रैपिड फायर
भारत के 79वें स्वतंत्रता दिवस पर प्रमुख घोषणाएँ
स्रोत: हिंदुस्तान टाइम्स
वर्ष 2047 तक राष्ट्र को विकसित भारत की ओर ले जाने के क्रम में भारत के 79वें स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री ने प्रमुख पहलों की घोषणा की।
प्रमुख घोषणाएँ
- PM विकसित भारत रोज़गार योजना: इसका लक्ष्य दो वर्षों में 3.5 करोड़ रोज़गार सृजित करना है। नए रोज़गार प्राप्त युवाओं को 15,000 रुपए की सहायता राशि मिलेगी, जिससे लगभग 3 करोड़ लोगों को लाभ मिलेगा। यह स्वतंत्र भारत से समृद्ध भारत की ओर एक प्रमुख पहल है।
- मिशन सुदर्शन चक्र: इसका उद्देश्य वर्ष 2035 तक स्वदेशी आयरन डोम जैसी वायु रक्षा प्रणाली विकसित करना है जिससे सामरिक एवं नागरिक स्थलों की सुरक्षा होने के साथ दुश्मन के हमलों को रोकने तथा प्रतिक्रिया करने की क्षमता को बढ़ावा मिलेगा।
- सेमीकंडक्टर: भारत वर्ष 2025 के अंत तक अपनी पहली मेड-इन-इंडिया सेमीकंडक्टर चिप प्रस्तुत करेगा।
- नेशनल डीप वाटर एक्सप्लोरेशन मिशन: "समुद्र मंथन" नामक नियोजित मिशन का उद्देश्य मिशन मोड में अपतटीय तेल, गैस एवं खनिज संसाधनों का अन्वेषण करना है।
- GST और रिफाॅर्म टास्क फोर्स: अक्टूबर 2025 तक वस्तु एवं सेवा कर (GST) संबंधी सुधार शुरू किये जाएंगे, जिसमें आवश्यक वस्तुओं का पुनरीक्षण करने के साथ MSMEs और उपभोक्ताओं को राहत दिया जाना शामिल है।
- एक समर्पित रिफाॅर्म टास्क फोर्स से आर्थिक विकास को गति मिलने एवं लालफीताशाही में कमी आने के साथ वर्ष 2047 तक 10 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था के क्रम में शासन आधुनिक एवं अनुकूल बनेगा।
- हाई पाॅवर डेमोग्राफी मिशन: इसका उद्देश्य सीमावर्ती क्षेत्रों में अवैध प्रवासन से उत्पन्न जनसांख्यिकीय असंतुलन का समाधान करने के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा, अखंडता तथा नागरिकों के अधिकारों को सुनिश्चित करना है।
- परमाणु ऊर्जा का विस्तार: भारत की योजना वर्ष 2047 तक परमाणु ऊर्जा क्षमता को दस गुना तक बढ़ाने की है, जिसके लिये 10 नए रिएक्टरों का विकास किया जा रहा है।
- स्वच्छ ऊर्जा संबंधी लक्ष्य प्राप्ति: भारत ने गैर-जीवाश्म स्रोतों से 50% विद्युत उत्पादन का लक्ष्य वर्ष 2030 की समय-सीमा से पाँच वर्ष पूर्व ही प्राप्त कर लिया है।
प्रारंभिक परीक्षा
काकोरी ट्रेन एक्शन के 100 वर्ष
चर्चा में क्यों?
काकोरी ट्रेन एक्शन, जो अगस्त 1925 में लखनऊ के निकट काकोरी गाँव के पास घटित हुआ, भारत के स्वतंत्रता संग्राम में एक महत्त्वपूर्ण स्थान रखता है।
काकोरी ट्रेन एक्शन क्या थी?
- परिचय: 9 अगस्त, 1925 को भारतीय क्रांतिकारियों ने शाहजहाँपुर से लखनऊ जाने वाली नंबर 8 डाउन ट्रेन पर काकोरी गाँव के निकट हमला किया। इसका उद्देश्य ब्रिटिश सरकार की धनराशि को ज़ब्त कर स्वतंत्रता संग्राम के लिये संसाधन जुटाना था।
- पृष्ठभूमि: जलियाँवाला बाग हत्याकांड (1919) और असहयोग आंदोलन (1922) के निलंबन के बाद, युवाओं ने वर्ष 1924 में हिन्दुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन (HRA) की स्थापना की। इसका लक्ष्य ब्रिटिश राजकोषीय धन को कब्ज़े में लेकर क्रांतिकारी गतिविधियों के लिये वित्त जुटाना था।
- संबंधित व्यक्तित्व: इस कांड का नेतृत्व रामप्रसाद बिस्मिल, अशफाकउल्लाह खान, राजेन्द्र लाहिड़ी, केशव चक्रवर्ती, मुकुन्दी लाल, बनवारी लाल तथा चन्द्रशेखर आज़ाद (HRA सदस्य) ने किया।
- ब्रिटिश प्रतिक्रिया: काकोरी डकैती के बाद ब्रिटिश सरकार ने व्यापक दमन चक्र चलाया। इसके तहत कई क्रांतिकारी गिरफ्तार किये गए, जिनमें से 17 लोगों को कारावास, चार को आजीवन कारावास और चार—रामप्रसाद बिस्मिल, अशफाकउल्लाह खान, रोशन सिंह एवं राजेन्द्र लाहिड़ी को फाँसी दी गई। यह घटना क्रांतिकारी आंदोलन के लिये एक बड़ी चुनौती सिद्ध हुई।
- चन्द्रशेखर आज़ाद कुछ चुनिंदा क्रांतिकारियों में से थे जो ब्रिटिश पुलिस के आरोपों और गिरफ्तारी से बच निकले।
हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन (HRA)
- स्थापना और सदस्य: HRA का गठन निराश युवा समूह द्वारा किया गया था, जब गांधी ने असहयोग आंदोलन (1922) को रोक दिया था। HRA की स्थापना उन युवाओं के एक समूह द्वारा की गई थी जो गांधीजी द्वारा असहयोग आंदोलन (1922) को रोक दिये जाने के बाद निराश हो गए थे।
- इसकी स्थापना अक्तूबर 1924 में कानपुर में रामप्रसाद बिस्मिल, जोगेश चंद्र चटर्जी और सचिन सान्याल द्वारा की गई।
- विचारधारा: 1 जनवरी 1925 को HRA ने अपना घोषणापत्र ‘क्रांतिकारी’ जारी किया। इसका उद्देश्य संगठित सशस्त्र क्रांति के माध्यम से भारत के संयुक्त राज्यों में एक संघीय गणराज्य स्थापित करना था।
- इसने क्रांतिकारियों को आतंकवादी नहीं दिखाया और हिंसा का उपयोग केवल आवश्यक प्रतिक्रिया के रूप में करने को उचित माना।
- HRA का नाम बदलकर HSRA किया गया: वर्ष 1928 में, चंद्रशेखर आज़ाद के नेतृत्व में, HRA का नाम बदलकर हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन (HSRA) रखा गया। प्रमुख सदस्यों में भगत सिंह, सुखदेव, भगवती चरण वोहरा, बेजॉय कुमार सिन्हा, शिव वर्मा और जयदेव कपूर शामिल थे।
- HSRA ने सामूहिक नेतृत्व अपनाया और समाजवाद को अपने आधिकारिक लक्ष्य के रूप में स्वीकार किया।
- इसने कई प्रमुख कार्य किये, जिनमें साइमन कमीशन (1927) के विरोध प्रदर्शन, जे. पी. सॉन्डर्स की हत्या (1928) और वायसराय इरविन ट्रेन बम धमाका (1929) शामिल हैं।
- 1930 के दशक तक, ब्रिटिश दमन ने HSRA को विखंडित कर दिया।
- महत्त्व: HRA/HSRA ने क्रांतिकारी राष्ट्रवाद और समाजवादी विचारधारा को एकीकृत किया, जिससे युवाओं के नेतृत्व में अहिंसक संघर्ष के लिये एक वैकल्पिक मार्ग सामने आया।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)
प्रश्न. भारतीय इतिहास में 8 अगस्त, 1942 के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा सही है? (2021)
(a) भारत छोड़ो प्रस्ताव AICC द्वारा अपनाया गया था।
(b) अधिक भारतीयों को शामिल करने के लिये वायसराय की कार्यकारी परिषद का विस्तार किया गया।
(c) सात प्रांतों में काॅन्ग्रेस के मंत्रिमंडलों ने इस्तीफा दे दिया।
(d) द्वितीय विश्व युद्ध समाप्त होने के बाद क्रिप्स ने पूर्ण डोमिनियन स्थिति के साथ एक भारतीय संघ का प्रस्ताव रखा।
उत्तर: (a)
प्रश्न. भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के संदर्भ में निम्नलिखित घटनाओं पर विचार कीजिये: (2017)
- रॉयल इंडियन नेवी में विद्रोह
- भारत छोड़ो आंदोलन की शुरुआत
- द्वितीय गोलमेज सम्मेलन
उपरोक्त घटनाओं का सही कालानुक्रमिक क्रम क्या है?
(a) 1 – 2– 3
(b) 2 – 1 – 3
(c) 3 – 2 – 1
(d) 3 – 1 – 2
उत्तर : (c)
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संसद में खेल संबंधी प्रमुख विधेयक पारित
संसद ने दो प्रमुख विधेयक पारित किये हैं: राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक, 2025 तथा राष्ट्रीय डोपिंग-रोधी (संशोधन) विधेयक, 2025, जिनका उद्देश्य भारत में खेल प्रशासन में सुधार करना और डोपिंग-रोधी उपायों को मज़बूत करना है।
राष्ट्रीय खेल प्रप्रशासन विधेयक, 2025
- यह विधेयक केंद्र सरकार को राष्ट्रीय खेल बोर्ड (NSB) की स्थापना का अधिकार देता है तथा प्रत्येक नामित खेल के लिये राष्ट्रीय ओलंपिक समिति, राष्ट्रीय पैरालंपिक समिति और खेल महासंघों की स्थापना का प्रावधान करता है।
- NSB को खेल निकायों (BCCI सहित) को मान्यता दे सकता है, निलंबित कर सकता है या रद्द कर सकता है, जाँच कर सकता है, आचार संहिता एवं सुरक्षित खेल नीति तैयार कर सकता है, राष्ट्रीय खेल चुनाव पैनल के माध्यम से चुनावों का विनियमन कर सकता है तथा अंतर्राष्ट्रीय अनुपालन सुनिश्चित कर सकता है।
- राष्ट्रीय/क्षेत्रीय खेल महासंघों (अंतर्राष्ट्रीय निकायों से संबद्ध) को एक आम सभा, 15 सदस्यीय कार्यकारी समिति (कम-से-कम 2 उत्कृष्ट खिलाड़ी और 4 महिलाएँ) और आचार, विवाद समाधान, एथलीट समितियों का गठन करने का निर्देश देता है।
- राष्ट्रीय खेल न्यायाधिकरण (3 सदस्यीय; सर्वोच्च न्यायालय के वर्तमान या पूर्व न्यायाधीश या उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता में) का गठन करता है, जिसके पास विवादों के त्वरित निपटारे के लिये सिविल न्यायालय की शक्तियाँ होंगी; डोपिंग, आंतरिक विवादों और अंतर्राष्ट्रीय आयोजनों के मामलों को सर्वोच्च न्यायालय में अपील के साथ शामिल नहीं करता है।
- मान्यता प्राप्त निकाय सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 के तहत सार्वजनिक प्राधिकरण तभी माने जाते हैं जब उन्हें सरकारी अनुदान या वित्तीय सहायता प्राप्त हो। उन्हें CAG द्वारा लेखापरीक्षित खाते रखने होंगे और "भारत"/राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह के उपयोग के लिये अनुमोदन प्राप्त करना होगा।
- केंद्र सरकार को नियम बनाने, पात्रता शर्तों में शिथिलता प्रदान करने तथा सुरक्षा, लोक व्यवस्था अथवा जन-सुरक्षा के कारणों से राष्ट्रीय टीमों की विदेशों में भागीदारी पर रोक लगाने का भी अधिकार होगा।
नोट:
- खेल संविधान की सप्तम अनुसूची की सूची-II की प्रविष्टि 33 के अंतर्गत एक राज्य विषय है।
राष्ट्रीय डोपिंग रोधी (संशोधन) विधेयक, 2025
- यह भारत में डोपिंग-रोधी ढाँचे को सुदृढ़ करने हेतु राष्ट्रीय डोपिंग-रोधी अधिनियम, 2022 में संशोधन करता है, जिसके अंतर्गत डोपिंग (प्रदर्शन बढ़ाने वाले पदार्थों का उपयोग) पर प्रतिबंध लगाया गया है तथा इसे खेल में डोपिंग के खिलाफ UNESCO सम्मेलन के अनुरूप बनाया गया है।
- यह राष्ट्रीय डोपिंग-रोधी एजेंसी (NADA) को डोपिंग-रोधी नियमों के कार्यान्वयन, परीक्षण (टेस्टिंग) तथा विनियमों के प्रवर्तन का अधिकार प्रदान करता है।
- संशोधन के अंतर्गत राष्ट्रीय खेलों में डोपिंग-रोधी बोर्ड की स्थापना का प्रावधान है, जो NADA की निगरानी करेगा, केंद्र सरकार को परामर्श देगा तथा अनुप्रशासन ात्मक एवं अपील पैनलों से आवश्यक सूचनाएँ प्राप्त करेगा।
- यह अधिनियम डोपिंग-रोधी नियम उल्लंघनों की एक स्पष्ट सूची निर्दिष्ट करता है, जिससे कड़े प्रवर्तन, न्यायनिर्णयन तथा अनुपालन सुनिश्चित हो सके।
और पढ़ें: राष्ट्रीय खेल नीति 2025, विश्व डोपिंग रोधी रिपोर्ट 2022। |
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प्रवासी भारतीय नागरिक योजना
गृह मंत्रालय ने प्रवासी भारतीय नागरिक/ओवरसीज़ सिटीज़न ऑफ इंडिया (OCI) कार्ड रद्द करने के नियमों का विस्तार किया है जिसके तहत यदि संबंधित कार्डधारक को 2 वर्ष या उससे अधिक की सज़ा सुनाई जाती है या 7 वर्ष या उससे अधिक की सज़ा वाले अपराधों के लिये चार्जशीट दाखिल की जाती है, तो यह कार्ड रद्द किया जा सकेगा।
- यह परिवर्तन नागरिकता अधिनियम, 1955 की धारा 7D के खंड (da) के अंतर्गत किया गया है।
प्रवासी भारतीय नागरिक योजना
- परिचय: भारतीय मूल के व्यक्तियों (PIOs) को पंजीकरण की अनुमति देने के लिये नागरिकता अधिनियम, 1955 में संशोधन करके अगस्त 2005 में OCI योजना की शुरूआत की गई थी।
- OCI कार्ड भारतीय मूल के विदेशी पासपोर्ट धारकों को दिया जाता है और यह भारत आने के लिये बहु-प्रवेश, बहु-उद्देश्यीय, आजीवन वीज़ा के रूप में भूमिका निभाता है।
- हालाँकि, OCI से दोहरी नागरिकता नहीं मिलती है।
- कार्डधारकों को स्थानीय पुलिस के पास पंजीकरण कराने से भी छूट दी गई है, चाहे वे कितने भी समय तक वहाँ रहें।
- वर्तमान में 4.5 मिलियन से अधिक OCI कार्डधारक हैं जिनमें सबसे अधिक संख्या में अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा में है।
- OCI कार्ड भारतीय मूल के विदेशी पासपोर्ट धारकों को दिया जाता है और यह भारत आने के लिये बहु-प्रवेश, बहु-उद्देश्यीय, आजीवन वीज़ा के रूप में भूमिका निभाता है।
- पात्रता: 26 जनवरी 1950 को या उसके बाद भारत के नागरिक या उस तिथि को नागरिकता के लिये पात्र और जीवन साथी (विवाहित अवधि ≥2 वर्ष)
- जो व्यक्ति पाकिस्तान या बांग्लादेश के नागरिक हैं या रहे हैं, उन्हें विशेष रूप से प्रवासी भारतीय नागरिक योजना से बाहर रखा गया।
- प्रतिबंध:
- अनिवासी भारतीयों के विपरीत इनके पास कोई राजनीतिक अधिकार नहीं (मतदान नहीं कर सकते, चुनाव नहीं लड़ सकते या राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, न्यायाधीश आदि जैसे संवैधानिक पदों पर नहीं रह सकते) होते हैं।
- अनुच्छेद 16 के तहत लोक नियोजन में अवसर का अधिकार नहीं है और विशेष रूप से अधिसूचित विषयों को छोड़कर, भारतीय सरकारी सेवाओं के लिये पात्र नहीं होते हैं।
- अनुसंधान, मिशनरी/पत्रकारिता कार्य, पर्वतारोहण और संरक्षित/प्रतिबंधित क्षेत्रों की यात्रा के लिये इन्हें विशेष परमिट की आवश्यकता होती है।
- कार्ड को रद्द किया जाना:
- धोखाधड़ी: गलत जानकारी या धोखाधड़ी के माध्यम से प्राप्त OCI कार्ड रद्द किये जा सकते हैं।
- संविधान के विरुद्ध कार्य: भारत के संविधान के विरुद्ध कार्य करने या भाषण देने से इसे रद्द किया जा सकता है।
- युद्ध के दौरान शत्रु को सहायता: भारत से संबंधित किसी भी युद्ध के दौरान शत्रु की सहायता करने पर यह कार्ड रद्द किया जा सकता है।
- गंभीर आपराधिक मामले:
- ≥2 वर्ष के कारावास की सज़ा।
- ≥7 वर्ष के कारावास संबंधी दंडनीय अपराधों से संबंधित चार्जशीट में नाम शामिल होना।
भारत के हितों के प्रतिकूल कार्य: यदि भारत की संप्रभुता, अखंडता, सुरक्षा, विदेशी संबंधों या लोक हित के लिये आवश्यक समझा जाए तो इस कार्ड को रद्द किया जा सकता है।
ओवरसीज़ सिटीज़न ऑफ इंडिया कार्डधारक बनाम अनिवासी भारतीय
पहलू |
ओवरसीज़ सिटीज़न ऑफ इंडिया कार्डधारक |
अनिवासी भारतीय (NRI) |
विधिक स्थिति |
नागरिकता अधिनियम, 1955 की धारा 7A के तहत ओवरसीज़ सिटीज़न ऑफ इंडिया (OCI) कार्डधारक के रूप में पंजीकृत व्यक्ति। |
ऐसा भारतीय नागरिक जो एक निर्दिष्ट अवधि के लिये भारत से बाहर रहता है (आमतौर पर एक वित्तीय वर्ष में 182 दिनों से अधिक)। |
वीज़ा आवश्यकता |
बहु-प्रवेश, आजीवन वीज़ा की सुविधा। |
इसकी आवश्यकता नहीं है क्योंकि इनके पास भारतीय पासपोर्ट होता है। |
राजनीतिक अधिकार |
भारतीय चुनावों में मतदान का अधिकार नहीं है। |
भारतीय चुनावों में मतदान का अधिकार है, लेकिन इसके लिये उन्हें अपने निर्वाचन क्षेत्र में भौतिक रूप से उपस्थित होना होता है। |
अनुमत गतिविधियों का दायरा |
अनुसंधान, मिशनरी कार्य, पर्वतारोहण, पत्रकारिता और प्रतिबंधित क्षेत्रों का दौरा जैसी गतिविधियों को छोड़कर (जिनके लिये भारतीय प्राधिकारियों से विशेष अनुमति की आवश्यकता होती है), सभी गतिविधियाँ। |
सभी गतिविधियाँ |
और पढ़ें: भारत की विदेशी नागरिकता योजना |
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प्रधानमंत्री विकसित भारत रोज़गार योजना
79वें स्वतंत्रता दिवस पर, प्रधानमंत्री ने प्रधानमंत्री विकसित भारत रोज़गार योजना का उद्घाटन किया। यह योजना करोड़ों युवा पुरुषों और महिलाओं को सामाजिक सुरक्षा कवरेज प्रदान करके कार्यबल को औपचारिक बनाने में सहायता करेगी।
- लक्ष्य: वर्ष 2027 तक 3.5 करोड़ रोज़गार सृजित करना और पहली बार नौकरी पाने वाले कर्मचारियों (भाग A) तथा नियोक्ताओं (भाग B) को प्रोत्साहन प्रदान करना।
- भाग A – पहली बार नौकरी पाने वाले कर्मचारी: यह योजना कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) में पहली बार पंजीकृत कर्मचारियों को लक्षित करती है तथा दो किस्तों में जारी 15,000 रुपए तक की EPF वेतन सहायता प्रदान करती है।
- पहली किस्त 6 महीने की सेवा पूरी करने के बाद दी जाती है और दूसरी किस्त 12 महीने के बाद वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम पूरा होने पर दी जाएगी।
- पात्रता: जिन कर्मचारियों की मासिक वेतन 1 लाख रुपए तक है, वे इस प्रोत्साहन के लिये पात्र हैं।
- संचय घटक: बचत की आदत को बढ़ावा देने के लिये, प्रोत्साहन का एक हिस्सा किसी बचत साधन या फिक्स्ड अकाउंट में जमा किया जाएगा, जिसे कर्मचारी निर्दिष्ट अवधि के बाद निकाल सकता है।
- भाग B – नियोक्ताओं के लिये प्रोत्साहन: नए रोज़गार सृजित करने वाले नियोक्ताओं (1 लाख रुपए तक वेतन वाले) को प्रत्येक कर्मचारी के लिये 2 वर्ष तक अधिकतम 3,000 रुपए प्रतिमाह का प्रोत्साहन मिलेगा। प्रोत्साहन केवल उन नए रोज़गारों पर लागू होता है, जो कम से कम छह महीने तक बनाए जाएँ।
- निर्माण क्षेत्र में, प्रोत्साहन तीसरे और चौथे वर्ष तक बढ़ाया जाता है तथा भाग B से लगभग 2.6 करोड़ नए रोज़गार सृजित होने की उम्मीद है।
- प्रोत्साहन भुगतान प्रणाली:
- कर्मचारी: आधार ब्रिज पेमेंट सिस्टम (ABPS) के माध्यम से प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT)।
- नियोक्ता: स्थायी खाता संख्या (PAN) से जुड़े खातों में भुगतान।
और पढ़ें: आत्मनिर्भर भारत रोज़गार योजना (ABRY) |