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भारतीय विरासत और संस्कृति

लाल किला: भारत का स्वतंत्रता दिवस समारोह स्थल

  • 18 Aug 2023
  • 9 min read

प्रिलिम्स के लिये:

लाल किला, 1857 का विद्रोह, भारतीय राष्ट्रीय सेना, राष्ट्रीय ध्वज, नियति के साथ साक्षात्कार, भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण, यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल

मेन्स के लिये:

लाल किले का महत्त्व, भारतीय विरासत के प्रतीकात्मक तत्त्व 

चर्चा में क्यों ? 

हाल ही में भारत ने अपना 77वाँ स्वतंत्रता दिवस मनाया, एक बार फिर सुर्खियों का केंद्र दिल्ली का प्रतिष्ठित लाल किला था। यह ऐतिहासिक स्मारक, सदियों की कहानियों और संघर्षों से परिपूर्ण रही है।

लाल किले से जुड़ी घटनाओं की शृंखला: 

  • लाल किला का ऐतिहासिक महत्त्व: 
    • दिल्ली सल्तनत के अंर्तगत: दिल्ली सल्तनत (वर्ष 1206-1506) के दौरान दिल्ली एक निर्णायक राजधानी के रूप में उभरी।
      • मुगल वंश के संस्थापक बाबर ने 16वीं शताब्दी में दिल्ली को 'पूरे हिंदुस्तान की राजधानी' कहा था।
      • स्थानांतरण (अकबर ने अपनी राजधानी आगरा स्थानांतरित कर दी) के बावजूद, शाहजहाँ के शासनकाल में मुगलों ने वर्ष 1648 में शाहजहानाबाद के साथ दिल्ली को अपनी राजधानी के रूप में पुनर्स्थापित किया, जिसे आज पुरानी दिल्ली के नाम से जाना जाता है।
        • शाहजहाँ ने लाल-किले की नींव रखी थी।
    • मुगल सम्राट का प्रतीकात्मक महत्त्व: 18वीं सदी तक मुगल सम्राट अपने अधिकांश क्षेत्र और शक्तियाँ खो चुके थे।
      • समाज के कुछ वर्गों द्वारा उन्हें अभी भी भारत के प्रतीकात्मक शासकों के रूप में माना जाता था, विशेषकर उन लोगों द्वारा जो ब्रिटिश उपनिवेशवाद (British Colonialism) का विरोध करते थे।
        • 1857 का विद्रोह इस संबंध का प्रतीक था, जब लोगों ने लाल किले की ओर मार्च किया और वृद्ध बहादुर ज़फर को अपना नेता घोषित किया।
  • ब्रिटिश शाही शासन और लाल किले का परिवर्तन: 
    • दिल्ली पर ब्रिटिश कब्ज़ा: 1857 के विद्रोह में विजय ने के बाद, अंग्रेज़ों का इरादा शाहजहानाबाद को ध्वस्त करके मुगल विरासत को मिटाने का था।
      • लाल किले को छोड़ते हुए, उन्होंने इसकी भव्यता छीन ली, कलाकृतियाँ लूट लीं और आंतरिक संरचनाओं को ब्रिटिश इमारतों से बदल दिया।
      • इस परिवर्तन ने लाल किले पर ब्रिटिश शाही अधिकार की अमिट छाप छोड़ी।
    • प्रतीकात्मक अधिकार का उपयोग: अंग्रेज़ों ने दिल्ली की प्रतीकात्मक शक्ति को पहचाना।
      • दिल्ली दरबार समारोहों ने ब्रिटिश प्रभुत्व को मज़बूत किया और वहाँ के सम्राट को भारत का सम्राट घोषित किया।
      • वर्ष 1911 में, अंग्रेज़ों ने अपनी राजधानी को दिल्ली में स्थानांतरित कर दिया तथा एक नए शहर का निर्माण किया जो भारतीय लोकाचार और केंद्रीकृत प्राधिकरण का प्रतीक था।

लाल किला बना भारत के स्वतंत्रता दिवस समारोह का स्थल:

  • 1940 के दशक में लाल किले पर भारतीय राष्ट्रीय सेना के परीक्षणों ने इसके प्रतीकवाद को बढ़ाया। इन परीक्षणों ने INA के प्रति सहानुभूति जगाई और ब्रिटिश शासन के खिलाफ राष्ट्रवादी भावनाओं को तीव्र किया, जिससे ब्रिटिश सरकार की अवज्ञा के प्रतीक के रूप में लाल किले की भूमिका मज़बूत हुई।
  • जैसे ही भारत आज़ादी के करीब पहुँचा, भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने का फैसला किया।
    • 15 अगस्त, 1947 को, जवाहरलाल नेहरू ने प्रिंसेस पार्क में राष्ट्रीय ध्वज "तिरंगा" फहराया, जिसके बाद 16 अगस्त, 1947 को लाल किले में उनका ऐतिहासिक "ट्रिस्ट विद डेस्टिनी" भाषण हुआ।
    • यह ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन से किले को पुनः प्राप्त करने और भारत की संप्रभुता एवं पहचान पर ज़ोर देने का एक प्रतीकात्मक संकेत था। इसने स्वतंत्रता के लिये भारत के लंबे और कठिन संघर्ष की परिणति को भी चिह्नित किया।
  • तब से, हर साल 15 अगस्त को भारत के प्रधानमंत्री राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं और लाल किले से राष्ट्र को संबोधित करते हैं।
    • यह परंपरा भारत के स्वतंत्रता दिवस समारोह का एक अभिन्न अंग बन गई है और इसके गौरव एवं और देशभक्ति को दर्शाती है।

लाल किले के बारे में:

  • लाल किला, जिसे इसमें बड़े पैमाने पर प्रयोग किये गए पत्थर के लाल रंग के कारण कहा जाता है, योजना में अष्टकोणीय है, जिसमें पूर्व और पश्चिम में दो लंबी भुजाएँ हैं।
  • यह किला मुगल वास्तुकला की उत्कृष्ट कृति है और उनकी सांस्कृतिक एवं कलात्मक उपलब्धियों का प्रतीक है। इसे 2007 में यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल (UNESCO World Heritage Site) के रूप में नामित किया गया था।
    • साथ ही 500 रुपये के नए नोट के पीछे किले को दर्शाया गया है।
  • इसका प्रबंधन वर्तमान में भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण द्वारा किया जाता है, जो इसके संरक्षण और रखरखाव के लिये ज़िम्मेदार है। 
    • ASI ने आगंतुकों के लिये संग्रहालय, गैलरी, ऑडियो गाइड, लाइट एंड साउंड शो आदि की भी स्थापना की है।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रश्न. औपनिवेशिक भारत के संदर्भ में, शाह नवाज़ खान, प्रेम कुमार सहगल और गुरबख्श सिंह ढिल्लों याद किये जाते हैं (2021)

(a) स्वदेशी और बहिष्कार आंदोलन के नेता के रूप में
(b) 1946 की अंतरिम सरकार के सदस्यों के रूप में
(c) संविधान सभा में प्रारूप समिति के सदस्यों के रूप में
(d) आज़ाद हिंद फौज के अधिकारियों के रूप में

उत्तर: (d) 

  • प्रेम कुमार सहगल, शाह नवाज़ खान और गुरबख्श सिंह ढिल्लों भारतीय राष्ट्रीय सेना के दूसरे श्रेणी के कमांडर थे। अंग्रेजों द्वारा वर्ष 1945 में लाल किले पर उनका कोर्ट-मार्शल किया गया और उन्हें मौत की सज़ा सुनाई गई। हालाँकि, इस कारण भारत में हुए व्यापक विरोध और अशांति के बाद उन्हें रिहा करना पड़ा। अतः विकल्प (d) सही उत्तर है।

प्रश्न. भारत के सांस्कृतिक इतिहास के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2018) 

  1. फतेहपुर सीकरी स्थित बुलंद दरवाजा तथा खानकाह के निर्माण में सफेद संगमरमर का उपयोग किया गया था।
  2. लखनऊ स्थित बड़ा इमामबाड़ा और रूमी दरवाजा के निर्माण में लाल बलुआ पत्थर और संगमरमर का उपयोग किया गया था।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2

उत्तर: (d)

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

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