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मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    शिकायत निवारण तंत्र किसी भी शासन में सार्वजनिक सेवाओं को सुनिश्चित करने के लिये महत्त्वपूर्ण साधनों में से एक है। इस कथन के आलोक में नागरिकों की शिकायतों का समाधान करने के लिये सरकार की प्रमुख पहलों को रेखांकित कीजिये और इसके साथ जुड़ी चुनौतियों पर चर्चा कीजिये।

    24 Jan, 2018 सामान्य अध्ययन पेपर 2 राजव्यवस्था

    उत्तर :

    उत्तर की रूपरेखा:

    • शिकायत निवारण तंत्र को समझाएँ
    • शिकायत निवारण तंत्र की स्थापना हेतु सरकार द्वारा उठाए गए प्रमुख कदम
    • प्रमुख चुनौतियाँ

    किसी भी लोकतंत्र में नागरिक ज़्यादातर सरकारी एजेंसियों द्वारा उपलब्ध कराई गई सेवाओं और सुविधाओं पर निर्भर रहते हैं और उन्हें अक्सर इन एजेंसियों के साथ व्यवहार करने में समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इन विभागों या एजेंसियों द्वारा सेवाएँ प्रदान करने में देरी और उत्पीड़न समस्या उत्पन्न करते हैं और लोगों को असंतुष्ट करते हैं। इसलिये शिकायत निवारण तंत्र इन समस्याओं से निपटने और बड़े पैमाने पर लोगों हेतु सेवाओं में सुधार सुनिश्चित करने के लिये एक महत्त्वपूर्ण साधन/प्रक्रिया है।

    इसलिये समय-समय पर सरकार ने नागरिक सेवाओं के वितरण को सुनिश्चित करने, लोकतंत्र को सार्थक बनाने तथा नागरिकों की शिकायतों के निवारण के लिये कई कानूनों को अधिनियमित किया है और उचित प्रक्रिया की स्थापना की है। सरकार द्वारा उठाए गए प्रमुख कदम इस प्रकार हैं-

    ओम्बुड्समैन प्रणाली- यह स्कैन्डिनेवियाई अवधारणा है। यह जनता से संबंधित शिकायत की जाँच और उन्हें हल करने का प्रयास करती है।

    सिटीजन चार्टर विधेयक- नागरिक घोषणा-पत्र एक ऐसा व्यवस्थित दस्तावेज़ है जो किसी सरकारी संगठन द्वारा मुहैया कराई जा रही सेवाओं, उनके गैर-भेदभावपूर्ण वितरण, पहुँच, शिकायत निवारण तंत्र, उत्तरदायित्व और पारदर्शिता के संबंध में नागरिक केंद्रित प्रतिबद्धता का प्रतिनिधित्व करता है। सार्वजनिक सेवाओं को समयबद्ध रूप से सुनिश्चित करने के लिये सरकार की ओर से एक प्रयास है। 

    लोकपाल और लोकायुक्त- यह आमतौर पर भ्रष्टाचार से संबंधित आरोपों की जाँच करता है।

    उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986- यह आमतौर पर जनता के लिये किसी भी उपभोक्ता संबंधित सेवा को सुनिश्चित करता है और किसी भी तरह के कदाचार से उन्हें बचाता है।       

    सूचना का अधिकार अधिनियम- यह नागरिकों के अनुरोध पर सरकारी प्रक्रिया की जानकारी एवं सूचना को जनता को उपलब्ध कराता है।

    केंद्रीय सतर्कता आयोग- यह सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार से संबंधित है।

    व्हिसिलब्लोअर विधेयक- यह सरकारी एजेंसियों में भ्रष्टाचार और कदाचार का खुलासा करने वाले व्यक्ति को सुरक्षा प्रदान करता है।

    सामाजिक अंकेक्षण- यह भ्रष्टाचार मुक्त कल्याणकारी कार्यक्रमों को सुनिश्चित करने के लिये एक उपकरण है।

    लोगों के लिये सेवाएँ और सुविधाएँ सुनिश्चित करने के रास्ते की बड़ी चुनौतियाँ निम्नलिखित हैं-

    • भ्रष्टाचार, लोगों के लिये सेवाओं और सुविधाओं के वितरण की समस्या के पीछे एक प्रमुख कारक है। 
    • कर्त्तव्यों के निष्पादन और हर मामले में सेवाओं के वितरण की विफलता, देरी या डिफॉल्ट की जिम्मेदारी लेने या तय करने के तंत्र का स्पष्ट रूप से आभाव।
    •  कानूनों और नियमों के उचित कार्यान्वयन की कमी।
    • शिकायतों की प्रकृति और कारण के विश्लेषण की कमी और शिकायतों की रिपोर्ट करने के माध्यमों के उपयोग की अनुपलब्धता या कठिनाई। 
    • लोग इस तंत्र के बारे में अच्छी तरह से अवगत नहीं हैं, जो कि आंशिक रूप से शिक्षा की कमी और सरकार की पहल की कमी के कारण है।

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