रैपिड फायर
संयुक्त राष्ट्र द्वारा वैश्विक AI शासन के लिये नया मार्ग
- 29 Aug 2025
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संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) पर स्वतंत्र अंतर्राष्ट्रीय वैज्ञानिक पैनल और AI शासन पर वैश्विक संवाद की शुरुआत की है, जो AI के लाभों का उपयोग करने के साथ-साथ उसके जोखिमों को प्रबंधित करने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है।
- AI शासन पर वैश्विक संवाद: यह संयुक्त राष्ट्र के अंतर्गत एक समावेशी मंच प्रदान करेगा, जहाँ राष्ट्र और हितधारक AI से जुड़ी उन महत्त्वपूर्ण चुनौतियों पर चर्चा कर सकेंगे जिनका आज मानवता सामना कर रही है।
- AI पर स्वतंत्र अंतर्राष्ट्रीय वैज्ञानिक पैनल: यह AI अनुसंधान और नीतिनिर्माण के बीच एक सेतु का कार्य करेगा। यह चुनौतियों का पूर्वानुमान लगाने और वैश्विक AI विनियमन का मार्गदर्शन करने के लिये कठोर, स्वतंत्र और वैज्ञानिक आकलन उपलब्ध कराएगा।
- यह वर्ष 2026 (जिनेवा) और 2027 (न्यूयॉर्क) में AI शासन पर वैश्विक संवाद में अपनी वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा।
भारत में AI शासन
- वर्तमान में भारत में कोई समर्पित कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) कानून नहीं है। इसे मौजूदा ढाँचों के माध्यम से नियंत्रित किया जाता है जैसे कि सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 (साइबर अपराध, मध्यस्थ की ज़िम्मेदारी), डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम, 2023 (डेटा गोपनीयता) और बौद्धिक संपदा अधिकार (IPR) कानून (AI-जनित कार्यों से संबंधित)।
- नीति आयोग की राष्ट्रीय कृत्रिम बुद्धिमत्ता रणनीति, 2018 स्वास्थ्य सेवा, कृषि, शिक्षा, स्मार्ट सिटी और गतिशीलता जैसे क्षेत्रों में AI अनुसंधान और विकास का मार्गदर्शन करती है, जबकि इसकी ज़िम्मेदार AI के सिद्धांत, 2021 नैतिक AI तैनाती पर केंद्रित हैं।
- भारत वैश्विक AI मंचों में सक्रिय है। इसने ग्लोबल पार्टनरशिप ऑन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (GPAI) समिट, 2023 की मेज़बानी की, AI एक्शन समिट 2025 में फ्राँस के साथ सह-अध्यक्षता की साथ ही AI इम्पैक्ट समिट 2026 की मेज़बानी करेगा।
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