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राजस्थान स्टेट पी.सी.एस.

  • 13 Dec 2025
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आँगनवाड़ी कार्यकर्त्ताओं को IT ट्रेनिंग

चर्चा में क्यों?

राजस्थान में आँगनवाड़ी कार्यकर्त्ताओं और नवनियुक्त पर्यवेक्षकों को IT प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि वे अपनी प्रौद्योगिकी-सक्षम ज़िम्मेदारियों को बेहतर तरीके से निभा सकें, विशेषकर मोबाइल-आधारित अनुप्रयोगों के माध्यम से निगरानी से जुड़े कार्यों में।

प्रमुख बिंदु

  • मंत्री की घोषणा: महिला एवं बाल विकास मंत्री दीया कुमारी ने एकीकृत बाल विकास सेवा निदेशालय की समीक्षा बैठक में यह घोषणा की।
  • नियमित प्रशिक्षण पर ज़ोर: मंत्री ने गुणवत्तापूर्ण सेवा वितरण सुनिश्चित करने के लिये आँगनवाड़ी सहायकों, कर्मचारियों, पर्यवेक्षकों और अन्य अधिकारियों के लिये नियमित IT-आधारित प्रशिक्षण के महत्त्व पर ज़ोर दिया।
  • आँगनवाड़ी केंद्र का विकास: अधिकारियों को आँगनवाड़ी केंद्रों के विकास में तेजी लाने का निर्देश दिया गया, जिसमें शौचालय, पेयजल और विद्युतीकरण जैसी बुनियादी सुविधाओं में सुधार पर ध्यान केंद्रित किया गया।
  • सरकारी प्रतिबद्धता: राज्य सरकार आँगनवाड़ी केंद्रों के बुनियादी ढाँचे को बेहतर बनाने और समग्र विकास के लिये प्रतिबद्ध है ताकि समुदाय को बेहतर सेवा प्रदान की जा सके।

ICDS योजना और आँगनवाड़ी

  • परिचय: भारत में ICDS योजना 2 अक्तूबर 1975 को प्रारंभ की गई थी। इसका नाम बदलकर आँगनवाड़ी सेवाएँ कर दिया गया और अब ये सेवाएँ सक्षम आँगनवाड़ी और पोषण 2.0 के अंतर्गत प्रदान की जाती हैं ।
    • यह एक केंद्रीय प्रायोजित योजना है जिसे राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा लागू किया जाता है। इसका उद्देश्य 0–6 वर्ष के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और धात्री माताओं को प्रारंभिक बाल देखभाल एवं विकास सेवाएँ प्रदान करना है। यह कार्य आँगनवाड़ी कार्यकर्त्ताओं (AWW) और सहायिकाओं (AWH) के बड़े नेटवर्क के माध्यम से किया जाता है।
  • आँगनवाड़ी द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाएँ: ये सेवाएँ देश भर में आँगनवाड़ी केंद्रों के माध्यम से सभी पात्र लाभार्थियों, अर्थात् 0-6 वर्ष की आयु वर्ग के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को प्रदान की जाती हैं।
    • इनमें से तीन सेवाएँ, अर्थात् टीकाकरण, स्वास्थ्य संबंधी जाँच और रेफरल सेवाएँ, स्वास्थ्य से संबंधित हैं और राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन एवं सार्वजनिक स्वास्थ्य अवसंरचना के माध्यम से प्रदान की जाती हैं।
  • आँगनवाड़ी सेवाओं की निगरानी: ICT प्लेटफॉर्म पोषण ट्रैकर को देश भर में आँगनवाड़ी सेवाओं के कार्यान्वयन और निगरानी पर वास्तविक समय के डेटा को एकत्रित करने के लिये डिज़ाइन किया गया है।
    • यह आँगनवाड़ी केंद्र (AWC) की गतिविधियों, आँगनवाड़ी कार्यकर्त्ताओं (AWW) द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं और लाभार्थियों के संपूर्ण प्रबंधन के 360 डिग्री का व्यापक अवलोकन प्रदान करता है।

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प्रणब मुखर्जी की जयंती

चर्चा में क्यों?

भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने 11 दिसंबर 2025 को राष्ट्रपति भवन में भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की जयंती पर उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की।

Birth Anniversary of Pranab Mukherjee

प्रमुख बिंदु

  • प्रारंभिक जीवन: उनका जन्म 11 दिसंबर 1935 को पश्चिम बंगाल के मिराती में हुआ था। वे एक स्वतंत्रता सेनानी के पुत्र थे और भारत की स्वतंत्रता में अपने पिता के योगदान से प्रेरित थे।
  • शिक्षा और करियर: उन्होंने कलकत्ता विश्वविद्यालय से इतिहास, राजनीति विज्ञान और कानून में डिग्री प्राप्त की और वर्ष 1969 में राजनीति में प्रवेश करने से पूर्व एक कॉलेज शिक्षक तथा पत्रकार के रूप में कार्य किया।
  • राजनीतिक अनुभव: उन्होंने विदेश, रक्षा, वाणिज्य और वित्तमंत्री सहित विभिन्न उच्च पदों पर कार्य किया जिसके साथ ही वे संसद के दोनों सदनों के लिये कई बार निर्वाचित भी हुए
  • प्रमुख योगदान: उन्होंने वर्ष 2004 से 2012 तक अपने कार्यकाल के दौरान प्रशासनिक सुधारों, खाद्य सुरक्षा, ऊर्जा सुरक्षा, UIDAI, मेट्रो रेल और अन्य संबंधित नीतिगत निर्णयों में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।
  • कूटनीतिक भूमिका: उन्होंने IMF, विश्व बैंक, संयुक्त राष्ट्र महासभा और राष्ट्रमंडल सम्मेलन जैसे अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर भारत का प्रतिनिधित्व किया।
  • राष्ट्रपति पद: पाँच दशकों से अधिक के विशिष्ट राजनीतिक करियर के बाद, वे 25 जुलाई 2012 को भारत के 13वें राष्ट्रपति बने
  • पुरस्कार: उन्हें कई पुरस्कार प्राप्त हुए, जिनमें वर्ष 2008 में पद्म विभूषण, सर्वश्रेष्ठ सांसद पुरस्कार, 1997 और कई अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालयों से मानद डॉक्टरेट शामिल हैं।
  • प्रकाशन एवं मान्यता: एक विपुल लेखक के रूप में, उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था और राष्ट्र निर्माण पर व्यापक रूप से लेखन किया और उन्हें वर्ष 1984 और 2010 में विश्व के सर्वश्रेष्ठ वित्त मंत्रियों में से एक के रूप में मान्यता दी गई।

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भारत को जूनियर हॉकी में ऐतिहासिक कांस्य पदक

चर्चा में क्यों?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतर्राष्ट्रीय हॉकी महासंघ (FIH) पुरुष जूनियर हॉकी विश्व कप 2025 में कांस्य पदक जीतने पर भारत की पुरुष जूनियर हॉकी टीम को बधाई दी।

प्रमुख बिंदु

  • ऐतिहासिक उपलब्धि: भारत ने जूनियर विश्व कप में पहला कांस्य पदक जीता, यह वर्ष 2016 में स्वर्ण पदक जीतने के बाद टूर्नामेंट में पहला पदक है।
  • कांस्य पदक मैच: कांस्य पदक मैच में भारत ने अर्जेंटीना को 0-2 से पीछे छोड़ने के बाद शानदार वापसी करते हुए 4-2 से हराया।
  • टूर्नामेंट का फाइनल: जर्मनी ने निर्धारित समय में 1-1 से ड्रॉ रहने के बाद पेनल्टी शूटआउट में स्पेन को 3-2 से हराकर अपना आठवाँ जूनियर विश्व कप खिताब जीता।
  • राष्ट्रीय प्रेरणा: प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि टीम के शानदार प्रदर्शन से देश भर के अनगिनत युवा खिलाड़ियों को प्रेरणा मिलेगी।

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