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संयुक्त राष्ट्र द्वारा गाज़ा में अकाल की घोषणा
संयुक्त राष्ट्र ने आधिकारिक रूप से गाज़ा में अकाल घोषित किया है, जिससे पश्चिम एशिया में पहला अकाल दर्ज हुआ है। संघर्ष और भोजन तक सीमित पहुँच के कारण पाँच लाख से अधिक लोग अत्यधिक भुखमरी का सामना कर रहे हैं।
- अकाल (Famine): इंटीग्रेटेड फूड सिक्योरिटी फेज़ क्लासिफिकेशन (IPC) के अनुसार, अकाल वह स्थिति है जिसमें कम से कम पाँच में से एक परिवार भोजन की अत्यधिक कमी से जूझ रहा हो और भूखमरी तथा निर्धनता का सामना कर रहा हो। इसके परिणामस्वरूप बच्चों और वयस्कों में तीव्र कुपोषण तथा मृत्यु के अत्यंत गंभीर स्तर तक स्थिति पहुँच जाती है।
- IPC फेज़ 5, IPC की तीव्र खाद्य असुरक्षा पैमाने का सबसे उच्च चरण है। इसे तब घोषित किया जाता है जब किसी क्षेत्र में कम से कम 20% परिवार गंभीर खाद्य असुरक्षा से प्रभावित हों, पाँच वर्ष से कम आयु के कम से कम 30% बच्चे तीव्र कुपोषण से ग्रस्त हों और प्रतिदिन प्रति 10,000 लोगों पर कम से कम 2 मृत्यु हो रही हों।
- कारण: इज़राइल-हमास संघर्ष में तीव्र वृद्धि, बड़े पैमाने पर विस्थापन और मानवीय एवं वाणिज्यिक खाद्य आपूर्ति पर गंभीर प्रतिबंध।
गाज़ा पट्टी (Gaza Strip)
- गाज़ा पट्टी पश्चिम एशिया का एक तटीय क्षेत्र है, जिसकी लंबाई लगभग 41 किलोमीटर और चौड़ाई 10 किलोमीटर है। यह सिनाई प्रायद्वीप के उत्तर-पूर्व में स्थित है।
- इसकी सीमाएँ उत्तर और पूर्व में इज़रायल, दक्षिण-पश्चिम में मिस्र तथा पश्चिम में भूमध्य सागर से मिलती हैं।
- गाज़ा पट्टी रणनीतिक रूप से महत्त्वपूर्ण व सघन आबादी वाला क्षेत्र है, जो इज़रायल-फिलिस्तीन संघर्ष के केंद्र में है और जहाँ लगातार मानवीय, राजनीतिक तथा सुरक्षा से जुड़ी चुनौतियाँ बनी हुई हैं।
और पढ़ें: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का प्रस्ताव: गाज़ा में युद्धविराम |
रैपिड फायर
पीएम स्वनिधि योजना 2.0
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ‘प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि) योजना’ के पुनर्गठन और ऋण अवधि को 31, दिसंबर 2024 से आगे बढ़ाने को मंजूरी दी है।
इसका उद्देश्य 1.15 करोड़ स्ट्रीट वेंडर्स (रेहड़ी-पटरी) विक्रेताओं को लाभ पहुँचाना है, जिसमें 50 लाख नए लाभार्थी भी शामिल होंगे।
- PM SVANidhi योजना: यह योजना आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय (MoHUA) द्वारा वर्ष 2020 में शुरू की गई थी। इसका उद्देश्य कोविड-19 महामारी से प्रभावित स्ट्रीट वेंडर्स विक्रेताओं को सहयोग प्रदान करना है। इसके अंतर्गत उन्हें कार्यशील पूंजी ऋण उपलब्ध कराए जाते हैं ताकि वे अपना व्यवसाय पुनः शुरू कर सकें, साथ ही वित्तीय समावेशन और डिजिटल लेन-देन को भी प्रोत्साहित किया जाता है।
- इस योजना को प्रधानमंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार (2023) नवाचार के लिए तथा सरकारी प्रक्रिया पुनः अभियांत्रिकी हेतु रजत पुरस्कार (2022) डिजिटल परिवर्तन के लिए प्रदान किया गया।
- पीएम स्वनिधि योजना: यह योजना समय पर ऋण चुकाने पर ब्याज सब्सिडी, डिजिटल लेन-देन पर कैशबैक और अगले चरण के लिये अधिक ऋण प्राप्त करने की पात्रता प्रदान करती है।
- 'स्वनिधि से समृद्धि' घटक के तहत सड़क विक्रेताओं को सामाजिक सुरक्षा लाभ उपलब्ध कराए जाते हैं।
- जुलाई 2025 तक इस योजना के अंतर्गत 96 लाख से अधिक ऋण (लगभग ₹13,797 करोड़) 68 लाख सड़क विक्रेताओं को वितरित किये गए।
- इस योजना को प्रधानमंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार (2023) नवाचार के लिये तथा सिल्वर अवार्ड (2022) सरकारी प्रक्रिया पुनः अभिकल्पन और डिजिटल परिवर्तन के लिये प्रदान किया गया।
- पीएम स्वनिधि 2.0: इस योजना का कार्यान्वयन आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय और वित्तीय सेवा विभाग (DFS) की संयुक्त ज़िम्मेदारी होगी।
- पहले और दूसरे चरण (ट्रॉंच) में अधिक कार्यशील पूंजी उपलब्ध कराने हेतु ऋण राशि बढ़ाई गई है।
- दूसरे ऋण का पुनर्भुगतान करने वाले विक्रेताओं को यूपीआई-लिंक्ड रुपे क्रेडिट कार्ड प्रदान किया जाएगा, जिससे उन्हें व्यवसाय या व्यक्तिगत ज़रूरतों के लिये शीघ्र ऋण सुलभ हो सके।
- योजना का दायरा वैधानिक नगरों से आगे बढ़ाकर जनगणना नगरों और अर्द्ध-शहरी क्षेत्रों तक क्रमबद्ध तरीके से विस्तार किया गया है।
- ‘स्वनिधि से समृद्धि’ पहल को और सशक्त बनाने के लिये मासिक लोक कल्याण मेले आयोजित किये जाएंगे ताकि लाभार्थियों को अनेक सरकारी योजनाओं तक पहुँच सुनिश्चित हो सके।
- यह योजना खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) के सहयोग से विक्रेताओं की उद्यमिता, डिजिटल कौशल और खाद्य सुरक्षा में क्षमता निर्माण पर केंद्रित है।
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रैपिड फायर
संयुक्त राष्ट्र द्वारा वैश्विक AI शासन के लिये नया मार्ग
संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) पर स्वतंत्र अंतर्राष्ट्रीय वैज्ञानिक पैनल और AI शासन पर वैश्विक संवाद की शुरुआत की है, जो AI के लाभों का उपयोग करने के साथ-साथ उसके जोखिमों को प्रबंधित करने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है।
- AI शासन पर वैश्विक संवाद: यह संयुक्त राष्ट्र के अंतर्गत एक समावेशी मंच प्रदान करेगा, जहाँ राष्ट्र और हितधारक AI से जुड़ी उन महत्त्वपूर्ण चुनौतियों पर चर्चा कर सकेंगे जिनका आज मानवता सामना कर रही है।
- AI पर स्वतंत्र अंतर्राष्ट्रीय वैज्ञानिक पैनल: यह AI अनुसंधान और नीतिनिर्माण के बीच एक सेतु का कार्य करेगा। यह चुनौतियों का पूर्वानुमान लगाने और वैश्विक AI विनियमन का मार्गदर्शन करने के लिये कठोर, स्वतंत्र और वैज्ञानिक आकलन उपलब्ध कराएगा।
- यह वर्ष 2026 (जिनेवा) और 2027 (न्यूयॉर्क) में AI शासन पर वैश्विक संवाद में अपनी वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा।
भारत में AI शासन
- वर्तमान में भारत में कोई समर्पित कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) कानून नहीं है। इसे मौजूदा ढाँचों के माध्यम से नियंत्रित किया जाता है जैसे कि सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 (साइबर अपराध, मध्यस्थ की ज़िम्मेदारी), डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम, 2023 (डेटा गोपनीयता) और बौद्धिक संपदा अधिकार (IPR) कानून (AI-जनित कार्यों से संबंधित)।
- नीति आयोग की राष्ट्रीय कृत्रिम बुद्धिमत्ता रणनीति, 2018 स्वास्थ्य सेवा, कृषि, शिक्षा, स्मार्ट सिटी और गतिशीलता जैसे क्षेत्रों में AI अनुसंधान और विकास का मार्गदर्शन करती है, जबकि इसकी ज़िम्मेदार AI के सिद्धांत, 2021 नैतिक AI तैनाती पर केंद्रित हैं।
- भारत वैश्विक AI मंचों में सक्रिय है। इसने ग्लोबल पार्टनरशिप ऑन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (GPAI) समिट, 2023 की मेज़बानी की, AI एक्शन समिट 2025 में फ्राँस के साथ सह-अध्यक्षता की साथ ही AI इम्पैक्ट समिट 2026 की मेज़बानी करेगा।
और पढ़ें: सार्वजनिक सेवा वितरण में AI, AI और भारत का कानूनी परिदृश्य |
रैपिड फायर
वैक्विटा पोरपोइज़
एक नई रिपोर्ट में बताया गया है कि विश्व का सबसे दुर्लभ समुद्री स्तनपायी, वैक्विटा पोरपोइज़, मेक्सिको के गल्फ ऑफ कैलिफोर्निया (सी ऑफ कॉर्टेज़) में केवल लगभग 10 बचे हैं।
- इनकी संख्या में भारी गिरावट टोटोआबा मछली (जो अपने स्विम ब्लैडर के लिये मूल्यवान और लुप्तप्राय है) को पकड़ने के लिये उपयोग किये जाने वाले अवैध गिलनेट्स (जाल) में फंसने के कारण आई है।
वैक्विटा पोरपोइज़ (Phocoena sinus)
- परिचय: वैक्विटा पोरपोइज़ (स्पेनिश में लिटिल काउ अर्थात् “छोटी गाय”) विश्व का सबसे अधिक संकटग्रस्त समुद्री स्तनपायी है, जिसकी खोज वर्ष 1958 में हुई थी।
- पोरपोइज़, सेटेशियन समूह (व्हेल, डॉल्फ़िन, पोरपोइज़) के सबसे छोटे सदस्य हैं। वे दूरस्थ रूप से केवल डॉल्फिन से संबंधित हैं (लगभग 15 मिलियन वर्ष पहले इनके पूर्वज एक ही थे)।
- आवास: समुद्र, केवल उत्तरी कैलिफोर्निया की खाड़ी (सी ऑफ कॉर्टेज़), मेक्सिको में पाई जाती है।
- शारीरिक विशेषताएँ: वैक्विटा की आँखों के चारों ओर काले छल्ले (dark rings) तथा होंठों पर काले धब्बे होते हैं जो पंखों (fins) तक फैले होते हैं। नवजात शिशु गहरे रंग के होते हैं और उनके शरीर पर धूसर किनारा (gray fringe) होता है।
- इसका बड़ा डॉर्सल फिन (dorsal fin) गर्म पानी में शरीर की गर्मी बाहर निकालने में मदद करता है।
- व्यवहार: शर्मीले होते हैं और प्रायः तट के पास ही रहते हैं। नावों से बचते हैं और अधिकतर अकेले या बहुत छोटे समूहों में पाए जाते हैं, जबकि अन्य सीटेशियन (Cetaceans) बड़े समूहों में घूमते हैं।
- खतरे: असुरक्षित टोटोआबा मछली को पकड़ने के लिये डाले गए अवैध गिलनेट्स (जाल) में फँस जाते हैं।
- संरक्षण स्थिति:
- IUCN रेड लिस्ट: गंभीर रूप से संकटग्रस्त (Critically Endangered)
- CITES: परिशिष्ट–I (Appendix I)
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