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मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    ‘वर्तमान में भ्रष्टाचार से निपटने के लिये एक ऐसी राष्ट्रीय नीति बनाने की आवश्यकता है जो भ्रष्टाचार के प्रति ‘ज़ीरो टॉलरेंस’ पर आधारित हो,’ चर्चा करें।

    22 Jan, 2020 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्न

    उत्तर :

    हल करने का दृष्टिकोण:

    • संक्षिप्त भूमिका ।

    • वर्तमान में भ्रष्टाचार की स्थिति।

    • राष्ट्रीय नीति बनाने की आवश्यकता क्यों?

    • ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति के अहम बिंदुओं पर प्रकाश डालें।

    • निष्कर्ष।

    वर्तमान में हमें सामाजिक मानकों के रुप में कुछ ऐसे मानदंडों की स्थापना करने की आवश्यकता है, जिसमें ईमानदारी जीवन का अहम हिस्सा बन जाए तथा सत्यनिष्ठा, उत्तरदायित्व एवं कर्त्तव्य पूर्ति में निष्पक्षता जैसे मूल्य हमारे लोकसेवकों के मार्गदर्शी सिद्धांत बनें।

    कानूनी नियमों तथा सदाचार के मानदंडों से युक्त एक ऐसी व्यवस्था बने जो एक लोकतांत्रिक और खुशहाल समाज के रुप में हमारे जीवन के लिये आवश्यक है जिसका अनुपालन जनता के रूप में हम तथा हमारी सरकार दोनों करें। भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, लोकपाल, लोकायुक्त, केंद्रीय सर्तकता आयोग, राज्य सर्तकता आयोग तथा विभिन्न जाँच एजेंसियों के होने के बावजूद हम देखते हैं कि भ्रष्ट व्यक्ति बचकर निकल जाते हैं। इसका सबसे बड़ा कारण है विभिन्न राज्यों, संस्थाओं तथा विभागों में भ्रष्टाचार से निपटने के स्वरूप में एकरुपता का अभाव। यही कारण है कि कई बार ये संस्थाएँ राजनीतिक स्वार्थ तथा निजी हितों के अनुसार प्रयोग में लाई जाती हैं।

    उपरोक्त परिस्थितियों में भ्रष्टाचार के विरुद्ध राष्ट्रीय नीति बनाए जाने की आवश्यकता है। जहाँ तक संभव हो विवेकशीलता को कम करके इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों को बढ़ावा दिया जाए। हर अधिकारी की प्रोफाइलिंग की जाए। संवेदनशील पदों पर ईमानदार अधिकारियों की ही नियुक्ति की जाए तथा जवाबदेहिता अधिकाधिक सुनिश्चित की जाए।

    सत्यनिष्ठा की एक ऐसी परीक्षा हो जहाँ ईमानदारी के सामान्य मानदंडों का पता लगाया जा सके तथा ऐसी व्यवस्था हो जहाँ पर भ्रष्टाचार के विरोध में आवाज़ उठाने वाले को प्रताड़ित न किया जाए। ‘व्हिसल ब्लोअर्स’ की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए तथा भ्रष्ट व्यक्ति से गबन की राशि दो गुनी तक वसूल की जाए। भ्रष्टाचार के विरुद्ध आवाज़ उठाने वाले लोगों को प्रोत्साहित किया जाए। नागरिक चार्टर को अधिक मज़बूत बनाया जाए।

    हमें ऐसी व्यवस्था जहाँ भ्रष्टाचार हेतु कठोर कानून बनाएं जाए, की स्थापना के स्थान पर ऐसी व्यवस्था की स्थापना का प्रयास करना चाहिये जहाँ भ्रष्टाचार ही न हो। अमेरिका द्वारा ईरान पर प्रतिबंध लगाना व भारत पर भी CAATSA कानून के तहत इन प्रतिबंधों को मानने के लिये दबाव बनाना, भारत के लिये चिंता व तनाव का विषय रहा है। ध्यातव्य है कि ईरान भारत के लिये सामरिक (चाबहार बंदरगाह), व्यापारिक (तेल गैस) व मध्य एशिया तक पहुँच हेतु प्रमुख भागीदार है।

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