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स्टेट पी.सी.एस.

  • 16 Mar 2023
  • 1 min read
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उत्तर प्रदेश Switch to English

उत्तर प्रदेश में एकल अभिभावक अफसरों को भी दो वर्ष का बाल्य देखभाल अवकाश देने के प्रस्ताव पर सहमति

चर्चा में क्यों?

15 मार्च, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार द्वारा एकल अभिभावक की जिम्मेदारी निभा रहे अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों (आईएएस, आईपीएस व आईएफएस) को भी दो वर्ष (730 दिन) का बाल्य देखभाल अवकाश (सीसीएल) सुविधा देने के प्रस्ताव पर उत्तर प्रदेश सरकार ने अपनी सहमति दे दी है।

प्रमुख बिंदु 

  • उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार द्वारा एकल अभिभावक की जिम्मेदारी निभा रहे अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों (आईएएस, आईपीएस व आईएफएस) को दो वर्ष (730 दिन) का बाल्य देखभाल अवकाश (सीसीएल) सुविधा देने के प्रस्ताव पर राज्यों की राय मांगी गई थी। केंद्रीय कर्मचारियों को इस तरह की सुविधा पहले ही उपलब्ध कराई जा चुकी है।
  • जानकारी के अनुसार बाल्य देखभाल अवकाश की मौजूदा व्यवस्था में कई महत्त्वपूर्ण बदलाव प्रस्तावित हैं। केंद्र सरकार इसके लिये अखिल भारतीय सेवा अवकाश नियम-1955 में संशोधन करने जा रही है। उत्तर प्रदेश सरकार ने रूल में प्रस्तावित सभी पाँच संशोधनों पर सहमति दे दी है।
  • पुरुष अभिभावक को अविवाहित, विधुर या तलाकशुदा के रूप में शामिल किया गया है। 18 वर्ष तक के दो बच्चों की पढ़ाई या बीमारी जैसी स्थितियों में यह सुविधा उपलब्ध होगी।
  • केंद्र सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस छुट्टी का दुरुपयोग बढ़ गया था। प्रस्तावित बदलाव से इसके अनावश्यक उपयोग को हतोत्साहित किया जा सकेगा।   

बिहार Switch to English

बिहार में लागू हुआ फार्मेसी प्रैक्टिस रेगुलेशन

चर्चा में क्यों?

15 मार्च, 2023 को बिहार राज्य फार्मेसी काउंसिल के नवनिर्वाचित सदस्य अर्जेश राज श्रीवास्तव ने बताया कि देश के अन्य राज्यों की तरह बिहार में भी फार्मेसी प्रैक्टिस रेगुलेशन-2015 लागू हो गया। फार्मेसी प्रैक्टिस रेगुलेशन को लागू करने वाला बिहार देश का चौथा राज्य बन गया है।

प्रमुख बिंदु 

  • राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने फार्मेसी प्रैक्टिस रेगुलेशन के लागू होने की जानकारी पटना उच्च न्यायालय को दी है। इसके लागू होते ही अब बिहार में फॉर्मा क्लीनिक खुलने का भी रास्ता साफ हो गया है। इस क्लीनिक के खुलने से दवाखाने में विक्रेता दवाओं की जानकारी देने पर शुल्क वसूल सकेंगे।
  • विदित है कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से हाल ही में फार्मेसी प्रैक्टिस रेगुलेशन 2015 और संशोधन 2021 के सभी प्रावधानों का अनुपालन सुनिश्चित करने का आदेश जारी किया गया है। यह कानून अभी देश के तीन राज्यों- केरल, कर्नाटक और दिल्ली में लागू है।
  • उल्लेखनीय है कि यह रेगुलेशन भारत के राजपत्र में 16 जनवरी, 2015 को ही अधिसूचित किया गया।
  • ज्ञातव्य है कि इस रेगुलेशन को लागू करने के लिये बिहार के एक फार्मासिस्ट मुकेश कुमार ने पटना उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। यहाँ से पक्ष में फैसला नहीं आने पर सर्वोच्च न्यायालय से गुहार लगाई। अंतत: सर्वोच्च न्यायालय ने पटना उच्च न्यायालय को बिहार में फार्मेसी प्रैक्टिस रेगुलेशन का अनुपालन हो रहा है या नहीं, इसे देखने का निर्देश दिया। इसी क्रम में राज्य सरकार ने फार्मेसी प्रैक्टिस रेगुलेशन लागू करने संबंधी आदेश जारी कर दिया।
  • बिहार राज्य फार्मेसी काउंसिल के नवनिर्वाचित सदस्य अर्जेश राज श्रीवास्तव ने बताया कि इस केंद्रीय विधान के प्रभाव में आते ही बिहार फार्मासिस्ट संवर्ग नियमावली प्रभावहीन हो गई है। फार्मेसी प्रैक्टिस रेगुलेशन के लागू होने से फार्मेसी निर्देशालय के गठन का रास्ता साफ हो गया है।
  • फार्मेसी प्रैक्टिस रेगुलेशन में फार्मासिस्ट, सीनियर फार्मासिस्ट, चीफ फार्मासिस्ट और औषधि सूचना भेषजज्ञ के पदों का सृजन होगा। साथ ही इन विभिन्न पदों की योग्यता, इनका प्रयोजन, कर्तव्य, पर्यवेक्षण, औषधियों का उचित भंडारण, प्रबंधन, वितरण, उचित उपयोग, रोगी की देखभाल, समीक्षा मूल्यांकन हेतु दिशा-निर्देश दिया गया है।
  • इसके अंतर्गत सृजित पदों का कार्यस्थल भी तय होगा। विशेषज्ञों के अनुसार इस रेगुलेशन के अक्षरश पालन होने से स्वस्थ बिहार की कल्पना को साकार करने में मदद मिलेगी।
  • फार्मेसी प्रैक्टिस हेतु फार्मासिस्टों को उनके कार्य क्षेत्र के अनुसार चार समूह (कम्युनिटी फार्मासिस्ट, हॉस्पिटल फार्मासिस्ट, ड्रग इन्फॉर्मेशन फार्मासिस्ट और क्लिनिकल फार्मासिस्ट) में बाँटा गया है।
  • धारा - 5 के अनुसार राज्य फार्मेसी काउंसिल राज्य में दवा निर्माण और वितरण के स्थलों की जाँच कर सकता है। दवा निर्माण और वितरण वाले स्थल पर फार्मासिस्ट कार्यरत हैं कि नहीं, इसकी जाँच कर इसकी सूचना काउंसिल के निबंधक के माध्यम से राज्य व केंद्रीय फार्मेसी काउंसिल को सूचना दी जानी है। इससे अवैध दवा कारोबार पर भी अंकुश लगेगा।

राजस्थान Switch to English

प्रदेश में संरक्षित वन क्षेत्र बढ़कर हुआ 3.92 प्रतिशत

चर्चा में क्यों

15 मार्च, 2023 को राजस्थान के वन एवं पर्यावरण मंत्री हेमाराम चौधरी ने बताया कि वर्ष 2018 में राज्य के भौगोलिक क्षेत्रफल का 2.91 प्रतिशत क्षेत्र संरक्षित वन क्षेत्र के अंतर्गत था, जो वर्तमान में बढ़कर 3.92 प्रतिशत हो गया है।

प्रमुख बिंदु 

  • वन एवं पर्यावरण मंत्री हेमाराम चौधरी ने बताया कि विधानसभा ने वन एवं पर्यावरण विभाग की 16 अरब 78 करोड़ 24 लाख 36 हज़ार रुपए की अनुदान मांगें ध्वनिमत से पारित कर दी है।
  • उन्होंने बताया कि राजस्थान के कुल क्षेत्रफल का 9.7 प्रतिशत वन क्षेत्र है। सरकार द्वारा नई वन नीति का अनुमोदन कर 20 प्रतिशत भूमि को वन अच्छादित किये जाने का लक्ष्य रखा गया है।
  • वन मंत्री ने अवगत कराया कि वर्ष 2022-23 में 56 हज़ार 410 हेक्टेयर क्षेत्र में वृक्षारोपण कराया जा चुका है तथा वर्ष 2023-24 में विभिन्न विभागीय योजनाओं में 80 हज़ार हेक्टेयर क्षेत्र में वृक्षारोपण कराया जाएगा।
  • हेमाराम चौधरी ने बताया कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में 9 नये कन्जर्वेशन रिजर्व घोषित किये गए हैं। रणथम्भौर, सरिस्का एवं मुकुंदरा टाइगर हिल्स के बाद रामगढ़ विषधारी अभयारण्य को चौथे टाइगर रिजर्व के रूप में विकसित किया जा रहा है। इसके अलावा धौलपुर में एक टाइगर रिज़र्व को अधिसूचित किये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
  • उन्होंने बताया कि वन क्षेत्रों के बाहर वृक्षारोपण को प्रोत्साहित करने के लिये ग्राम पंचायतों एवं नगरीय निकायों तथा जन सहयोग से ‘ट्री आउट साइड फोरेस्ट इन राजस्थान’नाम से वृहद वृक्षारोपण कार्यक्रम चलाया जाएगा।
  • इस योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2023-24 में 5 करोड़ पौधे तैयार कर वितरित किये जाएंगें।
  • वन मंत्री ने बताया कि राज्य के प्रत्येक ज़िले में एक लव कुश वाटिका विकसित की जा रही है तथा वर्ष 2023-24 में हर ज़िले में एक-एक लव कुश वाटिका और विकसित की जाएंगी। इसके अलावा शहरी क्षेत्र में आगामी वर्ष में 32 करोड़ रुपए के कार्य कराकर ग्रीन लंग्स क्षेत्र विकसित किये जाएंगे।
  • उन्होंने बताया कि राज्य के टाइगर रिज़र्वों से ग्रामों के स्वैच्छिक विस्थापन कार्य को भी गति प्रदान की गई है। सरिस्का टाइगर रिजर्व व मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिज़र्व से तीन-तीन गाँव तथा रणथम्भौर टाइगर रिज़र्व से एक गाँव पूर्णतया विस्थापित कर दिये गए है।
  • हेमाराम चौधरी ने बताया कि राज्य में वन्य जीव प्रेमियों, संस्थाओं तथा कोऑपरेटिव संस्थाओं द्वारा जैविक उद्यानों में वास करने वाले वन्य जीवों को गोद लेने के लिये केपेटिव एनिमल स्पोंसर स्कीम प्रारंभ की गई है।
  • उन्होंने बताया कि राज्य के संरक्षित क्षेत्रों हेतु 24 स्थानों में से 15 क्षेत्रों को इको सेंसेटिव ज़ोन के रूप में अधिसूचित कर दिया गया है।
  • वर्ष 2023-24 में फ्राँस सरकार के सहयोग से राज्य के 13 ज़िलों में 1 हज़ार 693 करोड़ की राजस्थान मानविकी एवं जैव विविधता विकास परियोजना शुरू की जाएगी तथा जाइका के सहयोग से एक हज़ार 803.42 करोड़ रुपए की एक परियोजना राज्य के 19 ज़िलों के लिये तैयार की जा रही है।

राजस्थान Switch to English

पशुपालक सम्मान समारोह

चर्चा में क्यों?

15 मार्च, 2023 को राजस्थान पशुपालन विभाग के निदेशक डॉ. भवानी सिंह राठौड़ ने बताया कि विभाग द्वारा प्रति वर्ष चयनित प्रगतिशील पशुपालकों को सम्मान देने के क्रम में इस वर्ष पशुपालक सम्मान समारोह 22 मार्च को दुर्गापुरा स्थित राज्य कृषि प्रबंधन संस्थान में किया जाएगा।

प्रमुख बिंदु 

  • निदेशक डॉ. भवानी सिंह राठौड़ ने बताया कि राज्य के कुल चयनित 415 पशुपालकों को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के द्वारा सम्मानित किया जाएगा। इस मौके पर राज्य भर से पशुपालक भाग लेंगे।
  • बैठक में आयोजन सचिव डॉ. पी.सी.भाटी ने कार्यक्रम की विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि कार्यक्रम में उपस्थित पशुपालकों को विषय विशेषज्ञों द्वारा विभागीय योजनाओं की जानकारी दी जाएगी।
  • साथ ही इस मौके पर पशुपालक संवाद कार्यक्रम का भी आयोजन किया जाएगा, जिसके अंतर्गत पशुपालकों को पशुपालन में आ रही समस्याओं पर चर्चा की जाएगी।

राजस्थान Switch to English

भारत सिंगापुर के बीच संयुक्त युद्धाभ्यास ‘बोल्ड कुरुक्षेत्र’ जोधपुर में संपन्न

चर्चा में क्यों?

06-13 मार्च, 2023 तक भारतीय सेना और सिंगापुर की सेना के बीच जोधपुर मिलिट्री स्टेशन में द्विपक्षीय अभ्यास ‘बोल्ड कुरुक्षेत्र’का 13वाँ संस्करण संपन्न हुआ।

प्रमुख बिंदु 

  • युद्धाभ्यास की श्रृंखला में पहली बार दोनों देशों की सेनाओं ने एक कमांड पोस्ट अभ्यास में भाग लिया, जिसमें बटालियन और ब्रिगेड स्तर की योजना बनाने वाली इकाईयाँ और कंप्यूटर वॉरगेमिंग शामिल थे। भारतीय सेना द्वारा आयोजित इस अभ्यास में 42वीं बटालियन, सिंगापुर आर्म्ड रेजिमेंट और भारतीय सेना की एक आर्म्ड ब्रिगेड के सैनिक शामिल थे।
  • इस संयुक्त प्रशिक्षण ने उभरते हुए खतरों और उभरती प्रौद्योगिकियों के वातावरण में मैकेनाइज्ड युद्ध की आम समझ को बढ़ावा दिया, साथ ही एक जॉइंट कमांड पोस्ट के माध्यम से नियंत्रित संयुक्त अभियान और सामरिक प्रक्रियाओं का उपयोग करके एक कंप्यूटर सिमुलेशन-आधारित वॉरगेम के माध्यम से अंतर-संचालन क्षमता विकसित की।
  • दोनों टुकड़ियों ने न केवल एक-दूसरे के सैन्य अभ्यास और प्रक्रिया के बारे में सीखा, बल्कि आधुनिक युद्ध क्षेत्र में अपनाए जा रहे आइडिया और सर्वोत्तम प्रथाओं का आदान-प्रदान भी किया।
  • उल्लेखनीय है कि युद्धाभ्यास ‘बोल्ड कुरुक्षेत्र’सिंगापुर सेना और भारतीय सेना के बीच संयुक्त सेना प्रशिक्षण और अभ्यास के लिये द्विपक्षीय व्यवस्था के दायरे में आयोजित किया जाता है। पहली बार 2005 में आयोजित यह अभ्यास दोनों देशों के बीच मज़बूत और लंबे समय से चले आ रहे द्विपक्षीय रक्षा संबंधों को रेखांकित करता है और दोनों सेनाओं के बीच सहयोग को बढ़ाता है।     

 


मध्य प्रदेश Switch to English

प्रदेश में एक अप्रैल से शुरू होगी पशु एम्बुलेंस सेवा

चर्चा में क्यों?

15 मार्च, 2023 को प्रदेश के पशुपालन एवं डेयरी मंत्री प्रेमसिंह पटेल की अध्यक्षता में हुई पशुपालन विभाग की परामर्शदात्री समिति की बैठक में यह जानकारी दी गई कि प्रदेश में एक अप्रैल 2023 से पशु एम्बुलेंस सेवा शुरू हो जाएगी।

प्रमुख बिंदु 

  • पशुपालन विभाग ने एम्बुलेंस में एक डॉक्टर, एक कंपाउंडर, एक ड्राईवर सहित कॉल-सेंटर के लिये 1238 लोगों को रोज़गार से जोड़ा है। एम्बुलेंस में सभी आवश्यक सुविधाएँ रहेंगी।
  • मंत्री प्रेमसिंह पटेल ने कहा कि जिन ग्राम सभाओं में गो-शालाओं का व्यवस्थित संचालन नहीं हो रहा है, वहाँ यह जिम्मेदारी एनजीओ को दे दिया जाए।
  • मंत्री ने कहा कि ब्लॉक में अलग-अलग और छोटी-छोटी गो-शालाओं की जगह एक बड़ी गो-शाला में बेसहारा गायों को रखें। इससे गायों की देखभाल अच्छी होने के साथ गोबर और गो-मूत्र अधिक होने से उनकी आत्म-निर्भरता भी बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि 10 गो-शालाओं को जोड़कर एक गो-वंश वन विहार बनाएँ।
  • बैठक में पशुपालन की विभिन्न केंद्रीय और राज्य की गो-भैंस, बकरी, कुक्कुट-पालन आदि योजनाओं की अद्यतन स्थिति पर भी चर्चा की गई। बकरी-पालन में हितग्राही को शासन द्वारा 60 प्रतिशत की सब्सिडी दी जाती है। केंद्र शासन की 4 करोड़ रुपए की गो-पालन योजना में 2 करोड़ रुपए की सब्सिडी देने का प्रावधान है। साथ ही प्रदेश की आचार्य विद्यासागर योजना में 10 लाख रुपए तक का ऋण 5 गायों के लिये दिया जाता है।
  • पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में ‘डेयरी प्लस योजना’ विदिशा, रायसेन और सीहोर में लागू की गई है। इसमें अनुसूचित जाति-जनजाति को 75 प्रतिशत और सामान्य को 50 प्रतिशत का अनुदान दिया जाता है। विशेष पिछड़ी जनजातियों बैगा, भारिया, सहरिया को 90 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान है।
  • पशुपालन मंत्री ने बताया कि प्रदेश में उच्च नस्ल की बछियों की संख्या बढ़ाने के लिये ब्लॉक स्तर पर नि:शुल्क टीके उपलब्ध कराए जाएंगे। इससे 90 प्रतिशत बछियों का जन्म होगा और अनावश्यक रूप से नर बछड़ों की संख्या नहीं बढ़ेगी। इसके अलावा उच्च नस्ल की अधिक दूध देने वाली गायों के भ्रूण प्रत्यारोपण से भी अच्छी गायों की संख्या बढ़ाई जा रही है।
  • एमपीसीडीसी द्वारा प्रदेश में रोज 7 लाख साँची दूध के पैकेट का वितरण होता है। लगभग 6 हज़ार 800 समितियों से संकलित दूध और उसके उत्पाद प्रदेश में 1100 मिल्क पार्लर, 513 मिल्क बूथ और 5400 प्रायवेट एजेंसियों से घर-घर पहुँचते हैं।
  • बैठक में बताया गया कि पड़ोसी राज्य राजस्थान में लंपी बीमारी से लगभग 70 हज़ार गायों की मृत्यु के बावजूद सतर्कता के चलते मध्य प्रदेश में केवल 696 मृत्यु दर्ज की गई। लंपी बीमारी से बचाव के लिये गायों को लगाए गए 37 लाख 13 हज़ार से अधिक टीकों का इसमें बड़ा योगदान है। 

हरियाणा Switch to English

भिवानी में 298.44 करोड़ रुपए के पीएमईजीपी ऋण स्वीकृत

चर्चा में क्यों?

14 मार्च, 2023 को खादी और ग्रामोद्योग आयोग के अध्यक्ष मनोज कुमार ने प्रधानमंत्री रोज़गार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) योजना के तहत 2989 लाभार्थियों के लिये 16 करोड़ रुपए का मार्जिन मनी अनुदान जारी किया। इन लाभार्थियों को हरियाणा के भिवानी ज़िले में स्थित झुंपा में पीएमईजीपी के तहत उद्यम स्थापित करने के लिये बैंकों द्वारा 298.44 करोड़ रुपए स्वीकृत किये गए हैं।

प्रमुख बिंदु 

  • इस अवसर पर खादी और ग्रामोद्योग आयोग के अध्यक्ष मनोज कुमार ने बताया कि लाभार्थियों की ओर से स्थापित इन इकाइयों के माध्यम से लगभग 24,000 लोगों को अतिरिक्त रोज़गार प्राप्त होगा। इसके अलावा हरियाणा के पीएमईजीपी लाभार्थियों को 67 करोड़ रुपए की स्वीकृत ऋण के बदले 4.44 करोड़ रुपए की मार्जिन मनी अनुदान धनराशि भी वितरित की गई।
  • उल्लेखनीय है कि ‘प्रधानमंत्री रोज़गार सृजन कार्यक्रम-(पीएमईजीपी)’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’के सपने को साकार करने में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। केवीआईसी अपनी योजनाओं और विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से सुदूर क्षेत्रों में कारीगरों के लिये उनके घर में ही बहुत कम लागत पर रोज़गार के अवसर सृजित कर रहा है।
  • इस अवसर पर चर्म कारीगरों के लिये अधिकारिता कार्यक्रम के तहत हरियाणा के 50 लाभार्थियों को फुटवियर निर्माण के लिये उन्नत टूल-किट ऑनलाइन माध्यम के जरिये वितरित की गईं।
  • इसके अलावा केवीआईसी की ‘शहद मिशन’योजना के तहत हरियाणा के 40 प्रशिक्षित लाभार्थियों को मधुमक्खी पालन के लिये 400 मधुमक्खी-बक्से भी ऑनलाइन वितरित किये गए।
  • मनोज कुमार ने बताया कि इन योजनाओं के माध्यम से अधिक से अधिक कारीगरों को टूल किट उपलब्ध कराकर उनके कौशल उन्नयन और उनकी आर्थिक व सामाजिक स्थिति में सुधार करने के प्रयास किये जा रहे हैं, जिससे एक समृद्ध, मजबूत, आत्मनिर्भर और खुशहाल राष्ट्र के निर्माण की दिशा में आगे बढ़ जा सके।
  • विदित है कि पीएमईजीपी योजना के तहत भारत सरकार ने परियोजना की अधिकतम लागत 25 लाख रुपए से बढ़ाकर 50 लाख रुपए और सेवा क्षेत्र में इसे 10 लाख रुपए से बढ़ाकर 20 लाख रुपए कर दी है।
  • इन पीएमईजीपी इकाइयों को स्थापित करने के लिये सरकार शहरी क्षेत्रों में लाभार्थियों को अनुदान के रूप में पूरी परियोजना लागत का 15 फीसदी से 25 फीसदी और ग्रामीण क्षेत्रों में 25 फीसदी से 35 फीसदी हिस्सा प्रदान करती है।
  • इसके अलावा ऋण स्वीकृत होने के बाद लाभार्थियों को उनके चुने हुए उद्यम की स्थापना के संबंध में नि:शुल्क उद्यमिता प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाता है।


झारखंड Switch to English

BIT मेसरा में शुरू होगी ‘साइबर सिक्योरिटी इनिशिएटिव’

चर्चा में क्यों?

15 मार्च, 2023 को झारखंड के राँची के बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (बीआईटी) मेसरा के रजिस्ट्रार डॉ. संदीप दत्ता ने लालपुर एक्सटेंशन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में बताया कि इंटरनेट और मोबाइल के बढ़ते इस्तेमाल से साइबर क्राइम से निजात पाने के उद्देश्य से बीआईटी मेसरा में ‘साइबर सिक्योरिटी इनिशिएटिव’की शुरुआत की जाएगी। आईआईटी कानुपर का सीथ्रीआई हब इसमें सहयोग करेगा।

प्रमुख बिंदु 

  • विदित है कि मोबाइल खोने या चोरी होने पर लोगों के डाटा नष्ट हो जाते हैं. खोये डाटा को वापस कैसे लाया जाए, इस पर शोध की ज़रूरत है। इसी उद्देश्य को पूरा करने के लिये बीआईटी मेसरा में ‘साइबर सिक्योरिटी इनिशिएटिव’की शुरुआत की जाएगी।
  • आईआईटी कानपुर के डिपार्टमेंट ऑफ कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग के सह प्रोजेक्ट डायरेक्टर सीथ्रीआई हब पद्मश्री डॉ. मनिंद्र अग्रवाल ने बताया कि इस करार के तहत संस्थान में साइबर सिक्योरिटी ऑडिट के बाद साइबर सिक्योरिटी पॉलिसी तैयार की जाएगी, ताकि आने वाले समय में डाटा सिक्योरिटी, डाटा रिकवरी, डाटा मॉनिटरिंग के साथ साइबर सिक्योरिटी को मज़बूत किया जा सके।
  • बीआईटी मेसरा के रजिस्ट्रार डॉ. संदीप दत्ता ने बताया कि इस पहल में भारत सरकार के साइबर सेल एडवाइजर सह सुत्रा मॉडल के जनक पद्मश्री डॉ. मनिंद्र अग्रवाल सहयोग करेंगे। आईआईटी कानपुर के सीथ्रीआई हब के साथ करार किया जाएगा।
  • डॉ. मनिंद्र अग्रवाल ने बताया कि इस करार के तहत संस्थान में साइबर सिक्योरिटी ऑडिट के बाद साइबर सिक्योरिटी पॉलिसी के अंतर्गत संस्था के सभी कंप्यूटर और राउटर की लगातार मॉनिटरिंग हो, इसके लिये इन्वेंट्री तैयार की जाएगी।
  • इसके अलावा संस्था के इंजीनियर्स का साइबर हमले से कैसे बचाव किया जा सकता है, इसका प्रशिक्षण दिया जाएगा। साइबर अपराधियों को पकड़ने के लिये ‘हनी पॉट’जैसी आधुनिक तकनीक विकसित की जाएगी।
  • ‘हनी पॉट’ के तहत साइबर हमले के मूल सोर्स को फेक सर्वर में उलझाने की पहल की जाएगी। साथ ही साइबर सुरक्षा को लेकर विद्यार्थियों और प्राध्यापकों के बीच लगातार जागरूकता और प्रशिक्षण कार्यक्रम होंगे।
  • डॉ. मनिंद्र अग्रवाल ने बताया कि देश में टेक्निकल इनोवेशन हब के तहत 25 संस्थानों को अलग-अलग जिम्मेदारियाँ दी गई हैं। सीथ्रीआई हब इसमें साइबर सिक्योरिटी को बढ़ावा देने का काम कर रहा है। इसके लिये बीआइटी के इंजीनियर्स के साथ सीथ्रीआई हब से जुड़े तीन स्टार्टअप टीम मिलकर काम करेगी।
  • विदित है कि बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (बीआईटी) राँची की स्थापना 1955 में इंडस्ट्रियलिस्ट बी. एम. बिड़ला ने की थी। झारखंड की राजधानी राँची से 16 किलोमीटर दूर 780 एकड़ में फैले बीआईटी मेसरा को यूजीसी से डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा प्राप्त है। इस इंस्टीट्यूट को NAAC (नेशनल असेस्मेंट एंड एक्रडिटेशन काउंसिल) और NBA (नेशनल बोर्ड ऑफ एसोसिएशन) से मान्यता मिली हुई है। इस इंस्टीट्यूट का मुख्य कैंपस मेसरा में है जबकि इलाहाबाद, जयपुर, कोलकाता, नोएडा, पटना, देवघर, लालपुर, मस्कट (ओमान) और दुबई में भी इसके कैंपस हैं। 


छत्तीसगढ़ Switch to English

नारको टेस्ट के लिये छत्तीसगढ़ हुआ आत्मनिर्भर, एम्स में नारको टेस्ट की मिली मंजूरी

चर्चा में क्यों?

15 मार्च, 2023 को प्रदेश के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने विधानसभा में जानकारी दी कि नारको टेस्ट के लिये छत्तीसगढ़ अब आत्मनिर्भर बन गया है। रायपुर एम्स में नारको टेस्ट की मंजूरी मिल गई है।

प्रमुख बिंदु 

  • गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने विधानसभा में बताया कि अब बड़े अपराधों में इस्तेमाल किये जाने वाले नारको टेस्ट के लिये देश के बड़े राज्यों में नंबर नहीं लगाना पड़ेगा। राज्य सरकार ने नारको टेस्ट के लिये ज़रूरी औपचारिकताएँ पूरी कर ली हैं और रायपुर एम्स के साथ मिलकर इसके लिये ज़रूरी मशीनें भी मंगा ली गई हैं।
  • गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने विधानसभा में अनुदान मांगों पर चर्चा करते हुए जानकारी दी कि छत्तीसगढ़ पुलिस अपराधियों पर लगाम कसने के लिये लगातार नयी तकनीकों का इस्तेमाल कर रही है।
  • बढ़ते हुए साइबर अपराधों पर नकेल कसने के लिये सभी पाँच रेंज मुख्यालयों में साइबर थानों की स्थापना की जा रही है। अपराधों पर लगाम लगे इसके लिये दुर्ग में फारेंसिंक साइंस लेबोरेट्री कालेज की स्थापना भी की जाएगी।
  • वर्तमान में प्रदेश के 11 ज़िलों में डायल 112 की सुविधा थी जिसमें अब 17 अन्य ज़िलों को भी शामिल कर लिया गया है। इस तरह से अब डायल 112 की सुविधा 28 ज़िलों में होगी।

छत्तीसगढ़ Switch to English

मुख्यमंत्री ने गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों को किया 7 करोड़ 4 लाख रुपए का भुगतान

चर्चा में क्यों?

15 मार्च, 2023 को प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विधानसभा स्थित अपने कार्यालय कक्ष में आयोजित कार्यक्रम में गोधन न्याय योजना के तहत पशुपालक ग्रामीणों, गौठानों से जुड़ी महिला समूहों और गौठान समितियों को 7 करोड़ 4 लाख रुपए की राशि का ऑनलाइन भुगतान किया।

प्रमुख बिंदु 

  • मुख्यमंत्री द्वारा किये गए भुगतान में 16 फरवरी से 28 फरवरी तक गौठानों में पशुपालक ग्रामीणों, किसानों, भूमिहीनों से क्रय किये गए 13 लाख क्विंटल गोबर के एवज में 4 करोड़ 25 लाख रुपए, गौठान समितियों को 1.65 करोड़ रुपए और महिला समूहों को 1.14 करोड़ रुपए की लाभांश राशि शामिल हैं।
  • 16 फरवरी से 28 फरवरी तक गौठानों में कुल 13 लाख क्विंटल गोबर की खरीदी हुई है, जिसके एवज में गोबर विक्रेताओं को अंतरित की जाने वाली 4.25 करोड़ रुपए की राशि में से 1.92 करोड़ की राशि कृषि विभाग द्वारा तथा 2.33 करोड़ रुपए का भुगतान स्वावलंबी गौठानों द्वारा किया जाएगा।
  • स्वावलंबी गौठानों द्वारा गोबर खरीदी के एवज में अब तक 52 करोड़ रुपए का भुगतान स्वयं की राशि से किया गया है।
  • गौरतलब है कि ‘गोधन न्याय योजना’ के तहत राज्य में हितग्राहियों को आज भुगतान की गई राशि को मिलाकर अब तक 419 करोड़ 25 लाख रुपए का भुगतान किया जा चुका है।
  • गोबर विक्रेताओं से क्रय किये गए गोबर के एवज में 215 करोड़ 50 लाख रुपए का भुगतान किया जा चुका है। गौठान समितियों एवं महिला स्व-सहायता समूहों को अब तक 185 करोड़ 77 लाख रुपए का भुगतान किया जा चुका है।
  • छत्तीसगढ़ राज्य में 20 जुलाई, 2020 से गोधन न्याय योजना के तहत 2 रुपए प्रति किलो के मूल्य पर गोबर की खरीदी की जा रही है। राज्य में 28 फरवरी, 2023 तक गौठानों में 75 लाख क्विंटल गोबर की खरीदी की गई है।
  • मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि बड़ी संख्या में गौठान स्वावलंबी हो रहे हैं। स्वावलंबी गौठानों को प्रोत्साहित करने के लिये गौठानों की संचालन समिति के अध्यक्ष और सदस्य को मानदेय प्रदान करने का निर्णय लिया गया है।
  • उन्होंने कहा कि अब गोबर से अन्य उत्पादों के बनाने के अलावा बिजली बनाने का काम शुरू हो गया है। बस्तर के डोमरपाल में गोबर से बिजली बनाने के संयंत्र को ग्रिड से सिंक्रोनाईज किया जा चुका है। इससे बनने वाली बिजली की दर 9 रुपए प्रति यूनिट तय कर दी गई है।
  • उल्लेखनीय है कि गोधन न्याय योजना के तहत गोबर खरीदी में स्वावलंबी गौठान न सिर्फ अपनी सहभागिता निभा रहे हैं बल्कि निरंतर बढ़त बनाए हुए हैं। बीते कई पखवाड़ों से गोबर खरीदी के एवज में भुगतान की जा रही राशि में स्वावलंबी गौठानों की हिस्सेदारी 60 से 70 प्रतिशत तक रही है।
  • वर्तमान में 50 फीसदी से अधिक गौठान स्वावलंबी हो चुके हैं, जो स्वयं की राशि से गोबर एवं गौमूत्र की खरीदी के साथ-साथ गौठान की अन्य गतिविधियों को स्वयं की राशि से पूरा कर रहे हैं।

उत्तराखंड Switch to English

उत्तराखंड बजट- 2023-2024

चर्चा में क्यों?

15 मार्च, 2023 को उत्तराखंड के वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने प्रदेश का वर्ष 2023-24 के लिये 77407.08 करोड़ का बजट पेश जिसमें रोज़गार, निवेश और पयर्टन पर फोकस किया गया है।

प्रमुख बिंदु 

  • प्रदेश के वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया कि 2025 में उत्तराखंड को देश का अग्रणीय राज्य बनाने की दिशा में सरकार का इस वर्ष का बजट अहम भूमिका निभाएगा। सरकार ने राज्य के विकास से लिये जो भी प्राथमिकताएँ तय की हैं, उनकी झलक बजट में दिखाई देगी।
  • उन्होंने बताया कि वर्ष 2023-24 के बजट में समावेशी विकास, आखिरी व्यक्ति तक पहुँच और वंचितों को वरीयता, बुनियादी ढाँचे का विकास, निवेश क्षमता विस्तार, हरित विकास, युवा शक्ति एवं वित्तीय क्षेत्र को वक्त का तकाजा मानते हुए नीतिगत बदलाव व बजटीय प्रावधान किये गए हैं।
  • सात बिंदुओं पर है बजट का फोकस-
    • मानव पूंजी में निवेश पर ज़ोर दिया गया है।
    • समावेशी विकास के तहत अंतिम छोर तक खड़े व्यक्ति तक विकास को पहुँचाना और नए अवसर का उपयोग करने के लिये प्लेटफॉर्म देना।
    • स्वास्थ्य सुविधाओं की सुविधा।
    • पूंजीगत व्यय में सार्वजनिक संपत्ति का संवर्द्धन एव संरक्षण।
    • निर्बाध एवं सुरक्षित संयोजकता।
    • प्रोद्योगिक एवं आधुनिक विकास।
    • इकोलॉजी एवं इकोनॉमी में संतुलन।
  • वर्ष 2022-23 के बजट के महत्त्वपूर्ण बिंदु -
    • बजट में रोज़गार, निवेश और पयर्टन पर फोकस किया गया है।
    • गैरसैंण में धामी सरकार का यह पहला पूर्ण बजट है।
    • माध्यमिक विद्यालयों के लिये उत्कृष्ट कलस्टर के लिये 51 करोड़ रुपए का प्रावधान।
    • उच्च शिक्षा में छात्रवृत्ति के लिये 10 करोड़ रुपए का प्रावधान।
    • उच्च शिक्षा में अनुसंधान के लिये दो करोड़ रुपए का प्रावधान।
    • मुख्यमंत्री प्रतिभा प्रोत्साहन के लिये 11 करोड़ रुपए का प्रावधान।
    • लोक सेवा आयोग की तैयारी के लिये 50 हज़ार रुपए।
    • भर्तियों में घोटाला करने वालों के खिलाफ कड़े कानून।
    • NCC कैडेट का भत्ता बढ़ाया है।
    • बजट में युवा शक्ति पर विशेष फोकस किया गया है।
    • पिछड़ी जातियों की छात्राओं के लिये एक करोड़ 90 लाख रुपए की छात्रवृत्ति का प्रावधान।
    • 2025 तक राज्य को सर्वश्रेष्ठ बनाने की दिशा में काम।
    • जी-20 के लिये 100 करोड़ रुपए का प्रावधान।
    • बालिका साइकिल योजना के लिये 15 करोड़ रुपए का प्रावधान।
    • स्वरोज़गार योजना के लिये 40 हज़ार करोड़ का प्रावधान। 


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