इंदौर शाखा: IAS और MPPSC फाउंडेशन बैच-शुरुआत क्रमशः 6 मई और 13 मई   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    लोक सेवकों के लिये नैतिक संहिता के आवश्यक तत्त्वों का संक्षेप में वर्णन कीजिये।

    23 Jun, 2018 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्न

    उत्तर :

    हल करने का दृष्टिकोण

    • प्रभावी भूमिका लिखते हुए नैतिक संहिता का परिचय दें।
    • तार्किक तथा संतुलित विषय-वस्तु में लोक सेवक के लिये नैतिक संहिता के आवश्यक तत्त्वों को लिखें।
    • प्रश्नानुसार संक्षिप्त एवं सारगर्भित निष्कर्ष लिखें।

    नैतिक संहिता आधारभूत सामान्य सिद्धांतों को व्यक्त करती है जो उन मामलों में दिशा-निर्देश देने का कार्य करते हैं जहाँ कोई विशेष नियम न हो या जहाँ नियम अस्पष्ट हों। दूसरे शब्दों में, विभिन्न संगठन अपनी-अपनी नीति संहिता बनाते हैं ताकि उनके सदस्यों को आसानी से समझ आ सके कि सही और गलत में अंतर क्या है तथा इस समझ का वे अपने निर्णयों में उपयोग कर सकें। नीति संहिता प्रायः तीन स्तरों पर लागू होने वाले दस्तावेज़ हैं-

    • व्यवसाय की नीति संहिता
    • कर्मचारियों के लिये आचार संहिता
    • व्यावसायिक आचरण संहिता

    यद्यपि भारत सरकार ने सिविल सेवकों के लिये कोई निश्चित नैतिक संहिता नहीं बनाई है। किंतु कुछ नैतिक मूल्यों पर हर आचरण संहिता में बल दिया गया है जिन्हें नैतिक संहिता माना गया है तथा किसी लोक सेवक द्वारा इनका पालन करना अपरिहार्य है। जैसे-

    • संविधान की प्रस्तावना में शामिल आदर्शों के प्रति निष्ठा रखना।
    • तटस्थता तथा निष्पक्षता बनाए रखना तथा प्रत्येक मामले को केवल गुण-अवगुण के आधार पर देखना।
    • किसी राजनीतिक दल के प्रति सार्वजनिक निष्ठा न रखना, अगर किसी राजनीतिक दल से लगाव हो तो उसे अपने कार्य में व्यक्त न होने देना।
    • देश के सामाजिक सांस्कृतिक वैविध्य के प्रति सम्मान का भाव रखना तथा लिंग, जाति, वर्ग या अन्य कारणों से वंचित समूहों के प्रति करुणा का भाव रखना।
    • निर्णय प्रक्रिया में उत्तरदायित्व तथा पारदर्शिता का पूरा ध्यान रखना।
    • उच्चतम सत्यनिष्ठता बनाए रखना।
    • सरकारी कार्यों में किसी भी अनावश्यक खर्च को रोकना तथा संसाधनों के सही प्रयोग की कोशिश करना।
    • अपने राजनीतिक प्रमुखों को स्पष्ट, निर्भीक तथा गैर-राजनीतिक तौर पर सलाह देना।
    • यह सुनिश्चित करना कि प्रत्येक अधिकारी अपने अधीनस्थों को एक ऐसा माहौल प्रदान करे जिसमें जनता को उच्च संतुष्टि स्तर पर सेवाएँ प्रदान की जा सकें।

    प्रशासन के नैतिक मूल्य आधारभूत मानवीय मूल्यों पर ही आधारित हैं। अतः लोक सेवकों के लिये नैतिक मार्ग निर्देशन के स्रोत के रूप में इसका महत्त्वपूर्ण स्थान है।

    To get PDF version, Please click on "Print PDF" button.

    Print
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow