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मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    मनोवृत्ति से आप क्या समझते हैं?

    31 Aug, 2018 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्न

    उत्तर :

    उत्तर की रूपरेखा

    • प्रभावी भूमिका में मनोवृत्ति को संक्षेप में बताएँ।
    • तार्किक तथा संतुलित विषय-वस्तु में विभिन्न विद्वानों द्वारा किये गए वर्गीकरण को स्पष्ट करते हुए विश्लेषण करें। 
    • प्रश्नानुसार संक्षिप्त एवं सारगर्भित निष्कर्ष लिखें।

    फ्राशबें और अजजेन ने मनोवृत्ति को एक ऐसा सीखा हुआ पूर्वाग्रह माना है जो एक निश्चित लक्ष्य की ओर निरंतरता से अनुकूल या प्रतिकूल प्रतिक्रियाएँ देता रहता है। यह एक मानसिक स्थिति है जिसे आधुनिक मनोविज्ञान के पिता जंग ने एक विशेष प्रकार की क्रिया-प्रतिक्रिया देने के लिये तैयार व्यक्ति का मानस बताया है। गोर्डन अल्पोर्ट भी इसे वास्तविकता की एक ऐसी ही तटस्थ मानसिक स्थिति मानता है जो अनुभव के कारण संबंधित स्थितियों पर प्रभाव डालती रहती है। वस्तुतः मनोवृत्ति एक प्रवृत्ति होती है जसके कारण व्यक्ति काम करने की ओर मुड़ता है। यह मूलतः जन्मजात है पर इसकी अभिव्यक्ति व्यावहारिक जीवन में भी तरह-तरह से होती है।

    क्रचफील्ड ने मनोवृत्ति को मनुष्य की बौद्धिक प्रक्रिया में चार प्रकार से वर्गीकृत किया है :

    1. प्रेरणात्मक 
    2. भावनात्मक
    3. बोधात्मक
    4. संज्ञानात्मक

    उम्र, लिंग और हितों के साथ मनोवृत्तियाँ बहुत कठोर और जटिल बन सकती हैं। मनोविज्ञान के बहुत से लेखक मनोवृत्तियों को पूर्वाग्रह भी मानते हैं। उनका मानना है कि किसी भी बात, घटना या व्यक्ति को सही गलत बताने वाले, तर्क और प्रमाणों में विश्वास नही करते। वे अपने पक्ष और विपक्ष के निर्णयों में अपने पूर्वाग्रहों से कार्य करते हैं। मनोविज्ञानी, मनोवृत्तियों में निम्नलिखित तत्त्व सम्मिलित करते हैं –

    • ये व्यक्ति अथवा समूहों की भावनाओं और विश्वासों के पुंज होते हैं। 
    • ये दूसरे व्यक्तियों अथवा विचारों और घटनाओं के विषय में होते हैं।
    • इनसे आचरण और व्यवहार प्रभावित होता है। 
    • ये अनुकूलता और प्रतिकूलता के एक व्यापक क्रम में पाए जाते हैं। 
    • कुछ मनोवृत्तियाँ जीवनभर चलती हैं।
    • मनोवृत्तियों का पद, योग्यता, बुद्धि आदि से कोई संबंध नहीं होता और लोग इन्हें आसानी से छोड़ने को तैयार भी नहीं होते। 

    संक्षेप में, मनोवृत्ति को एक रुख या रवैया भी कहा जा सकता है। यह वह स्थिति या मुद्रा है जो व्यक्तियों के बीच संबंधों को घटाती-बढ़ाती रहती है। यह वंशानुगत नहीं होती और इन्हें अर्जित किया जा सकता है।

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