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मध्य प्रदेश स्टेट पी.सी.एस.

  • 03 Oct 2024
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मध्य प्रदेश के नए मुख्य सचिव

चर्चा में क्यों?

वरिष्ठ IAS अधिकारी अनुराग जैन को मध्य प्रदेश का नया मुख्य सचिव नियुक्त किया गया है । 

प्रमुख बिंदु 

  • नियुक्ति: 
    • अनुराग जैन को मध्य प्रदेश का 35वाँ मुख्य सचिव नियुक्त किया गया है।
    • वह 1989 बैच के वरिष्ठ IAS अधिकारी हैं ।
    • वह प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) में संयुक्त सचिव के पद पर कार्यरत थे।
    • इस नियुक्ति से पहले जैन केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय में सचिव के पद पर कार्यरत थे ।
    • उनके उत्कृष्ट कार्य के लिये उन्हें वर्ष 2023 में प्रधानमंत्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

मुख्य सचिव 

  • मुख्य सचिव राज्य सरकार में सर्वोच्च पद का सिविल सेवक होता है, जो समग्र प्रशासन और सरकारी कार्यों के समन्वय के लिये ज़िम्मेदार होता है।
  • नियुक्ति: मुख्य सचिव का चयन मुख्यमंत्री करते हैं, जो आमतौर पर एक IAS अधिकारी होता है। मुख्यमंत्री केंद्र सरकार, मंत्रिमंडलीय सहयोगियों या कैबिनेट से परामर्श कर सकते हैं, लेकिन यह अनिवार्य नहीं है।
  • भूमिका और ज़िम्मेदारियाँ:
    • प्रशासनिक प्रमुख: मुख्यमंत्री के प्रमुख सलाहकार के रूप में कार्य करता है और राज्य सरकार के प्रशासन की देखरेख करता है।
    • समन्वय: राज्य सरकार के भीतर विभिन्न विभागों और एजेंसियों के बीच समन्वय सुनिश्चित करता है।
    • नीति कार्यान्वयन: राज्य स्तर पर सरकारी नीतियों और कार्यक्रमों के कार्यान्वयन के लिये ज़िम्मेदार।
    • संपर्क: राज्य सरकार और केंद्र सरकार के बीच संपर्क का कार्य करता है।

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मध्य प्रदेश ने हीटवेव को आपदा की श्रेणी में रखा

चर्चा में क्यों?

मध्य प्रदेश सरकार ने हीटवेव को प्राकृतिक आपदाओं के रूप में वर्गीकृत किया है, जिससे पीड़ितों को मुआवज़ा दिया जा सके

प्रमुख बिंदु 

  • वित्तीय सहायता:
    • हीटवेव के कारण मृत्यु का शिकार होने वाले व्यक्तियों को बाढ़ और भूकंप जैसी अन्य प्राकृतिक आपदाओं के लिये दिये जाने वाले मुआवज़े के समान मुआवजा मिलेगा।
  • विधिक ढाँचा:
    • केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देशों के बाद, मध्य प्रदेश आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत हीटवेव को आधिकारिक तौर पर स्थानीय आपदा के रूप में अधिसूचित किया गया है।
    • यह विनियमन वर्ष 2025 की गर्मियों में प्रभावी होगा।
  • प्रभावितों की संख्या और स्वास्थ्य पर प्रभाव:
    • उत्तर भारत में हाल ही में हीटवेव के कारण 114 लोगों की मृत्यु हो गई तथा 1 मार्च से 19 जून, 2024 तक 40,000 से अधिक संदिग्ध हीटस्ट्रोक के मामले सामने आए।
    • हीटस्ट्रोक से सबसे अधिक मौतें उत्तर प्रदेश (37), बिहार (17), राजस्थान (16) और ओडिशा (13) में दर्ज की गईं।
  • हीटवेव की प्रकृति:
    • हीटवेव की विशेषता अत्यधिक उच्च तापमान और उच्च आर्द्रता है, जो आमतौर पर अप्रैल से जून तक होती है।
    • इनसे गंभीर स्वास्थ्य ज़ोखिम उत्पन्न होते हैं, जिनमें हीटस्ट्रोक और निर्जलीकरण शामिल हैं, तथा कृषि, जलापूर्ति और सार्वजनिक स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।

हीटवेव

  • परिचय:
  • हीटवेव अत्यधिक गर्म मौसम की दीर्घावधि है जो मानव स्वास्थ्य, पर्यावरण और अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है।
    • भारत एक उष्णकटिबंधीय देश है, इसलिये यहाँ हीटवेव का विशेष रूप से खतरा रहता है, जो हाल के वर्षों में अधिक तीव्र हो गई हैं।
  • भारत में हीट वेव घोषित करने के मानदंड:
    • मैदानी और पहाड़ी क्षेत्र:
      • यदि किसी स्थान का अधिकतम तापमान मैदानी क्षेत्रों के लिये कम से कम 40°C या उससे अधिक तथा पहाड़ी क्षेत्रों के लिये कम से कम 30°C या उससे अधिक हो जाए तो उसे हीटवेव माना जाता है।
      • सामान्य हीटवेव से विचलन के आधार पर: सामान्य से विचलन 4.50°C से 6.40°C है।
        • गंभीर हीटवेव: सामान्य से विचलन > 6.40°C है।
      • वास्तविक अधिकतम तापमान के आधार पर हीटवेव: जब वास्तविक अधिकतम तापमान ≥45°C हो।
        • गंभीर हीटवेव: जब वास्तविक अधिकतम तापमान ≥47°C हो।
      • यदि किसी मौसम विज्ञान उपविभाग में कम से कम 2 स्टेशनों में उपर्युक्त मानदंड कम से कम दो लगातार दिनों तक पूरे होते हैं, तो दूसरे दिन इसकी घोषणा कर दी जाती है।
  • तटीय क्षेत्र:
    • जब अधिकतम तापमान सामान्य से 4.50°C या अधिक हो, तो उसे हीटवेव कहा जा सकता है, बशर्ते वास्तविक अधिकतम तापमान 37°C या अधिक हो।

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