के अधीन है। सरोवर की दीवार से मूर्तियाँ और कलाकृतियाँ सहेजकर इसका निर्माण दोबारा कराया जा रहा है। सरोवर के चारों तरफ की प्राचीन दीवारों पर देवी-देवताओं की मूर्तियाँ व कलाकृतियाँ हैं।
  • कालिंजर इतिहास से जुड़े अरविंद छिरौलिहा ने बताया कि भारत पर राज करने वाला छठवाँ शासक औरंगजेब आलमगीर के नाम से जाना जाता था। 15वीं और 16वीं शताब्दी के मध्य उसका शासन रहा, इसे मूर्ति भंजक कहा जाता था। वह हिन्दू धर्म की मूर्तियों को खंडित करवा देते थे।
  • वर्ष 1812 से 1947 के बीच ब्रिटिश शासन के समय पर हिन्दू धर्म से जुड़ी स्मृतियों को भी नष्ट करने का काम किया जाता था। कोर्ट तीर्थ सरोवर काफी प्राचीन है, लेकिन इसके चारों तरफ की दीवारें अंग्रेजों द्वारा बनाई गईं थीं। तब दीवार के पीछे यह मूर्तियाँ भी दबा दी गईं थीं, जिससे कि सनातन धर्म और हिन्दू धर्म जागृत न हो सके।
  • कालिंजर दुर्ग नीलकंठ मंदिर के राजपुरोहित पंडित शंकर प्रताप मिश्रा ने बताया कि कोटि तीर्थ सरोवर में सभी तीर्थों का जल मिला है। ऐसे में इस सरोवर के जल से यहीं पर विराजमान भगवान नीलकंठ का जलाभिषेक करने से एक हज़ार गायों के दान का पुण्य मिलता है। खास तौर से कार्तिक पूर्णिमा पर जलाभिषेक अधिक फलदायी माना जाता है।

उत्तर प्रदेश Switch to English

उत्तर प्रदेश के चार परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर अंडमान निकोबार के द्वीप

चर्चा में क्यों?

23 जनवरी, 2022 को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती (पराक्रम दिवस) के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत में सबसे बड़े सैन्य अलंकरण परमवीर चक्र के 21 विजेताओं के नाम पर अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के 21 बड़े अज्ञात द्वीपों का नामकरण किया। इस सूची में उत्तर प्रदेश के चार परमवीम चक्र विजेता शामिल हैं।

प्रमुख बिंदु

  • उत्तर प्रदेश के चार परमवीर चक्र विजेताओं में से तीन- कंपनी क्वार्टर मास्टर हवलदार वीर अब्दुल हमीद, नायक जदुनाथ सिंह, लेफ्टिनेंट मनोज कुमार पांडेय को मरणोपरांत और मानद कैप्टन योगेंद्र सिंह यादव को जीवित रहते ही परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया है।
  • उत्तर प्रदेश के गाजीपुर ज़िले के धरमपुर गाँव में जन्में वीर अब्दुल हमीद 27 दिसंबर, 1954 को 21 वर्ष की आयु में ग्रेनेडियर्स इंफैंट्री रेजीमेंट में भर्ती हुए थे। पाकिस्तान के साथ लड़ाई में उन्होंने अपनी तोपयुक्त जीप से पाकिस्तान के तीन पैंटन टैंक ध्वस्त किये थे। प्रतिक्रियास्वरूप पाकिस्तानी सेना ने उन पर एक साथ हमला बोला था। इसी हमले में वह शहीद हो गए थे। भारत-पाकिस्तान युद्ध में उनके असाधारण योगदान को देखते हुए उन्हें 10 सितंबर, 1965 को परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया था।
  • लेफ्टिनेंट मनोज कुमार पांडे का जन्म सीतापुर ज़िले के रूधा गाँव में 25 जून, 1975 को हुआ था। वह एनडीए से भारतीय सेना में चुने गए। उन्हें 11 गोरखा राइफल्स रेजीमेंट की पहली बटालियन में बतौर कमीशंड ऑफिसर शामिल किया गया था। 1999 के कारगिल युद्ध में उन्होंने दुश्मन के बंकरों को ध्वस्त किया था। इसी दौरान सिर में गोली लगने के कारण मात्र 24 वर्ष की आयु में वह शहीद हो गए थे। 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान उनके साहस और नेतृत्व के लिये मरणोपरांत परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया था।
  • उत्तर प्रदेश के शाहजहाँपुर ज़िले की कलान तहसील के गाँव खजुरी के निवासी जदुनाथ सिंह को 1941 में ब्रिटिश भारतीय सेना में शामिल किया गया था। उन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध में बर्मा में जापान के खिलाफ लड़ाई में भाग लिया। भारतीय सेना की राजपूत रेजीमेंट में रहते हुए उन्होंने 1947 में भारत-पाकिस्तान युद्ध में भाग लिया। 6 फरवरी 1948 को जम्मू-कश्मीर के नौशेरा सेक्टर में जदुनाथ सिंह ने अकेले ही कबाइली भेष में आए पाकिस्तानी सेना के सैनिकों को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया था। इसी लड़ाई के बीच एक गोली उनके सिर में आकर लगी थी, जिससे वह वीरगति को प्राप्त हुए थे। नायक जदुनाथ सिंह को भी मरणोपरांत परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया था।
  • मानद कैप्टन योगेंद्र सिंह यादव का जन्म 10 मई, 1980 को बुलंदशहर के औरंगाबाद गाँव में हुआ था। 1996 में 16 साल की आयु में वह 18 ग्रेनेडिएर्स में भर्ती हुए थे। 1999 में कारगिल युद्ध में टाइगर हिल पर कब्जा करने में उन्होंने अदम्य साहस और पराक्रम का प्रदर्शन किया था। कैप्टन योगेंद्र यादव ने कई गोलियाँ लगने के बावजूद घायल हालत में टाइगर हिल की तीन चौकियों पर कब्जा किया था और वहां तिरंगा लहराया था। इस संघर्षपूर्ण मिशन को पूरा करने वाले योगेंद्र यादव को मात्र 19 साल की उम्र में भारतीय सेना के सर्वोच्च वीरता पुरस्कार परमवीर चक्र सम्मान दिया गया था।
  • उल्लेखनीय है कि अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के ऐतिहासिक महत्त्व को ध्यान में रखते हुए तथा नेताजी सुभाष चंद्र बोस की स्मृति को सम्मान प्रदान करने के लिये वर्ष 2018 में अंडमान निकोबार द्वीप समूह की अपनी यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री ने रॉस द्वीप समूह का नाम बदलकर ‘नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप’रख दिया था। नील द्वीप और हैवलॉक द्वीप का नाम बदलकर ‘शहीद द्वीप’और ‘स्वराज द्वीप’कर दिया गया था।
  • देश के वास्तविक जीवन के नायकों को उचित सम्मान देने के उद्देश्य से इस द्वीप समूह के 21 बड़े अज्ञात द्वीपों का नामकरण 21 परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर करने का निर्णय लिया गया है।
  • इन द्वीपों का नाम जिन 21 परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर रखा वे हैं - मेजर सोमनाथ शर्मा; सूबेदार और मानद कैप्टन (तत्कालीन लांस नायक) करम सिंह, एम.एम; सेकेंड लेफ्टिनेंट राम राघोबा राणे; नायक जदुनाथ सिंह; कंपनी हवलदार मेजर पीरू सिंह; कैप्टन जीएस सलारिया; लेफ्टिनेंट कर्नल (तत्कालीन मेजर) धन सिंह थापा; सूबेदार जोगिंदर सिंह; मेजर शैतान सिंह; सीक्यूएमएच अब्दुल हमीद; लेफ्टिनेंट कर्नल अर्देशिर बुर्जोरजी तारापोर; लांस नायक अल्बर्ट एक्का; मेजर होशियार सिंह; सेकेंड लेफ्टिनेंट अरुण खेत्रपाल; फ्लाइंग ऑफिसर निर्मलजीत सिंह सेखों; मेजर रामास्वामी परमेश्वरन; नायब सूबेदार बाना सिंह; कैप्टन विक्रम बत्रा; लेफ्टिनेंट मनोज कुमार पांडे; सूबेदार मेजर (तत्कालीन राइफलमैन) संजय कुमार; और सूबेदार मेजर सेवानिवृत्त (मानद कैप्टन) ग्रेनेडियर योगेंद्र सिंह यादव। 

बिहार Switch to English

बिहार जाति आधारित सर्वेक्षण का पोर्टल लॉन्च

चर्चा में क्यों?

23 जनवरी, 2022 को बिहार के मुख्य सचिव आमिर सुबहानी द्वारा बिहार जाति आधारित सर्वेक्षण पोर्टल को लॉन्च किया गया। यह पोर्टल जातीय सर्वेक्षण कार्य में सभी प्रकार के डिजिटल प्रबंधन के लिये उपयोगी होगा।

प्रमुख बिंदु

  • बिहार में हो रही जाति गणना के पहले चरण का कार्य पूरा हो चुका है। प्रथम चरण में एकत्रित किये गए सभी आँकड़ों को अब इस पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा और ये आँकड़े मोबाइल एप पर द्वितीय गणना के समय प्रगणक और पर्यवेक्षकों को उपलब्ध होंगे। इसी के आधार पर दूसरे चरण की गणना होगी।
  • जाति गणना के पहले चरण में राज्य भर में करीब दो करोड़ 58 लाख 90 हज़ार 497 परिवारों तक गणना कर्मियों ने पहुँच कर मकानों की नंबरिंग की।
  • पहले चरण में परिवार के मुखिया का नाम और वहाँ रहने वाले सदस्यों की संख्या को अंकित किया गया था। सात जनवरी से शुरू हुए पहले चरण की जाति गणना में पाँच लाख 18 हज़ार से अधिक कर्मी लगाए गए थे।
  • दूसरे चरण में एक से 30 अप्रैल तक जाति की गणना की जाएगी। इस चरण में लोगों से 26 प्रकार की जानकारी ली जाएगी। राज्य के बाहर रहने वाले लोगों के नाम भी दर्ज किये जाएंगे।
  • जाति गणना के लिये टोला सेवक, तालिमी मरकज, ममता, आशा कार्यकर्त्ता, जीविका दीदियाँ, शिक्षक, कृषि समन्वयक, मनरेगा कर्मी, रोज़गार सेवक और विकास मित्र को जिम्मेवारी दी गई है।

राजस्थान Switch to English

अब भिवाड़ी में भी होगी एसीबी चौकी

चर्चा में क्यों?

23 जनवरी, 2023 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश के अलवर ज़िले में संचालित 2 भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) चौकियों में से 1 चौकी को भिवाड़ी में स्थानांतरित करने के प्रस्ताव को स्वीकृति दी है।

प्रमुख बिंदु 

  • उल्लेखनीय है कि भिवाड़ी राजस्थान के अलवर ज़िले का ही एक नगर है, जहाँ एसीबी की चौकी स्थापित होगी।
  • वर्तमान में अलवर ज़िले में एसीबी की 2 चौकियाँ संचालित हैं तथा भिवाड़ी में एक भी चौकी स्थापित नहीं है। भिवाड़ी एक बड़ा औद्योगिक क्षेत्र होने के कारण वहाँ राज्य एवं केंद्र सरकार के कई विभागों के कार्यालय स्थित हैं।
  • वर्तमान में भिवाड़ी की परिवेदनाओं पर अलवर चौकी ही कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री के इस निर्णय से आमजन और शिकायतकर्त्ताओं को चौकी तक पहुँचने में सुविधा होगी।

राजस्थान Switch to English

समूचे प्रदेश में एक माह का खान सुरक्षा अभियान शुरू

चर्चा में क्यों?

23 जनवरी, 2023 को राजस्थान के खान एवं गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया ने बताया कि राज्य के माइंस विभाग द्वारा 23 जनवरी से समूचे प्रदेश में खान सुरक्षा अभियान शुरू किया गया है।

प्रमुख बिंदु 

  • खान एवं गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया ने बताया कि अभियान के दौरान जोन, वृत्त, खंड, उपखंड अधिकारियों के साथ ही विभाग के सतर्कता अधिकारियों द्वारा खनिज खनन/उत्पादन करने वाले कम से कम 15 खनन पट्टों/30 क्वारी लाइसेंस क्षेत्रों का निरीक्षण कर खनन सुरक्षा नियमों व प्रावधानों की पालना सुनिश्चित करवाई जाएगी।
  • उन्होंने बताया कि विभाग के अन्य अधिकारियों को भी कम से कम पाँच खनन लाइसेंसधारियों के यहाँ जाकर निरीक्षण करना होगा।
  • एसीएस माइंस डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देश पर सुरक्षित खनन कराने आवश्यक प्रावधानों की पालना सुनिश्चित कराने के लिये कदम उठाने पर ज़ोर दिया गया था। इसके लिये विभाग द्वारा 23 जनवरी से 22 फरवरी तक एक माह का अभियान आरंभ किया गया है।
  • उन्होंने बताया कि राजस्थान अप्रधान खनिज रियायत नियमावली, 2017 (आरएमएमसीआर), खान संरक्षण एवं विकास नियमावली, 2017 (एमसीडीआर) और मेटलिफेरस माइंस रेगुलेशन 1961 (एमएमआर) के साथ ही माइंस अधिनियम 1952 की विभिन्न धाराओं में सुरक्षित खनन के संबंध में आवश्यक प्रावधान उपलब्ध हैं।
  • डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि अभियान के दौरान खनन पटेा व क्वारी लाइसेंस क्षेत्रों के लिये पर्यावरण विभाग द्वारा जारी कंसेट टू ऑपरेट और एनवायरमेंट क्लीयरेंस में निर्देशित प्रावधानों, पर्यावरण व खनिकों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिये जारी सुरक्षा प्रावधानों की पालना सुनिश्चित करवाई जाएगी।
  • उन्होंने बताया कि राजस्थान अप्रधान खनिज रियायत नियमावली, 2017 में नियमानुसार सुरक्षित एवं वैज्ञानिक विधि से खनिक श्रमिकों के स्वास्थ्य मानकों को ध्यान में रखते हुए खनन गतिविधियाँ संचालित करने का प्रावधान है। खान अधिनियम के अनुसार खनिक श्रमिकों के हितों को ध्यान में रखते हुए पेयजल व्यवस्था, शौचालय, चिकित्सकीय उपकरण आदि की उपलब्धता होना ज़रूरी है।
  • इसके अलावा पर्यावरण संरक्षण, खनन क्षेत्र की सीमांकन, खनन गतिविधियों के सुपरविजन के लिये क्वालीफाईड व्यत्ति को नियोजित किया जाना आवश्यक है। सुरक्षा मानकों की पालना नहीं करने की स्थिति में खनन गतिविधियों को बंद करवा कर आवश्यक कार्यवाही की जा सकती है।
  • एसीएस माइंस ने बताया कि एमसीडीआर के तहत खनन कार्यों के दौरान वैज्ञानिक विधि से खनिज संरक्षण एवं पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए खनन गतिविधियाँ संचालित करने का प्रावधान है। अभियान के दौरान इनकी पालना के साथ ही एबेंडोनेड माइंस के पुनर्भरण एवं माइंस क्लोजर प्लान की पालना का निरीक्षण किया जाएगा।
  • उन्होंने बताया कि इसके साथ ही खानों के ओवरबर्डन या वेस्ट आदि निर्धारित स्थान पर रखने और बेक फिलिंग प्रावधानों की पालना भी देखी जाएगी।
  • डॉ. अग्रवाल ने बताया कि एमएमआर, 1961 में ओपन कास्ट माइंस की बेंच, हाईट, विड्थ, साइड के स्लोप एंगल, डीप होल ब्लास्टिंग और भारी मशीनरी के उपयोग के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश है ताकि खनन कार्य सुरक्षित व वैज्ञानिक तरीके से हो सके। 

मध्य प्रदेश Switch to English

13वाँ राष्ट्रीय मतदाता दिवस

चर्चा में क्यों?

23 जनवरी, 2023 को मध्य प्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने बताया कि प्रदेश के सभी 64 हज़ार 100 मतदान केंद्रों पर 25 जनवरी को 13वाँ राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया जाएगा।

प्रमुख बिंदु 

  • मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने बताया कि मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल के मुख्य आतिथ्य में भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कंवेंशन सेंटर में राज्य स्तरीय कार्यक्रम 13वाँ राष्ट्रीय मतदाता दिवस आयोजित किया जाएगा।
  • 13वें राष्ट्रीय मतदाता दिवस के कार्यक्रम प्रदेश के सभी 52 ज़िलों में किये जाएंगे। साथ ही प्रदेश के सभी शैक्षणिक संस्थाओं में अध्ययनरत विद्यार्थियों और शासकीय कार्यालयों में कार्यरत अधिकारी-कर्मचारियों को मतदाता शपथ दिलाई जाएगी।
  • राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर राज्य-स्तरीय कार्यक्रम में राज्यपाल पटेल द्वारा निर्वाचन में उत्कृष्ट कार्य करने वाले ज़िला निर्वाचन अधिकारी, उप ज़िला निर्वाचन अधिकारी, निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी, निर्वाचक पर्यवेक्षक और बूथ लेवल अधिकारियों को प्रशस्ति पत्र और मोमेंटो प्रदान कर सम्मानित किया जाएगा।
  • राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर राज्य स्तरीय कार्यक्रम में वर्ष 1951-52 में हुए प्रथम आम चुनाव से लेकर वर्ष 2018-2019 में हुए निर्वाचनों में मतदाताओं एवं निर्वाचन प्रक्रिया में प्रयुत्त विभिन्न सामग्री के दुर्लभ चित्रों की प्रदर्शनी लगाई जाएगी।
  • उल्लेखनीय है कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा स्वीप गतिविधि के तहत राष्ट्रीय स्तर पर मतदाता जागरूकता को लेकर प्रतियोगिता कराई गई थी। निबंध, स्लोगन, गीत, पोस्टर सहित अन्य प्रतियोगिताएँ हुई थीं। देशभर में मध्य प्रदेश के 7 प्रतिभागी विजेता बने।
  • राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर भोपाल में राज्य-स्तरीय कार्यक्रम में राज्यपाल मंगुभाई पटेल द्वारा विजेताओं को पुरस्कृत किया जाएगा। प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र के साथ अवार्ड के रूप नकद राशि प्रदान की जाएगी।
  • उल्लेखनीय है कि 13वाँ राष्ट्रीय मतदाता दिवस इस बार ‘वोट जैसा कुछ नहीं, वोट जरूर डालेंगे हम’थीम पर मनाया जाएगा।
  • विदित है कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर ‘मैं भारत हूँ’ गीत का शुभारंभ किया जाएगा। मतदाताओं को दी जाने वाली सुविधाएँ, मतदान केंद्र पर मिलने वाली न्यूनतम सुविधाओं सहित मतदाताओं को डाक मतपत्र, ईवीएम वीवीपैट, वोटर हेल्पलाइन एप और नैतिक मतदान के बारे में कार्यक्रम में जानकारी दी जाएगी।

मध्य प्रदेश Switch to English

सौर ऊर्जा से रोशन होगी साँची

चर्चा में क्यों?

23 जनवरी, 2023 को मध्य प्रदेश के जनसंपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार प्रदेश के रायसेन ज़िले में स्थित साँची की विद्युत आवश्यकताओं की पूर्ति एवं बिजली आपूर्ति में आत्म-निर्भर बनाने के लिये इसे प्रदेश की पहली सोलर सिटी के रूप में विकसित किया जा रहा है।

प्रमुख बिंदु 

  • विदित है कि साँची रायसेन ज़िले में स्थित एक छोटा सा कस्बा है, जो कि स्तूप और बौद्ध तीर्थ स्थल के लिये विख्यात है।
  • साँची में शिविर के माध्यम से उपभोक्ताओं को अपने परिसर में सोलर रूफटॉप लगवाने का आहृवान किया गया है और सोलर रूफटॉप के लाभ के बारे में बताते हुए ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने के लिये प्रेरित किया जा रहा है।
  • गौरतलब है कि साँची में सौर ऊर्जा के माध्यम से 3 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जाएगा। इससे सॉंची बिजली आपूर्ति में आत्म-निर्भर होने के साथ ही अगले पाँच वर्षों की विद्युत आवश्यकताओं की पूर्ति सौर ऊर्जा से सुनिश्चित होगी।
  • साँची में सौर स्ट्रीट लाइट, गार्डन लाइट, स्टड लाइट, हाई - मास्ट लाइट, सौर पेयजल कियोस्क, लोक परिवहन के लिये बैट्री चलित ई-रिक्शा, चार्जिंग स्टेशन, अक्षय ऊर्जा, आधारित संयंत्र विंड टर्बाइन एवं पिजोइलेक्ट्रिक जनरेटर्स स्थापना के कार्य भी किये जाएंगे।  

झारखंड Switch to English

जल संरक्षण योजना

चर्चा में क्यों?

21 जनवरी, 2023 को झारखंड के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने राज्य के सूखे का सामना कर रहे किसानों को लाभ पहुँचाने के लिये 32 करोड़ रुपए के परिव्यय के साथ ‘जल संरक्षण योजना’की शुरूआत की।   

प्रमुख बिंदु 

  • एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि ‘जल संरक्षण योजना’के तहत राज्य के 24 ज़िलों के सभी ब्लॉकों में 2,133 तालाबों का नवीनीकरण और 2,795 परकोलेशन टैंकों का निर्माण किया जाएगा।
  • इस अवसर पर कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने 71 तालाबों और 184 परकोलेशन टैंकों के नवीनीकरण कार्य की भी आधारशिला रखी।
  • विदित है कि एक परकोलेशन टैंक भूजल भंडारण को रिचार्ज करने के लिये एक कृत्रिम रूप से निर्मित सतह जल निकाय है।
  • कृषि मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार को सूखा प्रभावित किसानों से 33 लाख आवेदन प्राप्त हुए हैं और उनमें से 8.5 लाख को अब तक वित्तीय सहायता दी गई है।
  • उन्होंने बताया कि राज्य सरकार का प्रयास यह है कि सूखा प्रभावित 30 लाख किसानों को जल्द ही राहत के तौर पर 1,200 करोड़ रुपये मुहैया कराए जाएँ।
  • उल्लेखनीय है कि झामुमो के नेतृत्व वाली सरकार ने पिछले साल 29 अक्टूबर को राज्य के 260 प्रखंडों में से 226 को सूखा प्रभावित क्षेत्र घोषित किया था और बारिश की कमी से प्रभावित प्रत्येक किसान परिवार को 3,500 रुपए की नकद राहत देने का फैसला किया है।

छत्तीसगढ़ Switch to English

मुख्यमंत्री ने बलौदाबाज़ार में गढ़कलेवा का किया लोकार्पण

चर्चा में क्यों?

23 जनवरी, 2023 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बलौदाबाज़ार ज़िला मुख्यालय में 3 हज़ार स्क्वायर फीट में निर्मित गढ़कलेवा का लोकार्पण किया।

प्रमुख बिंदु 

  • इस दौरान मुख्यमंत्री ने गढ़कलेवा का अवलोकन किया और स्व-सहायता समूह की महिलाओं से बातचीत कर गढ़कलेवा में व्यवस्थाओं की जानकारी ली।
  • मुख्यमंत्री को अर्चना महिला स्व सहायता समूह की सदस्यों ने बताया कि छत्तीसगढ़ी व्यंजन चीला, फरा, ठेठरी, खुरमी, अईरसा, चौसेला, तसमई, करी लड्डू, सोहारी अन्य विविध प्रकार के व्यंजन गढकलेवा में उपलब्ध रहेंगे।
  • उन्होंने बताया कि गढ़कलेवा में दूध से दही एवं घी तथा डिब्बा बंद सूखा आयटम, तिल लड्डू, नमकीन, करी लड्डू, सलोनी, मूरकू, खाजा, बालूशाही, खुरमी, बिजौरी भी खरीददार खरीद सकते हैं।
  • गढ़कलेवा में आने वाले ग्राहकों के बैठने के लिये आउटडोर और इनडोर की व्यवस्था की गई है, जहाँ पर ग्राहक पसंदीदा व्यंजनों का स्वाद ले सकते हैं।
  • उल्लेखनीय है कि गढ़कलेवा में ग्रामीण परिवेश का अनुभव कराने के लिये अलग से कुरिया का निर्माण किया गया है। जहाँ पर ज़मीन पर बैठकर छत्तीसगढ़ी व्यंजनों का लुफ्त उठाने के लिये गोबर से लिपाई की गई है। गढ़कलेवा में आकर्षक सेल्फी पाइंट सहित वाईफाई की सुविधा मिलेगी। 

उत्तराखंड Switch to English

गणतंत्र दिवस परेड में दिखेगा उत्तराखंड का छोलिया नृत्य

चर्चा में क्यों?

23 जनवरी, 2023 को उत्तराखंड के सूचना विभाग के संयुक्त निदेशक एवं नोडल अधिकारी के.एस चौहान ने बताया कि गणतंत्र दिवस परेड में अबकी बार उत्तराखंड की झाँकी के साथ कुमाऊँ का पारंपरिक छोलिया नृत्य की प्रस्तुति दिखेगी। इस बार राज्य की झाँकी मानसखंड पर तैयार की गई है।

प्रमुख बिंदु 

  • राज्य के सूचना विभाग के संयुक्त निदेशक एवं नोडल अधिकारी के.एस चौहान के नेतृत्व में उत्तराखंड से 18 कलाकार गणतंत्र दिवस परेड में भाग ले रहे हैं।
  • झाँकी के अग्र व मध्य भाग में कार्बेट नेशनल पार्क में विचरण करते हुए हिरन, बारहसिंघा, घुरल, मोर के अलावा राज्य में पाए जाने वाली विभिन्न पक्षियों, पृष्ठ भाग में प्रसिद्ध जागेश्वर मंदिर समूह और देवदार के वृक्षों को दिखाया जाएगा। प्रसिद्ध लोक कला ‘ऐपण’ का भी झाँकी के मॉडल में शामिल किया गया।
  • संयुक्त निदेशक एवं नोडल अधिकारी के.एस चौहान ने बताया कि कर्तव्य पथ पर इस बार उत्तराखंड की झाँकी मानसखंड सबके लिये आकर्षण का केंद्र रहेगी। केदारनाथ व बदरीनाथ की तर्ज पर कुमाऊँ के पौराणिक मंदिरों के लिये मुख्यमंत्री के निर्देश पर मानसखंड मंदिर माला मिशन योजना पर काम किया जा रहा है।
  • गणतंत्र दिवस परेड के माध्यम से देश-विदेश के लोग मानसखंड के साथ ही उत्तराखंड की लोक संस्कृति से भी परिचित होंगे। राज्य की झाँकी का निर्माण स्मार्ट ग्राफ आर्ट एडवरटाइजिंग प्राइवेट लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है।

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