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भारत की विदेशी नागरिकता योजना

  • 29 May 2025
  • 8 min read

स्रोत: द हिंदू

चर्चा में क्यों?

भारतीय सरकार ने एक ब्रिटिश शिक्षाविद का भारत के विदेशी नागरिक (OCI) पंजीकरण रद्द कर दिया है, यह कहते हुए कि वह अपनी लेखनी, भाषणों और अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर किये गए पत्रकारिता कार्यों के माध्यम से भारत विरोधी गतिविधियों में संलिप्त रही हैं।

भारत की विदेशी नागरिकता योजना क्या है?

परिचय

  • OCI योजना को वर्ष 2005 में नागरिकता अधिनियम, 1955 में संशोधन के माध्यम से पेश किया गया था, जो भारतीय मूल के विदेशी नागरिकों को दोहरी नागरिकता के बिना भारत में स्वतंत्र रूप से रहने, कार्य करने और यात्रा करने की अनुमति देता है।
    • वर्ष 2015 में, भारतीय मूल के व्यक्तियों (PIO) और OCI श्रेणियों को दस्तावेज़ीकरण तथा लाभों को सरल बनाने के लिये एकीकृत कर दिया गया था।
    • 31 जनवरी, 2022 तक 40.68 लाख OCI कार्ड जारी किये जा चुके हैं।

पात्रता (Eligibility):

  • पात्रता: विदेशी नागरिक (पाकिस्तान और बांग्लादेश को छोड़कर) निम्नलिखित परिस्थितियों में OCI के लिये पात्र हैं:
    • जो 26 जनवरी, 1950 को या उसके बाद भारत के नागरिक थे।
    • जो 26 जनवरी, 1950 को भारतीय नागरिक बनने के योग्य थे।
    • उस क्षेत्र से संबंधित जो 15 अगस्त, 1947 के बाद भारत का हिस्सा बन गया।  
    • क्या वे ऐसे व्यक्तियों के बच्चे, पोते या परपोते हैं।
    • ऐसे व्यक्तियों के नाबालिग बच्चे या जिनके माता-पिता में से एक भारतीय नागरिक है।
    • जीवनसाथी की पात्रता: भारतीय नागरिक या मौजूदा OCI कार्डधारक के विदेशी मूल के पति/पत्नी भी पात्र हैं, बशर्ते कि विवाह पंजीकृत हो और आवेदन से पूर्व कम-से-कम दो वर्षों तक वह विवाह वैध रूप से चला हो।
    • अपात्र श्रेणियाँ: जो व्यक्ति वर्तमान में विदेशी सैन्य सेवाओं में कार्यरत हैं या सेवानिवृत्त हैं, वे OCI दर्जा प्राप्त करने के पात्र नहीं हैं।  

लाभ (Benefits):

  • वीज़ा विशेषाधिकार: भारत आने के लिये बार-बार आवेदन करने की आवश्यकता के बिना, बहुउद्देशीय, बहु-प्रवेश और आजीवन वीज़ा प्राप्त करने के पात्र।
  • प्रवासी भारतीयों (NRI) के साथ समानता: वित्तीय, आर्थिक तथा शैक्षिक क्षेत्रों में प्रवासी भारतीयों (NRI) के समान अधिकार प्राप्त हैं, लेकिन भारत में कृषि/बागान भूमि नहीं खरीद सकते और न ही अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारतीय बच्चों को गोद ले सकते हैं।
  • नागरिकता का मार्ग: 5 वर्ष तक OCI कार्डधारक होने के बाद और पिछले 5 वर्षों में भारत में कम-से-कम 1 वर्ष  निवास करने के साथ, नागरिकता अधिनियम, 1955 की धारा 5(1)(g) के तहत भारतीय नागरिकता के लिये पात्र।
  • पेंशन योजना तक पहुँच: दीर्घकालिक सेवानिवृत्ति योजना के लिये NRI के साथ समान शर्तों पर राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) में शामिल होने के लिये पात्र।

OCI कार्डधारकों की सीमाएँ और प्रतिबंध 

  • दोहरी नागरिकता नहीं: OCI को दोहरी नागरिकता के रूप में नहीं समझा जाना चाहिये, क्योंकि भारत अपने कानूनी ढाँचे के तहत दोहरी राष्ट्रीयता की अनुमति नहीं देता है।
  • राजनीतिक अधिकार: OCI कार्डधारक भारतीय चुनावों में मतदान नहीं कर सकते हैं।
    • OCI धारकों को राष्ट्रपति (अनुच्छेद 58), उपराष्ट्रपति (अनुच्छेद 66), सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश (अनुच्छेद 124) और उच्च न्यायालय के न्यायाधीश (अनुच्छेद 217) जैसे संवैधानिक पदों पर आसीन होने से रोक दिया गया है।
  • विधायी अयोग्यता: OCI लोकसभा, राज्यसभा या राज्य विधानसभाओं के सदस्य बनने के लिये पात्र नहीं हैं।
  • सार्वजनिक रोज़गार प्रतिबंध: अनुच्छेद 16 (सार्वजनिक रोज़गार में अवसर की समानता) के तहत, OCI कार्डधारक नियमित सरकारी नौकरी नहीं कर सकते हैं, सिवाय इसके कि केंद्र सरकार द्वारा विशेष अधिसूचनाओं के माध्यम से विशेष रूप से अनुमति दी गई हो।
  • गतिविधि-आधारित प्रतिबंध: अनुसंधान, पर्वतारोहण, मिशनरी/पत्रकारिता कार्य और संरक्षित या प्रतिबंधित क्षेत्रों की यात्रा के लिये विशेष अनुमति अनिवार्य है ।

निरस्तीकरण 

  • निरस्तीकरण नागरिकता अधिनियम, 1955 की धारा 7D द्वारा नियंत्रित होता है।
    • निरस्तीकरण के आधारों में आवेदन में धोखाधड़ी या गलत बयान, भारत विरोधी कृत्य और नागरिकता अधिनियम, 1955 के तहत शर्तों का उल्लंघन शामिल हैं।

भारतीय मूल के व्यक्ति (PIO)

  • भारतीय मूल का व्यक्ति (PIO) एक विदेशी नागरिक है ( पाकिस्तान , अफगानिस्तान, बांग्लादेश, चीन, ईरान, भूटान, श्रीलंका और नेपाल के नागरिकों को छोड़कर) जो:
    • कभी भारतीय पासपोर्ट धारक रहा हो, या
    • जिसके पूर्वज (माता-पिता/दादा-दादी/परदादा-परदादी) भारत सरकार अधिनियम, 1935 के तहत परिभाषित भारत में या उसके बाद भारत का हिस्सा बने क्षेत्रों में जन्मे हों और स्थायी रूप से निवास करते हों, या
    • एक भारतीय नागरिक या PIO का जीवनसाथी है।

PIO_and_OCI

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स

प्रश्न. भारत के संदर्भ मे निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2021)

  1. भारत में केवल एक ही नागरिकता और एक ही अधिवास है।
  2.   जो व्यक्ति जन्म से नागरिक हो, केवल वही राष्ट्राध्यक्ष बन सकता है।
  3.   जिस विदेशी को एक बार नागरिकता दे दी गई है, किसी भी परिस्थिति में उसे इससे वंचित नहीं किया जा सकता।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 3
(d) 2 और 3

उत्तर: (a)

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