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हरियाणा

भिवानी में 298.44 करोड़ रुपए के पीएमईजीपी ऋण स्वीकृत

  • 16 Mar 2023
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

14 मार्च, 2023 को खादी और ग्रामोद्योग आयोग के अध्यक्ष मनोज कुमार ने प्रधानमंत्री रोज़गार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) योजना के तहत 2989 लाभार्थियों के लिये 16 करोड़ रुपए का मार्जिन मनी अनुदान जारी किया। इन लाभार्थियों को हरियाणा के भिवानी ज़िले में स्थित झुंपा में पीएमईजीपी के तहत उद्यम स्थापित करने के लिये बैंकों द्वारा 298.44 करोड़ रुपए स्वीकृत किये गए हैं।

प्रमुख बिंदु 

  • इस अवसर पर खादी और ग्रामोद्योग आयोग के अध्यक्ष मनोज कुमार ने बताया कि लाभार्थियों की ओर से स्थापित इन इकाइयों के माध्यम से लगभग 24,000 लोगों को अतिरिक्त रोज़गार प्राप्त होगा। इसके अलावा हरियाणा के पीएमईजीपी लाभार्थियों को 67 करोड़ रुपए की स्वीकृत ऋण के बदले 4.44 करोड़ रुपए की मार्जिन मनी अनुदान धनराशि भी वितरित की गई।
  • उल्लेखनीय है कि ‘प्रधानमंत्री रोज़गार सृजन कार्यक्रम-(पीएमईजीपी)’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’के सपने को साकार करने में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। केवीआईसी अपनी योजनाओं और विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से सुदूर क्षेत्रों में कारीगरों के लिये उनके घर में ही बहुत कम लागत पर रोज़गार के अवसर सृजित कर रहा है।
  • इस अवसर पर चर्म कारीगरों के लिये अधिकारिता कार्यक्रम के तहत हरियाणा के 50 लाभार्थियों को फुटवियर निर्माण के लिये उन्नत टूल-किट ऑनलाइन माध्यम के जरिये वितरित की गईं।
  • इसके अलावा केवीआईसी की ‘शहद मिशन’योजना के तहत हरियाणा के 40 प्रशिक्षित लाभार्थियों को मधुमक्खी पालन के लिये 400 मधुमक्खी-बक्से भी ऑनलाइन वितरित किये गए।
  • मनोज कुमार ने बताया कि इन योजनाओं के माध्यम से अधिक से अधिक कारीगरों को टूल किट उपलब्ध कराकर उनके कौशल उन्नयन और उनकी आर्थिक व सामाजिक स्थिति में सुधार करने के प्रयास किये जा रहे हैं, जिससे एक समृद्ध, मजबूत, आत्मनिर्भर और खुशहाल राष्ट्र के निर्माण की दिशा में आगे बढ़ जा सके।
  • विदित है कि पीएमईजीपी योजना के तहत भारत सरकार ने परियोजना की अधिकतम लागत 25 लाख रुपए से बढ़ाकर 50 लाख रुपए और सेवा क्षेत्र में इसे 10 लाख रुपए से बढ़ाकर 20 लाख रुपए कर दी है।
  • इन पीएमईजीपी इकाइयों को स्थापित करने के लिये सरकार शहरी क्षेत्रों में लाभार्थियों को अनुदान के रूप में पूरी परियोजना लागत का 15 फीसदी से 25 फीसदी और ग्रामीण क्षेत्रों में 25 फीसदी से 35 फीसदी हिस्सा प्रदान करती है।
  • इसके अलावा ऋण स्वीकृत होने के बाद लाभार्थियों को उनके चुने हुए उद्यम की स्थापना के संबंध में नि:शुल्क उद्यमिता प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाता है।

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