उत्तर प्रदेश
धम्मचक्र प्रवर्तन दिवस
- 12 Jul 2025
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चर्चा में क्यों?
अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ (IBC) द्वारा संस्कृति मंत्रालय और महाबोधि सोसाइटी ऑफ इंडिया के सहयोग से सारनाथ में आषाढ़ पूर्णिमा को गहन आध्यात्मिक भक्ति के साथ मनाया गया।
- यह अवसर "धम्मचक्र प्रवर्तन दिवस" का प्रतीक है, जो भगवान बुद्ध के पहले उपदेश की स्मृति में मनाया जाता है।
प्रमुख बिंदु
- बौद्ध धर्म के बारे में:
- यह एक आध्यात्मिक परंपरा है जिसकी स्थापना 6वीं शताब्दी ईसा पूर्व में सिद्धार्थ गौतम द्वारा की गई थी, जिन्हें बुद्ध के नाम से जाना जाता है।
- बौद्ध धर्म भारत में उत्पन्न हुआ था और बाद में पूरे एशिया और विश्वभर में फैल गया।
- बौद्ध धर्म का मुख्य उद्देश्य दुखों पर विजय प्राप्त करना और निर्वाण, मुक्ति और आंतरिक शांति की स्थिति प्राप्त करना है। यह चार आर्य सत्यों का पालन करके प्राप्त किया जा सकता है:
- जीवन में दुःख (दुःख) शामिल है।
- दुख इच्छा और आसक्ति के कारण होता है।
- दुख समाप्त हो सकता है.
- दुःख को समाप्त करने का मार्ग अष्टांगिक मार्ग है।
- अष्टांगिक मार्ग में सही समझ, इरादा, भाषण, क्रिया, आजीविका, प्रयास, जागरूकता और एकाग्रता शामिल हैं।
- बौद्ध धर्म नैतिक आचरण, मानसिक अनुशासन और ज्ञान पर जोर देता है।
- प्रमुख अवधारणाओं में कर्म (नैतिक कारण का नियम), पुनर्जन्म और ध्यान शामिल हैं।
- बौद्ध धर्म की तीन प्रमुख शाखाएँ हैं:
- थेरवाद (मुख्यतः श्रीलंका और दक्षिण पूर्व एशिया में प्रचलित)
- महायान (मुख्यतः चीन, कोरिया और जापान में प्रचलित)
- वज्रयान (मुख्यतः तिब्बत और मंगोलिया में प्रचलित)
- महत्त्वपूर्ण ग्रंथों में त्रिपिटक (पाली कैनन) और विभिन्न महायान सूत्र शामिल हैं।
- धर्म चक्र बुद्ध की शिक्षाओं का प्रतिनिधित्व करने वाला एक सामान्य प्रतीक है।
उत्तर प्रदेश में प्रमुख बौद्ध स्थल:
- कपिलवस्तु (सिद्धार्थनगर): यह बुद्ध का बचपन का घर था, जहाँ उन्होंने चार दर्शन देखे, जिसके कारण उन्हें संन्यास की ओर अग्रसर होना पड़ा।
- सारनाथ: बुद्ध के प्रथम उपदेश और बौद्ध संघ के गठन का स्थल।
- श्रावस्ती: यह शहर कई महत्त्वपूर्ण बौद्ध स्थलों का घर है, जिनमें जेतवन मठ भी शामिल है, वह स्थान जहाँ बुद्ध ने अपने अधिकांश उपदेश दिये थे।
- संकिसा: भगवान बुद्ध स्वर्ग में अपनी माँ को उपदेश देने के बाद यहाँ अवतरित हुए थे।
- कौशांबी: यहाँ स्थित प्रसिद्ध घोसीताराम मठ एक प्रमुख बौद्ध स्थल है, जिसके संबंध में माना जाता है कि इसका निर्माण भगवान बुद्ध के प्रमुख शिष्य आनंद द्वारा कराया गया था।
- कुशीनगर: यह परिनिर्वाण या बुद्ध की मृत्यु का स्थान है। इस शहर में कई बौद्ध मंदिर हैं, जिनमें महापरिनिर्वाण मंदिर भी शामिल है।
- रामग्राम (महाराजगंज): यहाँ बुद्ध के अवशेषों सहित एकमात्र अछूता स्तूप है।
देवदह: बुद्ध की माँ, सौतेली माँ और पत्नी का मायका, प्रारंभिक शिक्षाओं का स्थान।