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मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    कॉर्पोरेट शासन से आप क्या समझते हैं? इसके लाभ तथा सीमाओं की संक्षेप में चर्चा कीजिये।

    22 Jun, 2018 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्न

    उत्तर :

    प्रश्न-विच्छेद

    • कॉर्पोरेट शासन को समझाना है तथा इसके लाभ एवं सीमाओं की संक्षेप में चर्चा करनी है।

    हल करने का दृष्टिकोण

    • प्रभावी भूमिका लिखते हुए कॉर्पोरेट शासन को समझाइये।
    • तार्किक तथा संतुलित विषय-वस्तु में कॉर्पोरेट शासन के लाभ तथा सीमाओं की संक्षेप में चर्चा करें।
    • प्रश्नानुसार संक्षिप्त एवं सारगर्भित निष्कर्ष लिखें।

    कॉर्पोरेट शासन की संकल्पना काफी समय से जनता का ध्यान आकृष्ट कर रही है। उद्योग तथा अर्थव्यवस्था में इसकी संगतता तथा महत्त्व के कारण इसे व्यापक स्वीकार्यता प्राप्त हो रही है।

    कॉर्पोरेट शासन उन प्रक्रियाओं तथा संबंधित संगठनात्मक ढाँचों का अर्थ देता है जिनसे संगठन निर्देशित व नियंत्रित किये जाते हैं तथा ज़िम्मेदार बनाये जाते हैं। इसमें संगठन के प्रबंधन, इसके निदेशक मंडल, इसके शेयरधारकों एवं अन्य पणधारियों के बीच संबंधों का समुच्चय होता है। यह न केवल किसी व्यवसाय उद्यम की कुशलता में योगदान देता है, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था की संवृद्धि तथा प्रगति में भी सहायक है। कॉर्पोरेट शासन के छः तत्त्व हैं जिन्हें ‘स्टेक होल्डर्स’ कहा जाता है। इनमें शामिल हैं-

    1. ग्राहक
    2. कर्मचारी
    3. निवेशक
    4. वैंडर
    5. सरकार
    6. समाज

    कॉर्पोरेट शासन को प्रभावी और कुशल तरीके से चलाने के लिये प्रबंधन को इन सभी स्टेक होल्डर्स का विश्वास प्राप्त करना होता है।

    कॉर्पोरेट शासन के लाभ
    भारत तथा विदेशों में किये गए अध्ययन यह संकेत देते हैं कि बाज़ार और निवेशक सुप्रबंधित कंपनियों पर ध्यान देते हैं तथा उनके प्रति उनकी सकारात्मक अनुक्रिया भी है। ऐसी कंपनियों में अच्छे कॉर्पोरेट शासन की प्रणाली सुव्यवस्थित होती है जो बोर्ड तथा प्रबंधक को प्रभावपूर्ण जवाबदेही के दायरे में रखते हुए अपनी कंपनियों की प्रगति हेतु निर्णय लेने तथा नवाचारी उपाय करने की पर्याप्त स्वतंत्रता देते हैं।

    आज के भूमंडलीकृत विश्व में जबकि कॉर्पोरेट्स के लिये यह आवश्यक हो गया है कि वे पूंजी के वैश्विक पूलों तक पहुँचें तथा विश्व के विभिन्न भागों में सर्वोत्तम मानव पूंजी को आकृष्ट करें तथा उन्हें अपने पास बनाए रखें। ऐसे परिदृश्य में कंपनियाँ जब तक कॉर्पोरेट नैतिक आचरण को नहीं अपनाएंगी तथा उसे प्रदर्शित नहीं करेंगी, वे सफल नहीं हो सकेंगी। अच्छा कॉर्पोरेट शासन मानक कंपनी के प्रचालनात्मक निष्पादन को महत्त्वपूर्ण और बेहतर बनाता है, साथ ही कॉर्पोरेट शासन प्रक्रियाओं द्वारा प्रस्तुत विश्वसनीयता भी अधिक दीर्घावधिक पूंजी को आकृष्ट करने के लिये विदेशी तथा घरेलू निवेशकों के विश्वास को बनाए रखने में सहायता करती है। इससे वित्तपोषण के अधिक स्थायी स्रोत अभिप्रेरित होते हैं।

    कॉर्पोरेट शासन की सीमाएँ
    यह सत्य है कि कॉर्पोरेट शासन की कोई अद्वितीय संरचना या अभिकल्प नहीं होता तथा उसे अधिकांशतः अस्पष्ट माना जाता है। इसके विभिन्न मुद्दों, जैसे-

    1. वित्तीय तथा प्रबंधकीय प्रकटन की गुणवत्ता,
    2. सर्वोत्तम प्रक्रिया संहिता का अनुपालन,
    3. निदेशक मंडल की भूमिका तथा उत्तरदायित्व, इत्यादि के बारे में जागरूकता का अभाव है। इस कारण कॉर्पोरेट क्षेत्र में विफलताओं और घोटालों की अनेक घटनाएँ हुई हैं। कॉर्पोरेट शासन की उत्कृष्टता जिन कारकों पर निर्भर करती है, उनमें शामिल है-
      ♦ प्रबंधन की सत्यनिष्ठा
      ♦ बोर्ड की सक्षमता
      ♦ प्रक्रियाओं की पर्याप्तता
      ♦ बोर्ड सदस्यों की व्यक्तिगत प्रतिबद्धता
      ♦ कॉर्पोरेट रिपोर्टिंग की उत्कृष्टता
      ♦ प्रबंधन में स्टेक होल्डर्स की सहभागिता

    चूँकि वैश्विक बाजारों के साथ भारतीय अर्थव्यवस्था के एकीकरण से देश में उद्योगपति तथा कॉर्पोरेटों को वर्द्धित रूप से बेहतर तथा पारदर्शी कॉर्पोरेट प्रक्रियाएँ अपनाने के लिये कहा जा रहा है, अतः आने वाले वर्षों में कॉर्पोरेट शासन की विश्व भर में अधिक संगत तथा स्वीकार्य प्रक्रिया बन जाएगी।

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