उत्तर प्रदेश Switch to English
उत्तर प्रदेश का प्रथम राज्य होटल प्रबंधन संस्थान
चर्चा में क्यों?
गोरखपुर में उत्तर प्रदेश का प्रथम राज्य होटल प्रबंधन संस्थान (SIHM) स्थापित किया जाएगा, जिसका उद्देश्य राज्य के पूर्वी क्षेत्र में पर्यटन-संबंधित कौशल विकास और आतिथ्य शिक्षा को बढ़ावा देना है।
मुख्य बिंदु
- संस्थान के बारे में:
- यह संस्थान राज्य पर्यटन और संस्कृति विभाग के अधीन कार्य करेगा तथा इसके शैक्षणिक मानक राष्ट्रीय होटल प्रबंधन एवं कैटरिंग प्रौद्योगिकी परिषद (NCHMCT) के अनुरूप होंगे।
- यह संस्थान होटल संचालन, व्यंजन कला (culinary art), बेकरी, खाद्य उत्पादन और पर्यटन प्रबंधन जैसे प्रमुख क्षेत्रों में डिप्लोमा, डिग्री तथा सर्टिफिकेट कोर्स प्रदान करेगा।
- इससे गोरखपुर, कुशीनगर (बौद्ध सर्किट), लुम्बिनी (नेपाल), श्रावस्ती और वाराणसी सहित क्षेत्र के तेज़ी से विकसित होते पर्यटन पारिस्थितिकी तंत्र को समर्थन हेतु कुशल कार्यबल के सृजन की संभावना है।
- राज्य होटल प्रबंधन संस्थान (SIHM)
- यह राज्य द्वारा संचालित आतिथ्य शिक्षा (hospitality education) संस्थान है, जो भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय के सहयोग से स्थापित किया गया है।
- यह संस्थान पाठ्यक्रम, परीक्षा और मानकों के लिये राष्ट्रीय होटल प्रबंधन तथा कैटरिंग प्रौद्योगिकी परिषद (NCHMCT) के अधीन कार्य करता है।
- इसका उद्देश्य पर्यटन आधारित कौशल विकास, आतिथ्य उद्यमिता और व्यावसायिक प्रशिक्षण को बढ़ावा देना है, ताकि भारत के पर्यटन तथा सेवा क्षेत्र की वृद्धि को समर्थन मिल सके।
राष्ट्रीय करेंट अफेयर्स Switch to English
विश्व मत्स्य दिवस 2025
चर्चा में क्यों?
भारत ने 21 नवंबर, 2025 को विश्व मत्स्य दिवस मनाया, जिसमें सततता, नीली अर्थव्यवस्था के संवर्द्धन तथा मत्स्यपालकों की आजीविका में संरचनात्मक सुधार को केंद्रित करते हुए गतिविधियों का संचालन किया गया।
मुख्य बिंदु
- विश्व मत्स्य दिवस के बारे में:
- प्रतिवर्ष 21 नवंबर को मनाए जाने वाले इस दिवस की उत्पत्ति वर्ष 1997 में विश्व मत्स्य मंच के गठन से संबद्ध है, जब 18 देशों के प्रतिनिधि नई दिल्ली में सतत् मत्स्यन तथा मत्स्यपालक समुदायों के संरक्षण एवं संवर्धन के उद्देश्य से सम्मिलित हुए थे, फलस्वरूप भारत इस वैश्विक आयोजन का उद्गम-स्थल बन गया।
- विषय:
- वर्ष 2025 का विषय है ‘भारत की जलजनित अर्थव्यवस्था में बदलाव: समुद्री खाद्य वस्तुओं के निर्यात में मूल्यवर्धन’।
- रैंकिंग:
- भारत विश्व का दूसरा सबसे बड़ा मत्स्य-उत्पादक देश है तथा विश्व के शीर्ष झींगा उत्पादकों में शामिल है।
- कुल मत्स्य उत्पादन वर्ष 2013–14 के 96 लाख टन से बढ़कर वर्ष 2024–25 में 195 लाख टन हो गया।
- समुद्री उत्पादों का निर्यात 11.08% बढ़ा, जो अक्टूबर 2024 में 0.81 अरब अमेरिकी डॉलर से बढ़कर अक्टूबर 2025 में 0.90 अरब अमेरिकी डॉलर पहुँच गया।
- प्रमुख पहल:
- सरकार ने सुरक्षित, पारदर्शी और वैश्विक मानकों के अनुरूप समुद्री खाद्य आपूर्ति शृंखला सुनिश्चित करने हेतु राष्ट्रीय मत्स्य एवं जलीय कृषि अनुरेखण ढाँचा (National Framework on Traceability in Fisheries & Aquaculture) प्रारंभ किया है।
- EEZ नियमों के तहत मत्स्य-संसाधनों के सतत् उपयोग से पर्यावरणीय रूप से उत्तरदायी गहरे समुद्र में मत्स्यन को प्रोत्साहन मिलता है, जिसमें मत्स्य सहकारी समितियों और FFPOs को प्राथमिकता दी जाती है, जिससे लघु स्तर के मत्स्यपालकों के लिये आय के अवसर सृजित होते हैं।
- ReALCRaft एक डिजिटल मंच है, जो ऑनलाइन पंजीकरण, लाइसेंसिंग, ई-पेमेंट तथा पोत डेटा अपडेट की सुविधा देता है और एकीकृत निरीक्षणों के माध्यम से पेपरलेस मत्स्य प्रशासन सुनिश्चित करता है।
नभमित्र (NABHMITRA) 20 मीटर से कम आकार वाले छोटे पोतों हेतु दो-तरफा उपग्रह संचार प्रणाली है, जो वास्तविक समय में ट्रैकिंग, SOS अलर्ट और मौसम अपडेट प्रदान करती है, जिससे मत्स्यपालकों की सुरक्षा तथा तटीय प्राधिकरणों के साथ समन्वय में सुधार होता है।
H%201.gif)