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स्टेट पी.सी.एस.

  • 03 Aug 2022
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उत्तर प्रदेश Switch to English

उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान के वर्ष 2021 के पुरस्कार-सम्मान घोषित

चर्चा में क्यों?

2 अगस्त, 2022 को उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान के वर्ष 2021 के सम्मान और पुरस्कार की घोषणा गई। संस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. सदानंद प्रसाद गुप्त की अध्यक्षता में हुई बैठक में सर्वसम्मति से विद्वानों के नामों का चयन किया गया।

प्रमुख बिंदु 

  • संस्थान का सर्वोच्च सम्मान ‘भारत भारती’ दिल्ली विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग के पूर्व प्रोफेसर डॉ. रमानाथ त्रिपाठी को दिया गया। भारत भारती सम्मान के तहत दी जाने वाली सम्मान राशि 8 लाख रुपए है। सम्मान सूची में लखनऊ से डॉ. ओ.पी. मिश्रा व हृदय नारायण दीक्षित समेत 18 साहित्यकारों के नाम शामिल हैं।
  • संस्थान की ओर से पाँच लाख रुपए की राशि वाले सम्मान की श्रेणी में लोहिया साहित्य सम्मान देहरादून (उत्तराखंड) के बुद्धिनाथ मिश्र को, गुरुग्राम (हरियाणा) से डॉ. गिरिराज शरण अग्रवाल को हिन्दी गौरव सम्मान, नंदुरबार (महाराष्ट्र) के डॉ. विश्वास किसान पाटिल को महात्मा गांधी साहित्य सम्मान, गौतमबुद्ध नगर (उत्तर प्रदेश) के डॉ. रामशरण गौड़ को पं. दीनदयाल उपाध्याय साहित्य सम्मान, लखनऊ के डॉ. ओम प्रकाश मिश्र को अवंती बाई साहित्य सम्मान, लखनऊ के हृदय नारायण दीक्षित को अटल बिहारी वाजपेयी सम्मान के लिये चुना गया है।
  • संस्थान की ओर से साहित्य भूषण सम्मान के लिये 5 लाख रुपए की धनराशि दी जाती है। इस सम्मान के लिये निम्नलिखित साहित्यकारों का चयन किया गया है-
    • हितेश कुमार शर्मा, बिजनौर, उ.प्र.
    • डॉ. रघुवीर सिंह अरविंद, अलीगढ़, उ.प्र.
    • डॉ. प्रीति श्रीवास्तव कबीर, लखनऊ, उ.प्र.
    • किशन स्वरूप, मेरठ, उत्तर प्रदेश
    • डॉ. उमाशंकर शुक्ल शितिकंठ, लखनऊ
    • डॉ. नताशा अरोड़ा, नोएडा, उ.प्र.
    • जयप्रकाश शर्मा जनकवि प्रकाश, प्रयागराज, उ.प्र.
    • डॉ. अशोक कुमार शर्मा, लखनऊ, उ.प्र.
    • डॉ. दयानिधि मिश्र, वाराणसी, उ.प्र.
    • डॉ. सभापति मिश्र, प्रयागराज, उ.प्र.
    • डॉ. प्रमोद कुमार अग्रवाल, झांसी, उ.प्र.
    • शिवानंद सिंह सहयोगी, मेरठ, उ.प्र.
    • डॉ. नरेश मिश्र, रोहतक, हरियाणा
    • डॉ. रूपसिंह चंदेल, धारुहेड़ा, हरियाणा
    • डॉ. सुशील सरित, आगरा, उ.प्र.
    • शची मिश्र, पुणे, महाराष्ट्र
    • विजयशंकर मिश्र भास्कर, सुल्तानपुर, उ.प्र.
    • गिरीश पंकज, रायपुर, छत्तीसगढ़
    • शिवदयाल, पटना, बिहार
    • डॉ. नीरजा माधव, वाराणसी, उ.प्र.
  • 2.5 लाख रुपए की सम्मान राशि वाले पुरस्कार
    • लोकभूषण- डॉ. महेंद्र भनावत, उदयपुर, राजस्थान
    • कलाभूषण- डॉ. हृदय गुप्त, कानपुर, उ.प्र.
    • विद्या भूषण- विजय चितौरी, प्रयागराज, उ.प्र.
    • पत्रकारिता भूषण- बलबीर पुंज, नोएडा, उ.प्र.
    • प्रवासी भारतीय हिन्दी भूषण- डॉ. नलिनी बलबीर, पेरिस (फ्राँस)
    • हिन्दी विदेश प्रसार- कल्पना लालजी, मॉरीशस
    • बाल साहित्य भारती सम्मान- डॉ. फकीरचंद शुक्ला, लुधियाना (पंजाब)
    • डॉ. दिनेश पाठक शशि, मथुरा, उ.प्र.
    • मधुलिमये साहित्य सम्मान- डॉ. विक्रम सिंह, आगरा, उ.प्र.
    • पं. श्रीनारायण चतुर्वेदी साहित्य सम्मान- अश्विनी कुमार दुबे, इंदौर, मध्य प्रदेश
    • विधि भूषण सम्मान- सुधा अवस्थी, प्रयागराज, उ.प्र.
  • सौहार्द्र सम्मान: (राशि 2.50 लाख रुपए)
    • मुहीउद्दीन हसन सुहैल काकोरवी, लखनऊ (उर्दू)
    • डॉ. आर. लक्ष्मीनारायण, बंगलूरू, कर्नाटक (कन्नड़)
    • क्रांति कनाटे, बड़ोदरा, गुजरात (गुजराती)
    • डॉ. वीणा गुप्ता, जम्मू (डोगरी)
    • एस. अनंतकृष्णन (तमिल)
    • डॉ. यम लक्ष्मणाचार्युलु, हैदराबाद, तेलंगाना (तेलुगू)
    • मोहन सपरा, जालंधर, पंजाब (पंजाबी)
    • रामकृष्ण विनायक सहस्त्रबुद्धे, नागपुर, महाराष्ट्र (मराठी)
    • प्रोफेसर के.एस. सोमनाथन नायर, (मलयालम)
    • डॉ. हजारीमयुम इबेयाइमा देवी (मणिपुरी)
    • डॉ. मुरारीलाल अग्रवाल, गाजियाबाद, (संस्कृत)
    • राघू मिश्र, राउरकेला, ओडिशा, (ओड़िया)
    • डॉ. तुलसी देवी, फिरोजाबाद, उ.प्र. (सिंधी)
  • एक लाख रुपए के पुरस्कार
    • मदन मोहन मालवीय विश्वविद्यालय स्तरीय सम्मान
    • डॉ. योगेंद्र प्रताप सिंह, लखनऊ
    • डॉ. प्रत्यूष दुबे, गोरखपुर
  • सम्मान के अलावा वर्ष 2021 में प्रकाशित 35 पुस्तकों पर 75 हज़ार रुपए के नामित पुरस्कार भी घोषित किये गए हैं-
    • 40 हज़ार रुपए पुरस्कार राशि वाले सर्जना पुरस्कारों के लिये 34 पुस्तकों का चयन किया गया है।
    • हरिवंश राय बच्चन युवा गीतकार सम्मान लखनऊ के राहुल द्विवेदी को दिया गया है।
    • पं. बद्री प्रसाद शिंगलू स्मृति सम्मान लखनऊ की ही रजनी गुप्त को दिया गया है।

राजस्थान Switch to English

राजस्थान में ‘लंपी’ वायरस प्रभावित ज़िलों को 5-5 लाख रुपए तक फंड: मुख्य सचिव ने जेनरिक के साथ ब्रॉन्डेड दवा को दी मंजूरी

चर्चा में क्यों?

2 अगस्त, 2022 को मुख्य सचिव ऊषा शर्मा ने ‘लंपी’ वायरस की स्थिति को देखते हुए इमरजेंसी बैठक बुलाई। ‘लंपी’ वायरस ने राजस्थान के 11 ज़िलों को चपेट में ले लिया है। 3 हज़ार से ज्यादा गोवंश इस बीमारी से दम तोड़ चुके हैं।

  • प्रमुख बिंदु 
  • मुख्य सचिव ऊषा शर्मा ने सचिवालय से सभी प्रभावित ज़िलों के कलेक्टर्स और पशुपालन विभाग के चिकित्सा अधिकारियों को कहा कि बीमारी से निपटने के लिये जेनेरिक के साथ ब्रॉन्डेड दवा भी खरीदी जा सकती हैं।
  • प्रभावित ज़िलों के लिये 5-5 लाख रुपए का फंड देने पर सहमति बनी है। आवश्यकता के अनुसार अलग-अलग ज़िलों में 2 से 12 लाख रुपए जारी किये जाएंगे।
  • एडिशनल डायरेक्टर (हेल्थ) डॉ. एन.एम. सिंह ने बताया कि केंद्र से आई टीम ने जोधपुर, नागौर का दौरा किया था। अब टीम गंगानगर, हनुमानगढ़, बीकानेर, जालोर, बाड़मेर, जैसलमेर, पाली, सिरोही, राजसमंद भी जाएगी।
  • डूँगरपुर, बाँसवाड़ा, उदयपुर, राजसमंद और गुजरात बॉर्डर से सटे ज़िलों में भी अलर्ट जारी किया गया है। भारत सरकार ने एडवाइजरी जारी कर बकरियों को होने वाली ‘माता’ से बचाव वाली ‘गोट पॉक्स’ वैक्सीन गोवंश को लगाने की सलाह दी है। 

राजस्थान Switch to English

श्रीनाथपुरम् स्टेडियम में सिंथेटिक ट्रैक का शिलान्यास

चर्चा में क्यों?

31 जुलाई, 2022 को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और राजस्थान के स्वायत्त शासन एवं नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल ने श्रीनाथपुरम् स्टेडियम में सिंथेटिक एथेलेटिक्स ट्रैक का शिलान्यास किया।

प्रमुख बिंदु 

  • श्रीनाथपुरम् स्टेडियम में बन रहा 400 मीटर सिंथेटिक एथलेटिक्स ट्रैक 8 लेन का होगा। फुल पीयूआर सिस्टम से बन रहे इस सिंथेटिक ट्रैक को बनाने में करीब 7 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। इसके निर्माण कार्य के लिये 12 माह का समय निर्धारित किया गया है।
  • खेलो इंडिया के तहत 400 मीटर का सिंथेटिक ट्रैक बनने से कोटा के युवा खिलाड़ियों को हर मौसम में बिना व्यवधान के अंतर्राष्ट्रीय मापदंड अनुसार तैयारी का अवसर मिलेगा।
  • स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल ने इस अवसर पर कहा कि कोटा में जे.के. पैवेलियन स्टेडियम में 30 करोड़ रुपए की लागत से खेल संकुल बनाया जा रहा है, जिसमें विभिन्न खेलों के लिये इंडोर स्टेडियम की सुविधाएँ विकसित की जा रही हैं। मल्टीपर्पज स्कूल में भी हॉकी सहित कई खेल ग्राउंड विकसित किये जा रहे हैं।

मध्य प्रदेश Switch to English

वन विहार नेशनल पार्क की डिजाइन में तीसरी बार बदलाव

चर्चा में क्यों?

हाल ही में वन विभाग के सूत्रों ने बताया कि वन विहार नेशनल पार्क की डिजाइन में तीसरी बार बदलाव किया जा रहा है।

प्रमुख बिंदु 

  • ध्यातव्य हो कि जनवरी 2021 में मुख्यमंत्री चौहान ने वन विभाग के अधिकारियों को एक बैठक में वन विहार को सिंगापुर जू की तरह विकसित करने के निर्देश दिये थे। इसके बाद ईको पर्यटन बोर्ड के सीईओ एसएस राजपूत ने इसकी ड्राईंग-डिजाइन बनवाई थी।
  • वन विहार को सिंगापुर की जू की तर्ज पर बनाया जा रहा था। खासतौर पर गेट नंबर 1 की डिजाइन पर कई तरह के इनोवेशन होने थे। यहाँ पर गिरने वाले झरने के पास सेल्फी पॉइंट, लेपर्ड बाड़े के पास स्कॉई वॉक बनना था। अब सिर्फ गेट नंबर-1 की नई डिजाइन बन रही है, जिसे भीमबेटका की तर्ज पर बनाया जाएगा।
  • वन विभाग के सूत्रों का कहना है कि समिति के द्वारा स्वीकृत ड्राईंग-डिजाइन में ईको टूरिज्म के अधिकारियों ने कई तरह की खामियाँ निकालीं। इसके बाद नई डिजाइन बनवाई गई। वन विहार व ईको टूरिज्म के अधिकारियों के बीच सहमति नहीं बनने से डिजाइन रिजेक्ट कर दी गई।   

मध्य प्रदेश Switch to English

मध्य प्रदेश ट्रांसको का ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर प्रोजेक्ट पूर्ण

चर्चा में क्यों?

2 अगस्त, 2022 को मध्य प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने बताया कि जर्मनी के के.एफ.डब्ल्यू बैंक द्वारा वित्तपोषित प्रोजेक्ट का अंतिम कार्य मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी ने पूरा कर लिया है। इसमें 400 के.वी. आष्टा-उज्जैन डबल सर्किट लाइन ऊर्जीकृत की गई।

प्रमुख बिंदु 

  • ऊर्जा मंत्री तोमर ने बताया कि पूरे देश में गैर-परंपरागत ऊर्जा स्रोतों से उत्पन्न बिज़ली के सहज ट्रांसमिशन के लिये ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर बनाने के लिये कुछ राज्यों में से मध्य प्रदेश को भी चुना गया था।
  • कुल प्रोजेक्ट 2100 करोड़ रुपए में से 840 करोड़ रुपए का लोन जर्मनी के बैंक के.एफ.डब्ल्यू ने स्वीकृत किया था। इन कार्यों को मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी ने निर्धारित लक्ष्य से पहले ही पूरा कर लिया है।
  • मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी के अधीक्षण अभियंता इंजीनियर एम.एम. ढोके ने बताया कि इस स्कीम में प्रदेश में 400 के.वी. के तीन सब-स्टेशन, 220 के.वी. के सात सब-स्टेशन, 400 के.वी. की 5 डबल सर्किट लाइनें, 220 के.वी. की 15 डबल सर्किट लाइनें तथा 132 के.वी. की 26 डबल सर्किट की कुल 2773 सर्किट किमी. अति उच्च दाब लाइनें निर्मित की गईं।
  • इस स्कीम से 400 के.वी. की 1890 एम.वी.ए. क्षमता, 220 के.वी. में 2400 एम.वी.ए. क्षमता तथा 132 के.वी. में 498 एम.वी.ए. कुल 4788 एम.वी.ए. अतिरिक्त ट्रांसफॉर्मेशन की क्षमता मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी के ट्रांसमिशन में नेटवर्क में जोड़ी गई।
  • ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर स्कीम में मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी ने सागर, उज्जैन तथा मंदसौर में 400 के.वी. के सब-स्टेशन, सेंधवा, कानवन, जावरा, सैलाना, गुड़गाँव, रतनगढ़ तथा नलखेड़ा में 220 के.वी. के सब-स्टेशन तथा 132 के.वी. के दो अतिरिक्त ट्रांसफार्मर स्थापित कर ऊर्जीकृत किये हैं।

छत्तीसगढ़ Switch to English

छत्तीसगढ़ में जुलाई माह में बेरोज़गारी देश में न्यूनतम

चर्चा में क्यों?

हाल ही में आर्थिक गतिविधियों पर नज़र रखने वाली संस्था ‘सेंटर फॉर मॉनीटरिंग ऑफ इंडियन इकॉनमी’ (सीएमआईई) के द्वारा जारी आँकड़ों के अनुसार छत्तीसगढ़ में जुलाई माह में बेरोज़गारी दर देश में न्यूनतम 8 प्रतिशत रही, जबकि देश की औसत बेरोज़गारी दर 6.9 प्रतिशत दर्ज की गई।

प्रमुख बिंदु 

  • गौरतलब है कि पिछले कई महीनों से छत्तीसगढ़ लगातार देश में सबसे कम बेरोज़गारी दर वाले राज्य का गौरव हासिल करता आया है। इससे पहले मई माह में छत्तीसगढ़ की बेरोज़गारी दर 7 प्रतिशत थी, जबकि तब देश की बेरोज़गारी दर 7.1 प्रतिशत दर्ज की गई थी। मार्च और अप्रैल माह में भी छत्तीसगढ़ की बेरोज़गारी दर देश में सबसे कम 0.6 प्रतिशत थी।
  • सीएमआईई के नये आँकड़ों के अनुसार जुलाई माह में हरियाणा में 9 प्रतिशत, जम्मू और कश्मीर में 20.2 प्रतिशत, बिहार में 18.8 प्रतिशत, गोवा में 13.7 प्रतिशत, त्रिपुरा में 13 प्रतिशत, दिल्ली में 8.9 प्रतिशत, पंजाब में 7.7 प्रतिशत, हिमाचल प्रदेश में 6.3 प्रतिशत, उत्तर प्रदेश में 3.3 प्रतिशत, गुजरात में 2.2 प्रतिशत, मध्य प्रदेश में 2.0 प्रतिशत बेरोज़गारी दर दर्ज की गई।
  • साढ़े तीन साल पहले छत्तीसगढ़ में नई सरकार बनने के बाद शहरी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को संतुलित करने वाली तथा रोजगार के नए अवसरों का सृजन करने वाली योजनाओं पर शासन का सर्वाधिक जोर रहा। सरकार बनने के तुरंत बाद किसानों को से मुक्ति तथा लंबित सिंचाई कर की माफी से इसकी शुरुआत की गई।
  • इसके बाद राजीव गांधी किसान न्याय योजना, गोधन न्याय योजना, सुराजी गाँव योजना, नरवा-गरवा-घुरवा-बाड़ी कार्यक्रम, राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन किसान न्याय योजना, नई औद्योगिक नीति का निर्माण, वन तथा कृषि उपजों के संग्रहण की बेहतर व्यवस्था, उपजों का स्थानीय स्तर पर प्रसंस्करण तथा वैल्यू एडीशन, ग्रामीण औद्योगिक पार्कों की स्थापना, लघु वनोपजों के संग्रहण दर में वृद्धि तथा 65 तरह के लघु वनोपजों की समर्थन मूल्य पर खरीद, तेंदूपत्ता संग्रहण पारिश्रमिक दर में वृद्धि, मछली पालन तथा लाख उत्पादन को कृषि का दर्जा, परंपरागत शिल्पियों, बुनकरों तथा उद्यमियों को प्रोत्साहन, हर जिले में सी-मार्ट की स्थापना जैसे अनेक कदम उठाए गए।
  • छत्तीसगढ़ ने अपनी रोजगार तथा आय मूलक योजनाओं का लगातार विस्तार किया है। इसी क्रम में हाल ही में गोधन न्याय योजना का विस्तार करते हुए गोबर के साथ-साथ गोमूत्र की खरीदी की भी शुरुआत की है। खरीदे गए गोमूत्र से भी खाद तथा कीटनाशकों का निर्माण किया जाएगा, जिससे रोजगार के नये अवसरों का सृजन होगा।
  • गाँव-गाँव में निर्मित गोठानों को भी ग्रामीण औद्योगिक पार्क के रूप में उन्नत किया जा रहा है, जहां तेल मिल, दाल मिल, मिनी राइस मिल जैसी प्रोसेसिंग इकाइयाँ स्थापित की जा रही हैं। गोठानों में विभिन्न उत्पादों का भी निर्माण किया जा रहा है।

छत्तीसगढ़ Switch to English

वन मंत्री की अध्यक्षता में छत्तीसगढ़ राज्य वेटलैंड अथॉरिटी की बैठक संपन्न

चर्चा में क्यों?

2 अगस्त, 2022 को छत्तीसगढ़ के वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री मोहम्मद अकबर की अध्यक्षता में मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित छत्तीसगढ़ राज्य वेटलैंड अथॉरिटी की बैठक में कार्ययोजना के प्रथम चरण के अंतर्गत राज्य में प्राकृतिक रूप से उपलब्ध वेटलैंडों के समन्वित रूप से विकास के लिये विस्तार से चर्चा की गई।

प्रमुख बिंदु 

  • बैठक में राज्य में वेटलैंडों के विकास के लिये कार्ययोजना के प्रथम चरण के अंतर्गत प्राकृतिक रूप से उपलब्ध वेटलैंडों को शामिल करने का अहम निर्णय लिया गया।
  • इस दौरान राज्य में प्राकृतिक वेटलैंडों की सूची तैयार करने के साथ-साथ उनका इन्वेंट्री आदि तैयार करने के संबंध में भी चर्चा हुई। इसके अलावा नव-गठित छत्तीसगढ़ राज्य वेटलैंड अथॉरिटी के कार्य तथा राज्य के प्रमुख वेटलैंड्स के संरक्षण एवं प्रबंधन की कार्ययोजना तैयार करने हेतु विशेषज्ञ संस्थाओं के चयन आदि के संबंध में चर्चा की गई।
  • बैठक में छत्तीगढ़ राज्य वेटलैंड अथॉरिटी हेतु वेटलैंड के संरक्षण एवं संवर्धन संबंधी कार्यों के लिये नवीन बजट मद सृजित करने का अनुमोदन किया गया। इसके अलावा राज्य की आर्द्रभूमि (वेटलैंड) के संरक्षण के लिये क्षेत्रीय कार्यों के संपादन हेतु ज़िलास्तरीय समितियों के गठन के संबंध में भी चर्चा हुई।
  • उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ में कुल 35 हज़ार 534 वेटलैंड हैं, जिनमें से 2.25 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल के 7 हज़ार 711 वेटलैंड हैं तथा 2.25 हेक्टेयर से कम क्षेत्रफल के 27 हज़ार 823 वेटलैंड हैं। इन समस्त वेटलैंडों का क्षेत्रफल 3 लाख 37 हज़ार 966 हेक्टेयर है, जो राज्य के जियोग्राफिक एरिया का 2.5 प्रतिशत होता है। 

छत्तीसगढ़ Switch to English

रोलिंग मिलों को ऊर्जा प्रभार में 24 प्रतिशत की छूट

चर्चा में क्यों?

2 अगस्त, 2022 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की विशेष पहल पर जनहित को ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ शासन ने राज्य की स्टेंड एलोन रोलिंग मिलों को ऊर्जा प्रभार में 9 माह तक के लिये 24 प्रतिशत की विशेष छूट दिये जाने का निर्णय लिया।

प्रमुख बिंदु 

  • छत्तीसगढ़ शासन के ऊर्जा विभाग मंत्रालय द्वारा जारी आदेश के तहत रोलिंग मिलों को 1 जुलाई, 2022 से 31 मार्च, 2023 तक की कालावधि में खपत की गई बिज़ली की मात्रा पर देय ऊर्जा प्रभार में 24 प्रतिशत की छूट प्रदान की गई है।
  • इससे छत्तीसगढ़ स्टेट पावर डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड कंपनी को होने वाली हानि की प्रतिपूर्ति हेतु देय सब्सिडी राशि का राज्य शासन द्वारा अग्रिम भुगतान किया जाएगा।
  • गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग द्वारा 1 अप्रैल, 2022 से लागू नई विद्युत की दरों से उत्पन्न परिस्थिति में राज्य में एचवी-4 टैरिफ संवर्ग में सम्मिलित स्टेंड एलोन रोलिंग मिलें, जो सीएसपीडीसीएल से बिज़ली प्राप्त कर रही हैं, को परिस्पर्धा में बनाए रखते हुए जनहित में राज्य शासन द्वारा रियायती पैकेज के तहत यह विशेष छूट प्रदान की गई है।
  • उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ में 175 रोलिंग मिलें हैं। रायपुर में 125 मिलें संचालित हैं। कोयला के दामों में लगातार वृद्धि और महँगी बिज़ली के चलते रोलिंग मिलों का संचालन प्रभावित हुआ है। रोलिंग मिलों के संचालन को बनाए रखने के लिये ऊर्जा प्रभार में छूट देकर विशेष राहत दी गई है, ताकि रोलिंग मिलों में काम करने वाले श्रमिकों को रोजगार मिलता रहे।

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