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प्रश्न :
प्रश्न. भावनात्मक बुद्धिमत्ता के प्रमुख घटक क्या हैं तथा उन्हें सीखने और अनुभव के माध्यम से किस हद तक विकसित किया जा सकता है?(150 शब्द)
15 May, 2025 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्नउत्तर :
हल करने का दृष्टिकोण:
- भावनात्मक बुद्धिमत्ता (AI) को संक्षेप में परिभाषित कीजिये।
- भावनात्मक बुद्धिमत्ता के मूल तत्त्वों जैसे आत्म-जागरूकता, आत्म-नियमन आदि का परीक्षण कीजिये, इन्हें सीखने और वास्तविक जीवन के अनुभवों के माध्यम से कैसे विकसित किया जा सकता है।
- उपर्युक्त निष्कर्ष दीजिये।
परिचय:
भावनात्मक बुद्धिमत्ता से तात्पर्य अपनी भावनाओं के साथ-साथ दूसरों की भावनाओं को पहचानने और प्रबंधित करने की क्षमता से है। यह व्यक्तिगत और व्यावसायिक दोनों ही स्थितियों में प्रभावी संचार, नेतृत्व और समग्र सफलता के लिये महत्त्वपूर्ण है।
मुख्य भाग:
- आत्म-जागरूकता: आत्म-जागरूकता किसी की भावनाओं और व्यवहार एवं प्रदर्शन पर उनके प्रभाव को समझने व पहचानने की क्षमता है। जो नेता आत्म-जागरूक होते हैं वे बेहतर निर्णय ले सकते हैं, अपनी भावनाओं को नियंत्रित कर सकते हैं तथा अपने प्रदर्शन को बढ़ा सकते हैं।
- उदाहरण: नेता 360 डिग्री फीडबैक के माध्यम से अपने भावनात्मक ट्रिगर्स का आकलन कर सकते हैं, जिससे वे यह समझ सकेंगे कि उनके कार्यों को दूसरे लोग किस प्रकार देखते हैं।
- आत्म-प्रबंधन: आत्म-प्रबंधन से तात्पर्य अपनी भावनाओं को नियंत्रित करने की क्षमता से है, विशेष रूप से तनावपूर्ण स्थितियों में।
- मज़बूत आत्म-प्रबंधन कौशल वाले व्यक्ति आवेगपूर्ण प्रतिक्रिया के बजाय सोच-समझकर प्रतिक्रिया दे सकते हैं, जिससे वे असफलताओं के दौरान भी सकारात्मक दृष्टिकोण बनाए रख सकते हैं।
- सामाजिक जागरूकता: सामाजिक जागरूकता में दूसरों की भावनाओं को पहचानना और समझना शामिल है, साथ ही किसी समूह या संगठन में मौजूद सामाजिक गतिशीलता को भी समझना आवश्यक है। यह कौशल व्यक्ति को सहानुभूति का अभ्यास करने में सक्षम बनाता है, जो प्रभावी संचार और सहयोग के लिये आवश्यक है।
- उदाहरण: एक सिविल सेवक ने देखा कि ग्रामीण इलाकों में होने वाली बैठक में महिलाएँ सांस्कृतिक मानदंडों के कारण बोलने में अनिच्छुक हैं। सामाजिक गतिशीलता से अवगत, वह उन्हें संवाद के लिये प्रोत्साहित करता है तथा समावेशी भागीदारी सुनिश्चित करता है।
- रिलेशनशिप मैनेजमेंट: रिलेशनशिप मैनेजमेंट संघर्षों को प्रभावित करने, उनका मार्गदर्शन करने तथा उन्हें प्रभावी ढंग से हल करने की क्षमता है। मज़बूत रिलेशनशिप मैनेजमेंट कौशल वाले व्यक्ति सकारात्मक संबंध बना सकते हैं तथा उन्हें बनाए रख सकते हैं, टीमवर्क को बढ़ा सकते हैं तथा संघर्षों को रचनात्मक तरीके से संबोधित कर सकते हैं।
- उदाहरण: कार्यस्थल पर किसी विवाद को तुरंत और सम्मानपूर्वक संबोधित करने वाला नेता असंतोष को रोक सकता है तथा टीम की गतिशीलता और उत्पादकता में सुधार कर सकता है।
सीखने और अनुभव के माध्यम से AI विकास:
- 360 डिग्री फीडबैक: नेतृत्व संबंधी कमियों और खामियों को उज़ागर करने के लिये सहकर्मियों, अधीनस्थों, परिवार और पर्यवेक्षकों से सक्रिय रूप से फीडबैक प्राप्त करना ।
- जर्नलिंग: निर्णयों और अंतःक्रियाओं पर उनके प्रभाव को समझने के लिये भावनात्मक अनुभवों पर चिंतन करना।
- विकास के क्षेत्रों को लक्षित करने हेतु विशिष्ट लक्ष्य निर्धारित करना, जैसे सामाजिक कौशल या प्रेरणा में सुधार करना।
- सक्रिय सुनना (Active Listening): दूसरों की बातों पर पूरा ध्यान देना, उनकी बातों को अपने शब्दों में दोहराना और समझ दिखाने के लिये अशाब्दिक संकेतों (जैसे सिर हिलाना, आँख से संपर्क बनाए रखना) का उपयोग करना।
- प्रशिक्षण और पाठ्यक्रम (Training and Courses): भावनात्मक बुद्धिमत्ता (EI) पर कार्यशालाओं में भाग लेना या सामुदायिक गतिविधियों में शामिल होना, EI के सिद्धांतों की समझ और उनके अनुप्रयोग को गहरा करने में मदद कर सकता है।
- आत्म-चिंतन (Self-Reflection): विभिन्न परिस्थितियों में अपनी भावनात्मक प्रतिक्रियाओं का नियमित रूप से मूल्यांकन करना, ताकि आत्म-जागरूकता और आत्म-नियंत्रण में सुधार किया जा सके।
निष्कर्ष: भावनात्मक बुद्धिमत्ता विकसित करने से आत्म-विकास, नेतृत्व और कार्यस्थल संबंधों में सुधार होता है। प्रतिबिंब और प्रतिक्रिया जैसी प्रथाओं के माध्यम से, व्यक्ति भावनात्मक बुद्धिमत्ता में सुधार कर सकते हैं, जिससे मज़बूत संचार, बेहतर टीमवर्क और समग्र रूप से सफलता प्राप्त होती है।
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