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मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) को परिभाषित कीजिये। भारत में कृषि के संदर्भ में विभिन्न अनुप्रयोगों के लिये AI का उपयोग किस प्रकार से किया जा सकता है? (150 शब्द)

    25 Oct, 2023 सामान्य अध्ययन पेपर 3 विज्ञान-प्रौद्योगिकी

    उत्तर :

    हल करने का दृष्टिकोण:

    • कृत्रिम बुद्धिमत्ता को संक्षेप में परिभाषित कीजिये।
    • कुछ उदाहरणों को शामिल करते हुए कृषि में AI के अनुप्रयोगों का उल्लेख कीजिये।
    • सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ निष्कर्ष दीजिये।

    परिचय:

    कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) मशीनों में मानव बुद्धि के अनुकरण को संदर्भित करती है, जो उन्हें ऐसे कार्य करने में सक्षम बनाता है जिनके लिए आमतौर पर मानव बुद्धि की आवश्यकता होती है। भारत में कृषि के संदर्भ में कृत्रिम बुद्धिमत्ता उत्पादकता, दक्षता और स्थिरता में सुधार करके परिवर्तनकारी भूमिका निभा सकती है।

    मुख्य भाग:

    कृषि में AI के अनुप्रयोग:

    • परिशुद्ध कृषि: इस कृषि में सिंचाई, उर्वरक और कीट नियंत्रण को अनुकूलित करने के लिये AI प्रौद्योगिकियाँ, जैसे- मशीन लर्निंग और उपग्रह इमेजरी का उपयोग कर मिट्टी की स्थिति, मौसम संबंधी आँकड़ों तथा फसल का विश्लेषण किया जाता है।
      • उदाहरण के लिये भारत में प्रस्तावित "भारत कृषि उपग्रह कार्यक्रम" किसानों को वास्तविक समय की जानकारी प्रदान करने के लिये उपग्रह के आँकड़ों का उपयोग कर सकता है।
    • फसल की पैदावार का पूर्वानुमान और निगरानी: AI फसल की पैदावार का पूर्वानुमान लगाकर किसानों को सूचित कर उन्हें निर्णय लेने में मदद कर सकता है।
      • कृषि के लिये आईबीएम का वॉटसन डिसीज़न प्लेटफॉर्म फसल प्रबंधन में अंतर्दृष्टि प्रदान करने के लिये AI का उपयोग करता है।
    • कीट और रोग प्रबंधन: AI-पॉवर्ड इमेज रिकग्निशन द्वारा फसलों में कीटों और बीमारियों की पहचान कर समय पर बेहतर प्रबंधन किया जा सकता है।
      • प्लांटिक्स (Plantix) जैसे एप के माध्यम से पौधों की समस्याओं का निदान करने के लिये AI का उपयोग किया जाता है।
    • आपूर्ति शृंखला प्रबंधन: AI से फसल के बाद के नुकसान को कम करके आपूर्ति शृंखला संचालन को सुव्यवस्थित किया जा सकता है।
      • उदाहरण के लिये AgNext's तकनीक कृषि-उपज की गुणवत्ता मूल्यांकन और ग्रेडिंग में सहायता करती है।
    • कृषि श्रम अनुकूलन: AI-संचालित रोबोट और ड्रोन रोपण, निराई और कटाई जैसे कार्यों में सहायता कर सकते हैं तथा इस प्रकार श्रम की कमी को दूर किया जा सकता है।
    • मूल्य का पूर्वानुमान और बाज़ार विश्लेषण: AI बाज़ार के रुझानों का विश्लेषण कर सकता है, जिससे किसानों को अपनी उपज कब और कहाँ बेचनी है, के निर्णय लेने में मदद मिलती है।

    निष्कर्ष:

    AI भारतीय कृषि के लिये अपार संभावनाएँ प्रदान करता है, जो संसाधन अनुकूलन, उत्पादकता बढ़ाने और फसल के बाद के नुकसान को कम करने जैसी महत्त्वपूर्ण चुनौतियों का समाधान करता है। हालाँकि अपनी पूरी क्षमता का दोहन करने के लिये भारत को बुनियादी ढाँचे में निवेश करने, किसानों को प्रशिक्षण प्रदान करने तथा कृषि में AI अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। पारंपरिक कृषि और AI-संचालित नवाचारों के बीच तालमेल देश में खाद्य सुरक्षा एवं स्थिरता सुनिश्चित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

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