छत्तीसगढ़ Switch to English
केंद्रीय कोयला सचिव ने एसईसीएल की ‘छाल’ रेल साइडिंग का उद्घाटन किया
चर्चा में क्यों?
20 मई, 2023 को केंद्रीय कोयला मंत्रालय के सचिव अमृत लाल मीणा ने अपने दो दिवसीय छत्तीसगढ़ दौरे के दौरान एसईसीएल, रायगढ़ क्षेत्र में ‘छाल’रेल साइडिंग का उद्घाटन किया और राज्य में स्पेशल परपज व्हीकल (एसपीवी) मॉडल पर विकसित किये जा रहे दो रेल कॉरिडोर की प्रगति का भी जायजा लिया।
प्रमुख बिंदु
- कोयला सचिव अमृत लाल मीणा ने बिलासपुर स्थित एसईसीएल मुख्यालय में दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे (एसईसीआर) के अधिकारियों के साथ छत्तीसगढ़ ईस्ट रेलवे लिमिटेड (सीईआरएल) और छत्तीसगढ़ ईस्ट वेस्ट रेलवे लिमिटेड (सीईडब्ल्यूआरएल) की रेल परियोजनाओं की समीक्षा की।
- छत्तीसगढ़ दौरे के दूसरे दिन कोयला सचिव ने छाल साइडिंग का उद्घाटन किया और रेल रैक को झंडी दिखाकर रवाना किया। इसके साथ ही उन्होनें एसईसीएल के कोरबा कोलफील्ड्स में छत्तीसगढ़ ईस्ट वेस्ट रेलवे लिमिटेड (सीईडब्ल्यूआरएल) परियोजना के तहत गेवरा रोड से पेंड्रा रोड तक बन रही रेलवे लाइन का निरीक्षण किया।
- छाल साइडिंग का निर्माण छत्तीसगढ़ ईस्ट रेलवे लिमिटेड (सीईआरएल) फेज वन परियोजना के तहत किया गया है और यह रायगढ़ क्षेत्र की छाल खदान को सीधे रेल मार्ग से जोड़ेगी और यहाँ से सीधे रेल द्वारा कोयले का प्रेषण किया जाएगा।
- 3000 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से बन रही छत्तीसगढ़ ईस्ट रेलवे लिमिटेड (सीईआरएल) फेज 1 परियोजना का लक्ष्य मांड-रायगढ़ कोलफील्ड्स को रेल से जोड़ना है।
- 24 किमी. लंबी इस परियोजना के तहत खरसिया से धरमजयगढ़ तक 74 किमी. लंबी मेल लाइन चालू हो चुकी है। इसमें घरघोड़ा से पेल्मा तक स्पर लाइनें और छाल, बड़ौद और दुर्गापुर से फीडर लाइनें भी शामिल हैं।
- कोयले के भंडार की दृष्टि से कोरबा कोलफील्ड्स के बाद मांड-रायगढ़ कोलफील्ड्स का स्थान आता है और जैसे-जैसे कोयला उत्पादन बढ़ेगा, ये रेल परियोजनाएँ आने वाले समय में अधिक से अधिक कोयला भेजने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।
- कोरबा कोलफील्ड में संचालित एसईसीएल की मेगा परियोजनाओं से कोयले की ढुलाई में यह परियोजना अहम भूमिका निभाएगी। यह परियोजना 191 किमी. लंबी है जिसमें 3 किमी. की मुख्य लाइन का कार्य शामिल है।
- इस परियोजना में गेवरा रोड, सुरकछार, दीपका, कटघोरा रोड, बिझारा, पुटुआ, मतीन, सेंदुरगढ़, पुटेीपाखाना, भादी, धंगावाँ और पेंड्रा रोड स्टेशन शामिल हैं। इन स्टेशनों पर पूरे कॉरिडोर में रेलवे लाइन के साथ-साथ यात्री सुविधाएँ भी विकसित की जाएंगी।
- सीईडब्ल्यूआरएल परियोजना की कुल लागत लगभग 4970 करोड़ रुपए है और इसकी मुख्य लाइन के लिये भूमि अधिग्रहण और वन मंजूरी का काम पूरा हो चुका है। यह परियोजना अगले साल दिसंबर तक पूरी होने की संभावना है।
- विदित है कि एसईसीएल की गेवरा मेगा परियोजना हाल ही में 50 मिलियन टन कोयला उत्पादन हासिल करने वाली देश की पहली खान बन गई है। इसे वर्तमान में 70 मिलियन टन उत्पादन प्राप्त करने के लिये विस्तारित किया जा रहा है जो इसे एशिया में सबसे बड़ी कोयला उत्पादक खदान बना देगा।

 
             
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