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भामाशाह नीति
चर्चा में क्यों?
राजस्थान सरकार ने भामाशाह नीति 2025 को स्वीकृति दे दी है, जिसका उद्देश्य परोपकारी एवं कॉर्पोरेट योगदानों के माध्यम से विद्यालय अवसंरचना में सुधार करना है।
मुख्य बिंदु
- नीति के बारे में:
- यह नीति व्यक्तिगत दानदाताओं, अनिवासी भारतीयों, कॉर्पोरेट संस्थाओं, ट्रस्टों एवं पूर्व छात्र समूहों को सरकारी विद्यालयों की अवसंरचना को सुदृढ़ करने में योगदान देने हेतु प्रोत्साहित करती है।
- योगदान का उपयोग कक्षाएँ, प्रयोगशालाएँ, पुस्तकालय, स्मार्ट क्लास, खेल के मैदान, पेयजल इकाइयाँ, सीमा दीवारें तथा कैंपस के समग्र सुधार जैसी सुविधाओं के लिये किया जा सकता है।
- दानदाताओं को राज्य पोर्टल के माध्यम से पट्टिका, प्रमाण-पत्र एवं डिजिटल पावती सहित आधिकारिक मान्यता प्रदान की जाएगी।
- शिक्षा विभाग द्वारा दाता-वित्तपोषित परियोजनाओं का समय पर क्रियान्वयन, पारदर्शिता एवं निगरानी सुनिश्चित की जाएगी।
- भामाशाह:
- भामाशाह (1547–1600) मेवाड़ के महाराणा प्रताप के दरबार में एक प्रसिद्ध कोषाध्यक्ष, सेनापति एवं दानवीर थे।
- उन्हें मुगल शासन के विरुद्ध महाराणा प्रताप के संघर्ष में सहयोग देने हेतु अपनी संपूर्ण संपत्ति दान करने के लिये याद किया जाता है।
- उनकी विरासत निस्वार्थ सार्वजनिक सेवा एवं समुदाय-संचालित समर्थन का प्रतीक है, जिसका उल्लेख प्रायः राजस्थान के शासन एवं कल्याणकारी पहलों में किया जाता है।
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