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मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    मोटर वाहन संशोधन विधेयक, 2017 की मुख्य विशेषताओं को बताते हुए इसे लाने के पीछे के कारणों पर प्रकाश डालें। साथ ही संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा सड़क यातायात सुरक्षा के संबंध में घोषित ‘सड़क सुरक्षा कार्यवाही’ का भी संक्षिप्त परिचय दें।

    05 Dec, 2018 सामान्य अध्ययन पेपर 2 राजव्यवस्था

    उत्तर :

    भूमिका में:


    मोटर वाहन संशोधन विधेयक, 2017 की पृष्ठभूमि और इसकी संक्षिप्त जानकारी देते हुए उत्तर आरंभ करें-

    सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा प्रकाशित ‘भारत सड़क दुर्घटना, 2016’ रिपोर्ट के अनुसार भारत में 1.5 लाख लोगों की मृत्यु का कारण सड़क दुर्घटना बनी थी। इसे देखते हुए मोटर वाहन अधिनियम, 1988’ में संशोधन की आवश्यकता महसूस की गई ताकि सड़कों को सुरक्षित बनाया जा सके। इसके बाद ही 2016 में पहली बार मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक लाया गया। यह विधेयक सड़क सुरक्षा, मुआवजा और बीमा, टैक्सी के एग्रीगेटर्स संबंधी विनियमन तथा वाहनों के रिकॉल जैसे महत्त्वपूर्ण मुद्दों पर बात करता है।

    विषय-वस्तु में:


    विषय-वस्तु के पहले भाग में हम मोटर वाहन अधिनियम, 2017 की मुख्य विशेषताओं के बारे में लिखेंगे-

    • केंद्र सरकार राज्यों के साथ विचार-विमर्श कर राष्ट्रीय परिवहन नीति का निर्माण करेगी जिसमें सड़क परिवहन के लिये योजना संबंधी तंत्र, परमिट देने और सड़क परिवहन प्रणाली के लिये प्राथमिकताओं को चिह्नत करना होगा।
    • केंद्र सरकार द्वारा ‘गोल्डन आवर’ के दौरान सड़क दुर्घटना के शिकार लोगों का कैशलेस उपचार हेतु योजना विकसित की जाएगी।
    • यह विधेयक वैसे खराब मोटर वाहनों को वापस लेने (Recall) की अनुमति देगा जो पर्यावरण या सड़क प्रयोग करने वाले लोगों को नुकसान पहुँचा सकती है।
    • हिट एंड रन जैसे मामलों में मृत्यु होने पर मुआवजा राशि 25,000 रुपए से बढ़कर 2 लाख रुपए या उससे अधिक करने का प्रावधान है।
    • इसमें केंद्र सरकार से मोटर वाहन दुर्घटना कोष बनाने की अपेक्षा की गई है जो भारत में सड़कों का प्रयोग करने वाले सभी लोगों को अनिवार्य बीमा कवर प्रदान करना।
    • इस विधेयक में एग्रीगेटर को डिजिटल इंटरमीडियरी या मार्केट प्लेस के रूप में परिभाषित किया गया है। इसमें राज्य सरकारों को एग्रीगेटर को लाइसेंस देने का अधिकार दिया गया है। इन एग्रीगेटरों को लाइसेंस प्राप्त करना होगा और सूचना तकनीकी अधिनियम, 2000 का अनुपालन करना होगा।
    • गुड समैरिटन यानी नेक व्यक्ति, जो दुर्घटना के समय पीड़ित को आपातकालीन मेडिकल या नॉन मेडिकल मदद देता है, किसी दीवानी या आपराधिक कार्यवाही के लिये उत्तरदायी नहीं होगा।
    • इसमें राज्य सरकारों से परिवहन योजनाओं के तहत अंतिम स्थान से कनेक्टिविटी, ट्रैफिक में कमी लाना तथा सड़क का प्रयोग करने वालों की सुरक्षा पर काम करने की अपेक्षा की गई है।
    • विधेयक में कुछ सेवाओं के कंप्यूटरीकरण के तहत लाइसेंस या परमिट जारी करना, फॉर्म या आवेदन-पत्र भरना, धन की प्राप्ति तथा पता बदलना जैसे प्रावधान शामिल किये गए हैं।
    • शराब या ड्रग्स के नशे की हालत में वाहन चलाने के लिये अधिकतम दंड 2000 रुपए से बढ़ाकर 10,000 रुपए कर किया गया है।
    • अगर मोटर वाहन निर्माता मोटर वाहनों के रख-रखाव के मानदंडों का अनुपालन करने में असफल रहता है तो अधिकतम 100 करोड़ रुपए तक का दंड या एक वर्ष तक का कारावास या दोनों सजा का प्रावधान किया गया है।
    • ऐसे मामलों में किशोरों के अभिभावक या मोटर वाहन के मालिक तब तक उत्तरदायी माने जाएंगे जब तक कि वे यह साबित न कर दें कि अपराध अभिभावक की जानकारी के बिना किया गया था।

    विषय-वस्तु के दूसरे भाग के रूप में हम इस विधेयक को लाने के पीछे के कारणों पर चर्चा करेंगे-

    • देश में पिछले दशकों में सड़क दुर्घटना में लाखों की संख्या में लोग मारे गए।
    • मोटर वाहन अधिनियम, 1988 परिवहन तथा सुरक्षा पहलुओं पर खरा नहीं उतर पाया था इसलिये नए विधेयक में कई प्रावधान जोड़े गए, जैसे- किशोरों की सुरक्षा के संबंध में कोई प्रावधान न होना।
    • यह विधेयक हेलमेट के प्रयोग, बच्चों पर प्रतिबंध और वयस्क जवाबदेही तंत्र की शुरुआत द्वारा बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करना।
    • इंजीनियरिंग पहलू में यह रोड के डिजाइन तथा सड़क पर ट्रैफिक मैनेजमेंट योजनाओं के क्रियान्वयन के लिये जिम्मेदार है। पहले के विधेयक में यह प्रावधान नहीं था।
    • इस विधेयक में रोड डिजाइनर, कंसल्टेंट्स तथा स्टेकहोल्डर एजेंसी को डिजाइन तथा ऑपरेशन के लिये उत्तरदायी बनाया गया है।

    विषय-वस्तु के तीसरे भाग में हम संयुक्त राष्ट्र महासभा की सड़क सुरक्षा कार्यवाही पर फोकस करेंगे-

    2011 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने सड़क दुर्घटना के कारण चोट लगने और दुनिया भर में होने वाली मौतों की तेजी से बढ़ती संख्या को देखते हुए वर्ष 2011-2020 के लिये सड़क सुरक्षा कार्यवाही की घोषणा की जिसका लक्ष्य 2020 तक वैश्विक यातायात दुर्घटना में मृत्यु के आँकड़े को स्थिर करना या फिर कम करना है।

    इसके 5 फोकस पिलर निर्धारित किये गए हैं-

    1. सड़क सुरक्षा प्रबंधन
    2. सुरक्षित इंफ्रास्ट्रक्चर
    3. सुरक्षित वाहन
    4. सड़क उपयोगकर्ताओं का व्यवहार
    5. दुर्घटना के बाद प्रतिक्रिया

    निष्कर्ष


    अंत में प्रश्नानुसार संक्षिप्त, सारगर्भित एवं संतुलित निष्कर्ष लिखें।

    सड़क दुर्घटनाओं को रोकने हेतु एक मजबूत पक्ष नागरिकों का राष्ट्र के प्रति अपने दायित्व को समझने और यातायात नियमों के समुचित पालन से जुड़ा है। देश में अधिकांश सड़क हादसे सड़क सुरक्षा के प्रति लापरवाही, यातायात नियमों के उल्लंघन और मानवीय चूक की वजह से होते हैं। सड़क हादसों को रोकना भी नागरिकों के हाथ में ही है। मोटर वाहन संशोधन विधेयक, 2017 में ऐसे सभी कदम उठाए गए हैं जिससे सड़क हादसों में निश्चय ही कमी आएगी। सिर्फ जरूरत है, इसे उचित तरीके से लागू करने की।

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