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मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    लोकतंत्र में कुशल सिविल सेवा के लिये कुछ मूल्य अवश्य होने चाहिये, जो इसे अन्य व्यवसायों से अलग करते हैं। दिये गए कथन के आलोक में सार्वजनिक सेवाओं के लिये मूलभूत मूल्यों की व्याख्या कीजिये।

    07 Aug, 2018 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्न

    उत्तर :

    उत्तर की रूपरेखा

    • प्रभावी भूमिका में प्रश्नगत कथन को स्पष्ट करें।
    • तार्किक तथा संतुलित विषय-वस्तु में दिये गए कथन के आलोक में सार्वजनिक सेवाओं के लिये मूलभूत मूल्यों की व्याख्या कीजिये ।
    • प्रश्नानुसार संक्षिप्त एवं सारगर्भित निष्कर्ष लिखें।

    लोकतंत्र में सिविल सेवकों के विशेष दायित्व होते हैं, क्योंकि उन्हें सामुदायिक संसाधनों का प्रबंधन और समुदायों के लिये सेवाएँ प्रदान करने जैसी प्रमुख ज़िम्मेदारियाँ निभानी होती हैं। स्वाभाविक रूप से नागरिक, सिविल सेवकों से समाज में कुशलता से काम करने के क्रम में कुछ मूल्यों को बनाए रखने की उम्मीद करते हैं।

    सार्वजनिक सेवाओं के लिये आवश्यक मूलभूत मूल्य-

    • निःस्वार्थता- सार्वजनिक पदधारकों को जनता के हित के मामलों में पूरी तन्मयता से कार्य करना चाहिये। उन्हें पद का दुरुपयोग न तो खुद के लाभ के लिये करना चाहिये और न ही अपने परिवार या दोस्तों को वित्तीय या अन्य लाभ हासिल करने में उनकी मदद करनी चाहिये।
    • वफ़ादारी- सार्वजनिक पदधारकों को उनके सरकारी कर्त्तव्यों के निष्पादन में उन्हें प्रभावित करने की कोशिश हो सकती है, अतः उन्हें बाहरी व्यक्तियों या संगठनों के दबाव में ऐसा कोई कार्य नहीं करना चाहिये जिससे उनके वित्तीय या अन्य दायित्व प्रभावित हों।
    • निष्पक्षता- सार्वजनिक पदधारकों को योग्यता के आधार को विकल्प बनाना चाहिये, सार्वजनिक नियुक्तियों, ठेके देने या पुरस्कार और लाभ के लिये व्यक्तियों के चयन में निष्पक्षता बरतनी चाहिये।
    • जवाबदेही- सार्वजनिक पदधारक अपने फैसलों और कार्यों के लिये जनता के प्रति जवाबदेह हैं अतः किसी जांच के दौरान जो कुछ भी उपयुक्त हो जाँच के लिये स्वयं प्रस्तुत करना चाहिये।
    • खुलापन- सार्वजनिक पदधारकों को लिये गए सभी फैसलों और कार्यों के बारे में पारदर्शिता की नीति अपनानी चाहिये। उन्हें अपने निर्णय के कारणों को स्पष्ट रूप से बताना चाहिये और जानकारी को सीमित तभी करना चाहिये जब व्यापक सार्वजनिक हित प्रभावित हों।
    • ईमानदारी- सार्वजनिक कार्यालय के पदधारकों के लिये अपने सार्वजनिक कर्त्तव्यों से संबंधित किसी भी निजी हित की घोषणा करना एक कर्त्तव्य है और यह जनता के हित की रक्षा करता है।
    • नेतृत्व- सार्वजनिक पदधारकों को सभी के हितों को बढ़ावा देने और कुशल नेतृत्व प्रदान करने जैसे उदाहरण के द्वारा इस सिद्धांत का समर्थन करना चाहिये।

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