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ग्रेटर रैकेट-टेल्ड ड्रोंगो
चर्चा में क्यों?
हरियाणा के गुरुग्राम के झांझरोला में एक ग्रेटर रैकेट-टेल्ड ड्रोंगो (डिक्रुरस पैराडाइसस) देखा गया, जो ज़िले में इस पक्षी का पहला दर्ज किया गया दृश्य है।
मुख्य बिंदु
- ग्रेटर रैकेट-टेल्ड ड्रोंगो के बारे में:
- यह एक मध्यम आकार का पक्षी है, जो एशिया में पाया जाता है तथा यह लंबी बाहरी पूँछ के पंखों के कारण प्रसिद्ध है, जिनके सिरे पर जाल होता है।
- यह प्रकृति में दिनचर है, लेकिन सुबह होने से पहले और शाम के बाद सक्रिय रहता है।
- स्वर क्षमताएँ::
- यह विभिन्न प्रकार की तेज़ आवाज़ों को निकालने के लिये प्रसिद्ध है और अन्य पक्षियों की आवाज़ों की सटीक नकल करने की क्षमता भी रखता है।
- भारत में वितरण:
- यह मिश्मी पहाड़ियों सहित पश्चिमी से पूर्वी हिमालय तक पाया जाता है।
- यह प्रायद्वीपीय भारत और पश्चिमी घाट के पहाड़ी क्षेत्रों में भी निवास करता है।
- संरक्षण की स्थिति:
- आईयूसीएन रेड लिस्ट स्थिति : कम चिंताजनक
- वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 : अनुसूची IV
- प्रवास संबंधी प्रवृत्ति:
- यह प्रजाति सामान्यतः हिमालय की तराई और नमी वाले सघन वनों में पायी जाती है।
- यह पक्षी सामान्यतः नीचे के क्षेत्रों में नहीं आता, केवल ऊँचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी के दौरान कुछ हद तक नीचे की ओर आता है।
- यह एक ऊँचाई आधारित प्रवासी (altitudinal migrant) पक्षी है और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में आमतौर पर दिखाई नहीं देता।
अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) रेड लिस्ट:
- IUCN रेड लिस्ट जानवरों, कवक और पौधों की प्रजातियों के बीच विलुप्त होने के जोखिम का आकलन करने के लिए सबसे महत्त्वपूर्ण वैश्विक संसाधन है।
- सभी के लिये सुलभ, यह वैश्विक जैवविविधता स्वास्थ्य के एक महत्त्वपूर्ण संकेतक के रूप में कार्य करता है, यह प्रजातियों की विशेषताओं, खतरों और संरक्षण उपायों में व्यापक अंतर्दृष्टि प्रदान करता है तथा सूचित संरक्षण निर्णयों एवं नीतियों को आकार देने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- IUCN रेड लिस्ट श्रेणियाँ मूल्यांकन की गई प्रजातियों के विलुप्त होने के जोखिम को परिभाषित करती हैं। नौ श्रेणियाँ NE (मूल्यांकित नहीं) से EX (विलुप्त) तक फैली हुई हैं। गंभीर रूप से लुप्तप्राय (CR), लुप्तप्राय (EN) और कमज़ोर (VU) प्रजातियों को विलुप्त होने का खतरा माना जाता है।
- यह सतत विकास लक्ष्यों और Aichi लक्ष्यों के लिये भी एक प्रमुख संकेतक है।
- IUCN रेड लिस्ट में प्रजातियों की IUCN हरित स्थिति शामिल है, जो प्रजातियों की आबादी की पुनर्प्राप्ति का आकलन करती है और उनके संरक्षण की सफलता को मापती है।
- ग्रीन स्टेटस ऑफ स्पीशीज़ की आठ श्रेणियाँ हैं जैसे: जंगल में विलुप्त, गंभीर रूप से समाप्त, बड़े पैमाने पर समाप्त, मध्यम रूप से समाप्त, थोड़ा समाप्त, पूरी तरह से पुनः प्राप्त, गैर समाप्त और अनिश्चित।
- ग्रीन स्टेटस ऑफ स्पीशीज़ यह मूल्यांकन करती हैं कि संरक्षण कार्यों ने वर्तमान रेड लिस्ट स्थिति को कैसे प्रभावित किया है।