हरियाणा Switch to English
पानी बँटवारे को लेकर विवाद
चर्चा में क्यों?
भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (BBMB) द्वारा हरियाणा को पानी छोड़ने का निर्णय लेने के बाद पंजाब और हरियाणा के बीच जल बँटवारे को लेकर विवाद हो गया।
मुख्य बिंदु
- BBMB का पानी छोड़ने का निर्णय:
- 30 अप्रैल को BBMB ने हरियाणा को 8,500 क्यूसेक पानी छोड़ने का निर्णय लिया था।
- यह निर्णय गर्मियों में पेयजल की बढ़ती मांग को देखते हुए लिया गया है।
- BBMB भाखड़ा, पोंग और रणजीत सागर बाँधों से पानी का प्रबंधन करता है तथा पंजाब, हरियाणा एवं राजस्थान को सिंचाई व अन्य उपयोगों के लिये पानी की आपूर्ति करता है।
- पंजाब में जल बँटवारे के दुरुपयोग के आरोप:
- पंजाब के मुख्यमंत्री के अनुसार, हरियाणा ने अपना वार्षिक जल कोटा (21 मई से 20 मई चक्र) मार्च 2025 तक समाप्त कर दिया है।
- उन्होंने हरियाणा पर यह आरोप लगाया कि वह अब पंजाब के हिस्से के पानी पर कब्ज़ा करने का प्रयास कर रहा है।
- उन्होंने कहा कि पंजाब की BBMB में 60% हिस्सेदारी है और उसकी सहमति के बिना पानी छोड़ना "तानाशाही और अलोकतांत्रिक" है।
भाखड़ा नांगल बाँध
- भाखड़ा बाँध सतलुज नदी पर बना एक कंक्रीट गुरुत्व बाँध है तथा यह उत्तर भारत में पंजाब और हिमाचल प्रदेश की सीमा के पास स्थित है ।
- यह बाँध 225.55 मीटर ऊँचाई के साथ टिहरी बाँध (261 मीटर) के बाद भारत का दूसरा सबसे ऊँचा बाँध है।
- इसका जलाशय, जिसे “गोबिंद सागर ” के नाम से जाना जाता है, में 9.34 बिलियन क्यूबिक मीटर पानी संगृहीत है।
- नांगल बाँध भाखड़ा बाँध के नीचे की ओर एक और बाँध है। कभी-कभी दोनों बाँधों को एक साथ भाखड़ा-नांगल बाँध कहा जाता है, हालाँकि वे दो अलग-अलग बाँध हैं।
पोंग बाँध
- वर्ष 1975 में ब्यास नदी पर पोंग बाँध बनाया गया था। इसे पोंग जलाशय या महाराणा प्रताप सागर भी कहा जाता है।
- वर्ष 1983 में हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा पूरे जलाशय को वन्यजीव अभयारण्य घोषित किया गया था।
- वर्ष 1994 में भारत सरकार ने इसे “राष्ट्रीय महत्व की आर्द्रभूमि” घोषित किया। नवंबर 2002 में पोंग डैम झील को रामसर साइट घोषित किया गया।

