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ध्यान दें:

मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    'भावनात्मक बुद्धिमत्ता' शब्द से आप क्या समझते हैं? यह सामान्य बुद्धिलब्धि (IQ) से किस प्रकार भिन्न है? विभिन्न हितधारकों के साथ व्यवहार करने के क्रम में किसी सिविल सेवक के लिये भावनात्मक बुद्धिमत्ता किस प्रकार उपयोगी हो सकती है, उदाहरणों सहित व्याख्या कीजिये। (250 शब्द) 

    25 May, 2023 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्न

    उत्तर :

    हल करने का दृष्टिकोण:

    • संक्षिप्त रूप से भावनात्मक बुद्धिमत्ता को परिभाषित करने के साथ सामान्य बुद्धिलब्धि से इसके अंतर को बताइये।
    • उत्तर के मुख्य भाग को दो भागों में विभाजित कीजिये:
      1. भावनात्मक बुद्धिमत्ता और सामान्य बुद्धिलब्धि के बीच अंतर स्पष्ट कीजिये।
      2. सिविल सेवक के लिये भावनात्मक बुद्धिमत्ता किस प्रकार उपयोगी हो सकती है, इसका उदाहरण दीजिये।
    • उत्तर के मुख्य बिंदुओं को बताते हुए निष्कर्ष दीजिये तथा सिविल सेवकों के लिये भावनात्मक बुद्धिमत्ता के महत्त्व पर प्रकाश डालिये।

    परिचय:

    भावनात्मक बुद्धिमत्ता (EI) स्वयं की भावनाओं को पहचानने, समझने और प्रबंधित करने की क्षमता के साथ-साथ दूसरों की भावनाओं को समझने और प्रभावित करने की क्षमता से है। इसमें इस बारे में जागरूकता होना शामिल है कि भावनाएँ व्यवहार के निर्धारण के साथ लोगों को सकारात्मक या नकारात्मक रूप से प्रभावित करती हैं। EI, सामान्य बुद्धिलब्धि (IQ) से अलग है जिसमें तर्क, स्मृति और समस्या को सुलझाने के क्रम में किसी की संज्ञानात्मक क्षमताओं को मापा जाता है।

    मुख्य भाग:

    EI और IQ के बीच अंतर:

    • EI का संबंध इस बात से अधिक है कि कोई अपनी बुद्धि का उपयोग कैसे करता है न कि इस बात से कि किसकी बुद्धि क्षमता कितनी है। IQ का आशय किसी की संभावित बुद्धिमत्ता का मापन है, न कि इसके अनुप्रयोग की क्षमता से।
    • EI अधिक लचीला है और इसमें सीखने तथा अभ्यास के माध्यम से सुधार किया जा सकता है। IQ अधिक स्थिर है एवं इसका निर्धारण काफी हद तक आनुवंशिकी और बचपन के विकास से होता है।
    • EI अधिक व्यक्तिगत है और यह स्थिति तथा इसमें शामिल लोगों पर निर्भर होता है। IQ अधिक सार्वभौमिक है जो विभिन्न डोमेन और कार्यों में लागू होता है।
    • EI पारस्परिक और सामाजिक कौशल के लिये अधिक प्रासंगिक है जो जीवन और कार्यस्थल पर सफलता के लिये आवश्यक है। IQ अकादमिक और तकनीकी कौशल के लिये अधिक प्रासंगिक है जो सीखने की क्षमता के साथ ज्ञान को अर्जित करने हेतु महत्त्वपूर्ण हैं।

    सिविल सेवक के लिये भावनात्मक बुद्धिमत्ता निम्नलिखित तरीके से उपयोगी हो सकती है जैसे:

    • समानुभूति और समझ: उच्च भावनात्मक बुद्धिमत्ता वाले सिविल सेवक हितधारकों के दृष्टिकोण, जरूरतों और चिंताओं को समझते हैं। वे लोगों की भावनाओं के प्रति संवेदनशील होते हैं और नीतिगत परिवर्तनों से प्रभावित नागरिकों के साथ सहानुभूति रखते हैं, जिससे लोगों के साथ बेहतर जुड़ाव और सहयोग को बढ़ावा मिलता है।
    • संघर्ष समाधान: भावनात्मक बुद्धिमत्ता सिविल सेवकों की शांत रहने, पारदर्शिता के साथ कार्य करने और प्रत्येक पक्ष की भावनाओं एवं प्रेरणाओं को समझने के माध्यम से संघर्षों को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने में मदद करती है। इससे रचनात्मक संवाद और पारस्परिक रूप से लाभप्रद समाधानों को प्रेरणा मिलती है।
    • सहयोग के साथ टीम भावना को प्रोत्साहन मिलना: भावनात्मक बुद्धिमत्ता सिविल सेवकों को समन्वय, बेहतर संचार और दूसरों की भावनाओं और क्षमताओं को महत्त्व देकर टीम भावना के साथ कार्य करने को प्रेरित करती है। इससे सकारात्मक और समावेशी कार्य वातावरण को बढ़ावा मिलता है जिससे उत्पादकता बढ़ती है।
    • नेतृत्व और प्रभाव क्षमता: नेतृत्व वाले पदों पर सिविल सेवकों के लिये भावनात्मक बुद्धिमत्ता महत्त्वपूर्ण है। यह उन्हें अपनी टीमों को प्रेरित करने, अपने दृष्टिकोण को संप्रेषित करने, विश्वास निर्माण तथा नीतिगत पहलों और संगठनात्मक लक्ष्यों का समर्थन करने के लिये हितधारकों को प्रभावित करने में सक्षम बनाती है।

    निष्कर्ष:

    सिविल सेवक के लिये भावनात्मक बुद्धिमत्ता एक मूल्यवान कौशल है क्योंकि यह उसे प्रभावी और रचनात्मक तरीके से कार्य निष्पादन में सहयोग करता है। इससे सिविल सेवक अपने कर्त्तव्यों में बेहतर प्रदर्शन करने और व्यक्तिगत तथा व्यावसायिक लक्ष्यों को प्राप्त करने हेतु प्रेरित होता है। भावनात्मक बुद्धिमत्ता को निरंतर सीखने तथा अभ्यास के माध्यम से विकसित किया जा सकता है।

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