इंदौर शाखा: IAS और MPPSC फाउंडेशन बैच-शुरुआत क्रमशः 6 मई और 13 मई   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    'टेक स्टार्टअप प्रोग्राम’ क्या है? रोबोटिक प्रोसेस ऑटोमेशन शिक्षा प्रणाली को सुव्यवस्थित करने में कैसे सहायक सिद्ध हो सकती है ?

    27 Jun, 2020 सामान्य अध्ययन पेपर 3 विज्ञान-प्रौद्योगिकी

    उत्तर :

    हल करने का दृष्टिकोण:

    • ‘टेक स्टार्टअप प्रोग्राम’ क्या है?

    • रोबोटिक प्रोसेस ऑटोमेशन शिक्षा प्रणाली को सुव्यवस्थित करने में कैसे सहायक सिद्ध हो सकती है?

    • निष्कर्ष

    हाल ही में Technoxian 2019 में अपने एक B2C (बिज़नेस-टू-कंज़्यूमर) आयोजन में AICRA ने ‘टेक स्टार्टअप प्रोग्राम’ की शुरुआत की, जिसका उद्देश्य सभी नई कंपनियों और तकनीकी नवाचारों के लिये इच्छुक नए लोगों को सहयोग व लाभ देना है। टेक स्टार्टअप प्रोग्राम स्टार्टअप के लिये निम्नलिखित बुनियादी आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु सहायता प्रदान करता है-

    • प्रशासनिक सहयोग: इसके अंतर्गत एक प्रणाली का निर्माण किया गया है जिसमें विभिन्न ऊर्ध्वाधर स्तरों पर कॉर्पोरेट सदस्य, शिक्षाविद सदस्य, B2C सदस्य जैसे बहुत से सदस्य शामिल हैं जो स्टार्टअप को प्रत्यक्ष लक्ष्य समूह से जुड़ने में सक्षम बनाता है।
    • वित्तीय सहयोग: इसके अंतर्गत बहुत से Venture Capitalists के साथ साझेदारी की है ताकि वित्त-संचयन में स्टार्टअप कंपनियों को मदद मिल सके। इसके अतिरिक्त AICRA और कंपनियों के बीच विभिन्न स्तरों पर तालमेल बनाया जा सकता है, जैसे- AICRA किसी कंपनी का शेयरधारक हो सकता है या उसे ऋण दे सकता है और इस प्रकार विभिन्न विकल्पों के मार्ग खुलते हैं।
    • प्रौद्योगिकीय सहयोग: यह क्षेत्र विशेषज्ञों और उद्योग क्षेत्र की भागीदार कंपनियों (जो सभी प्रकार के प्रौद्योगिकीय एवं अवसंरचनात्मक ज्ञान और सहायता प्रदान करेंगे))की मदद से स्टार्टअप्स को प्रौद्योगिकीय मार्गदर्शन और सहायता प्रदान करता है।

    रोबोटिक प्रोसेस ऑटोमेशन (RPA) शिक्षा प्रणाली को कैसे सुव्यवस्थित करने में किस प्रकार सहायक सिद्ध हो सकता है इसे निम्न बिंदुओं के अंतर्गत समझा जा सकता है -

    • यह छात्रों को प्रौद्योगिकी को समझने और फिर उसकी सहायता से शिक्षा प्राप्त करने में सहायक होगा।
    • AICRA महाविद्यालयों, विशेष रूप से इंजीनियरी महाविद्यालयों से संबद्ध हो रहा है, एवं छात्रों के लिये प्रयोगशालाएँ बना रहा है जहाँ वे नई प्रौद्योगिकी सीख सकते हैं और कोई उत्पाद, प्रक्रिया या सेवा का नवाचार कर सकते हैं ताकि कंपनियाँ ऑटोमेशन शुरू करने के बाद प्रशिक्षण के समय और प्रयासों की बचत कर सकें।
    • कुछ इंजीनियरिंग कॉलेजों और विश्वविद्यालयों ने पहले से ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग एवं डीप साइंस आदि की शिक्षा प्रदान करना शुरू कर दिया है।
    • AICRA ने ग्लोबल इनोवेशन सेंटर नाम से एक और विकल्प पर अमल शुरू किया है जिसके तहत भारत में पाँच इनोवेशन सेंटर या नवाचार केंद्र स्थापित किये जाएँगे। ऐसा पहला केंद्र बंगलुरूमें स्थापित किया गया है।
    • GIC के अंतर्गत महाविद्यालय या विश्वविद्यालय परिसर के अंदर पूर्णरूपेण कार्यरत प्रयोगशालाओं की स्थापना की जाएगी जिससे छात्रों और शिक्षकों के चयनित समूह नवाचार और नए उत्पादों के निर्माण के लिये साथ मिलकर काम करेंगे। बाद में ऐसे उत्पादों का व्यवसायीकरण भी किया जा सकता है।
    • शिक्षाविदों और उद्योगों में तालमेल बनाने के लिये तथा बाज़ार अंतराल को भरने के लिये एक ही मंच पर आना होगा।

    निष्कर्षतः विभिन्न उद्योगों और क्षेत्रों में दक्षता, उत्पादकता और अनुकूलन को बढ़ावा देने के लिये ऑटोमेशन वर्तमान समय की आवश्यकता है। एक ऐसे पारिस्थितिकी तंत्र का विकास करना होगा जो ज्ञान और सूचना, वित्तपोषण तथा एक समर्पित टीम के तकनीकी और कानूनी सहायता से समर्थित हो, जो सभी पहलुओं को अपने दायरे में लेता हो, तभी उद्यमशीलता की भावना और स्टार्टअप को आगे के लिये और प्रेरणा प्राप्त होगी। चूँकि भारत पहले से ही तकनीकी क्षेत्र में कुछ प्रगति कर रहा है और कई अंतर्राष्ट्रीय एवं बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ भारत में निवेश और उसके साथ सहयोग की इच्छुक हैं, यह भारत के लिये एक बड़ा अवसर है जिसका तत्परता से लाभ उठाना चाहिये।

    To get PDF version, Please click on "Print PDF" button.

    Print
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2