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हरियाणा

हरियाणा में 2,000 वर्ष पुराना बौद्ध स्थल

  • 17 Jul 2025
  • 5 min read

चर्चा में क्यों?

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) कानपुर की एक टीम ने हरियाणा के यमुनानगर ज़िले में मिट्टी के नीचे दबे प्राचीन बौद्ध स्तूपों और संरचनात्मक अवशेषों के संकेत खोजे हैं।

मुख्य बिंदु

शोध निष्कर्षों के बारे में:

  • प्राचीन संरचनाओं की खोज: 
    • उन्नत ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार (GPR) तकनीक का उपयोग करके सतह से लगभग 6 से 7 फीट नीचे गोलाकार संरचनाओं, दीवारों और कक्ष जैसे कमरों सहित प्राचीन संरचनाओं के संकेत पाए गए। 
    • यह लगभग 2,000 वर्ष पुराने बौद्ध स्थल की संभाव्यता की ओर संकेत करता है।
  • सर्वेक्षण और स्थान: 
    • हरियाणा राज्य पुरातत्त्व विभाग द्वारा प्रारंभ किये गए इस सर्वेक्षण का उद्देश्य टोपरा कलाँ और आस-पास के गाँवों जैसे क्षेत्रों में ऐतिहासिक अवशेषों को उजागर करना था, जहाँ कभी-कभी पुरानी ईंटें प्राप्त होती हैं, जो संभावित पुरातात्त्विक महत्त्व की ओर संकेत करती हैं।
  • बौद्ध स्तूप के साक्ष्य: 
    • जी.पी.आर. रीडिंग से अर्द्ध -वृत्ताकार संरचनाओं का पता चला, जिससे शोधकर्त्ताओं ने प्राचीन स्तूप की उपस्थिति की परिकल्पना की।
    • पुरातत्त्व अधिकारियों ने इस परिकल्पना की पुष्टि करते हुए स्तूप की संभावित खोज को भी प्रमाणित किया है।
  • महत्व: 
    • स्थानीय मौखिक परंपराओं के अनुसार, ये निष्कर्ष बौद्ध युग या महाभारत काल से संबंधित हो सकते हैं।
    • ये उपमहाद्वीप में प्राचीन व्यापार मार्गों, धार्मिक नेटवर्कों तथा सांस्कृतिक आदान-प्रदान के बारे में महत्त्वपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं।
    • यदि आगे की खुदाई में इसी प्रकार की संरचनाएँ प्राप्त होती हैं, तो यह इस प्राचीन संस्कृति के व्यापक प्रभाव को प्रमाणित कर सकती है।

भारत के अन्य प्रमुख बौद्ध स्थल

  • बिहार: 
  • उत्तर प्रदेश: 
    • सारनाथ में बुद्ध ने अपने प्रथम पाँच शिष्यों को प्रथम उपदेश दिया था, जिसमें उन्होंने चार आर्य सत्य और अष्टांगिक मार्ग का वर्णन किया था।
    • धमेख स्तूप (सारनाथ) वह स्थल है, जहाँ बुद्ध ने अपना प्रथम उपदेश दिया था।
    • कुशीनगर वह स्थान है जहाँ बुद्ध ने महापरिनिर्वाण (अंतिम निर्वाण) प्राप्त किया था।
    • रामभर स्तूप (कुशीनगर) को वह स्थान माना जाता है जहाँ बुद्ध का अंतिम संस्कार किया गया था। 
  • हिमाचल प्रदेश: 
    • धर्मशाला, विशेषकर मैक्लॉडगंज, तिब्बती निर्वासित सरकार और दलाई लामा का मुख्यालय है। यह तिब्बती बौद्धों का प्रमुख केंद्र है।
  • महाराष्ट्र: 
    • एलोरा गुफाएँ एक यूनेस्को विश्व विरासत स्थल हैं, जिनमें बौद्ध, हिंदू और जैन परंपराओं से संबंधित शिलानिर्मित मंदिर तथा प्रतिमाएँ हैं।
    • अजंता गुफाएँ अपनी प्राचीन बौद्ध विहारों और बुद्ध के जीवन पर आधारित भित्ति चित्रों के लिये प्रसिद्ध हैं।
  • मध्य प्रदेश:
    • साँची स्तूप एक यूनेस्को विश्व विरासत स्थल है, जो अपने बौद्ध स्तूपों, विहारों और स्तंभों के लिये जाना जाता है।

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