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छत्तीसगढ़

मुख्यमंत्री ने गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों को किया 7 करोड़ 4 लाख रुपए का भुगतान

  • 16 Mar 2023
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

15 मार्च, 2023 को प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विधानसभा स्थित अपने कार्यालय कक्ष में आयोजित कार्यक्रम में गोधन न्याय योजना के तहत पशुपालक ग्रामीणों, गौठानों से जुड़ी महिला समूहों और गौठान समितियों को 7 करोड़ 4 लाख रुपए की राशि का ऑनलाइन भुगतान किया।

प्रमुख बिंदु 

  • मुख्यमंत्री द्वारा किये गए भुगतान में 16 फरवरी से 28 फरवरी तक गौठानों में पशुपालक ग्रामीणों, किसानों, भूमिहीनों से क्रय किये गए 13 लाख क्विंटल गोबर के एवज में 4 करोड़ 25 लाख रुपए, गौठान समितियों को 1.65 करोड़ रुपए और महिला समूहों को 1.14 करोड़ रुपए की लाभांश राशि शामिल हैं।
  • 16 फरवरी से 28 फरवरी तक गौठानों में कुल 13 लाख क्विंटल गोबर की खरीदी हुई है, जिसके एवज में गोबर विक्रेताओं को अंतरित की जाने वाली 4.25 करोड़ रुपए की राशि में से 1.92 करोड़ की राशि कृषि विभाग द्वारा तथा 2.33 करोड़ रुपए का भुगतान स्वावलंबी गौठानों द्वारा किया जाएगा।
  • स्वावलंबी गौठानों द्वारा गोबर खरीदी के एवज में अब तक 52 करोड़ रुपए का भुगतान स्वयं की राशि से किया गया है।
  • गौरतलब है कि ‘गोधन न्याय योजना’ के तहत राज्य में हितग्राहियों को आज भुगतान की गई राशि को मिलाकर अब तक 419 करोड़ 25 लाख रुपए का भुगतान किया जा चुका है।
  • गोबर विक्रेताओं से क्रय किये गए गोबर के एवज में 215 करोड़ 50 लाख रुपए का भुगतान किया जा चुका है। गौठान समितियों एवं महिला स्व-सहायता समूहों को अब तक 185 करोड़ 77 लाख रुपए का भुगतान किया जा चुका है।
  • छत्तीसगढ़ राज्य में 20 जुलाई, 2020 से गोधन न्याय योजना के तहत 2 रुपए प्रति किलो के मूल्य पर गोबर की खरीदी की जा रही है। राज्य में 28 फरवरी, 2023 तक गौठानों में 75 लाख क्विंटल गोबर की खरीदी की गई है।
  • मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि बड़ी संख्या में गौठान स्वावलंबी हो रहे हैं। स्वावलंबी गौठानों को प्रोत्साहित करने के लिये गौठानों की संचालन समिति के अध्यक्ष और सदस्य को मानदेय प्रदान करने का निर्णय लिया गया है।
  • उन्होंने कहा कि अब गोबर से अन्य उत्पादों के बनाने के अलावा बिजली बनाने का काम शुरू हो गया है। बस्तर के डोमरपाल में गोबर से बिजली बनाने के संयंत्र को ग्रिड से सिंक्रोनाईज किया जा चुका है। इससे बनने वाली बिजली की दर 9 रुपए प्रति यूनिट तय कर दी गई है।
  • उल्लेखनीय है कि गोधन न्याय योजना के तहत गोबर खरीदी में स्वावलंबी गौठान न सिर्फ अपनी सहभागिता निभा रहे हैं बल्कि निरंतर बढ़त बनाए हुए हैं। बीते कई पखवाड़ों से गोबर खरीदी के एवज में भुगतान की जा रही राशि में स्वावलंबी गौठानों की हिस्सेदारी 60 से 70 प्रतिशत तक रही है।
  • वर्तमान में 50 फीसदी से अधिक गौठान स्वावलंबी हो चुके हैं, जो स्वयं की राशि से गोबर एवं गौमूत्र की खरीदी के साथ-साथ गौठान की अन्य गतिविधियों को स्वयं की राशि से पूरा कर रहे हैं।
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