प्रारंभिक परीक्षा
WMO ग्लोबल एनुअल टू डिकेडल क्लाइमेट अपडेट 2025-2029
- 29 May 2025
- 8 min read
स्रोत: बीएस
चर्चा में क्यों?
विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) ने "WMO ग्लोबल एनुअल टू डिकेडल क्लाइमेट अपडेट (2025-2029)" शीर्षक से एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें चेतावनी दी गई है कि इस अवधि के दौरान पृथ्वी का औसत तापमान पूर्व-औद्योगिक स्तर से 1.5 डिग्री सेल्सियस अधिक होने की संभावना है।
WMO ग्लोबल एनुअल टू डिकेडल क्लाइमेट अपडेट के मुख्य निष्कर्ष क्या हैं?
- वैश्विक तापमान प्रवृत्तियाँ: WMO का अनुमान है कि वर्ष 2025 से वर्ष 2029 के बीच वार्षिक वैश्विक औसत तापमान वर्ष 1850 से वर्ष 1900 के पूर्व-औद्योगिक औसत से 1.2°C से 1.9°C अधिक रहेगा।
- इस पाँचवर्षीय अवधि में औसत तापमान के 1.5°C सीमा से अधिक होने की 70% संभावना है।
- इसके अतिरिक्त, 86% संभावना है कि इस समय-सीमा के भीतर कम-से-कम एक वर्ष अस्थायी रूप से 1.5°C की सीमा को पार कर जाएगा और साथ ही 80% संभावना है कि इनमें से एक वर्ष 2024 से भी अधिक गर्म होगा, जो वर्तमान रिकॉर्ड के अनुसार सबसे गर्म वर्ष है।
- क्षेत्रीय जलवायु अनुमान:
- दक्षिण एशिया : औसत से अधिक वर्षा रहने की संभावना।
- अमेज़न: औसत से अधिक शुष्क स्थिति का अनुभव होने की संभावना है।
- आर्कटिक: सामान्य से 2.4°C अधिक तापमान की संभावना, जो वैश्विक औसत से 3.5 गुना अधिक है।
- पेरिस समझौते की सीमा: वर्ष 2024 1.5°C से अधिक तापमान दर्ज करने वाला पहला पूर्ण वर्ष हुआ।
- 1.5 °C की सीमा एक अस्थायी उल्लंघन है, लेकिन दीर्घकालिक (20-30 वर्ष) उल्लंघन का अर्थ होगा पेरिस समझौता विफल होना।
- नीतिगत कार्यवाही की तात्कालिकता: तात्कालिकता के बावजूद, जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (UNFCCC) के 195 देशों में से 180 देशों ने अभी तक वर्ष 2031-2035 के लिये अपने अद्यतन राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (NDC) प्रस्तुत नहीं किये हैं।
- ये योजनाएँ पेरिस समझौते में निर्धारित 1.5°C की सीमा के भीतर रहने के लिये महत्त्वपूर्ण हैं।
- विश्व मौसम संगठन ने निर्णय लेने औरअनुकूलन प्रयासों को बढ़ावा देने के लिये निरंतर जलवायु निगरानी के महत्त्व पर बल दिया है।
विश्व मौसम विज्ञान संगठन
- विश्व मौसम संगठन एक अंतर-सरकारी निकाय है जिसमें भारत सहित 192 सदस्य देश और क्षेत्र शामिल हैं।
- इसका विकास अंतर्राष्ट्रीय मौसम विज्ञान संगठन (IMO) से हुआ, जिसकी स्थापना वर्ष 1873 में वियना अंतर्राष्ट्रीय मौसम विज्ञान कॉन्ग्रेस के बाद हुई थी।
- वर्ष 1950 में, WMO कन्वेंशन के अनुसमर्थन के माध्यम से IMO औपचारिक रूप से विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) बन गया।
- यह मौसम विज्ञान (मौसम और जलवायु), परिचालन जल विज्ञान और संबंधित भू-भौतिकीय विज्ञान के लिये संयुक्त राष्ट्र की विशेष एजेंसी के रूप में कार्य करता है।
- जिनेवा, स्विट्ज़रलैंड में स्थित इस सचिवालय का नेतृत्व महासचिव करते हैं और इसकी देख-रेख विश्व मौसम विज्ञान कॉन्ग्रेस द्वारा की जाती है।
- विश्व मौसम संगठन वैश्विक जलवायु की स्थिति, वैश्विक जल संसाधन की स्थिति और जलवायु सेवाओं की स्थिति जैसी रिपोर्टें प्रकाशित करता है।
ग्लोबल वार्मिंग को सीमित करने के उद्देश्य से प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन/प्रोटोकॉल क्या हैं?
सम्मेलन/प्रोटोकॉल |
उद्देश्य |
क्योटो प्रोटोकॉल (1997) |
इसका उद्देश्य वैश्विक तापमान वृद्धि में योगदान देने वाली गैसों के उत्सर्जन को कम करना था। |
पेरिस समझौता (2015) |
वैश्विक तापमान वृद्धि को पूर्व-औद्योगिक स्तर से 2°C से नीचे सीमित रखना तथा वृद्धि को 1.5°C तक सीमित रखने के प्रयास जारी रखना। |
ग्लासगो जलवायु समझौता (COP26) (2021) |
सदी के मध्य तक वैश्विक शुद्ध-शून्य उत्सर्जन सुनिश्चित करना तथा तापमान वृद्धि को 1.5°C के भीतर रखना। |
शर्म अल-शेख योजना (COP27) (2022) |
कार्यान्वयन और जलवायु न्याय पर ध्यान केंद्रित किया गया; हानि एवं क्षति कोष की स्थापना की गई, अनुकूलन पर बल दिया गया तथा 1.5°C लक्ष्य को सुदृढ़ किया गया। |
ग्लोबल स्टॉकटेक (COP28) (2023) |
1.5°C के लक्ष्य की पुनः पुष्टि की गई; सरकारों ने इस लक्ष्य के अनुरूप वर्ष 2025 तक जलवायु संबंधी अपनी प्रतिबद्धताओं को बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की, जिसमें सभी क्षेत्र एवं ग्रीनहाउस गैस शामिल है। |
और पढ़ें: वैश्विक जलवायु स्थिति रिपोर्ट 2024
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. 'वैश्विक जलवायु परिवर्तन गठबंधन' के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (2017)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1 और 2 उत्तर: (a) मेन्स:प्रश्न. संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन फ्रेमवर्क सम्मलेन (यू.एन.एफ.सी.सी.सी.) के सी.ओ.पी. के 26वें सत्र के प्रमुख परिणामों का वर्णन कीजिये। इस सम्मेलन में भारत द्वारा की गई वचनबद्धताएँ क्या हैं? (2021) प्रश्न. 'जलवायु परिवर्तन' एक वैश्विक समस्या है। भारत जलवायु परिवर्तन से किस प्रकार प्रभावित होगा? जलवायु परिवर्तन के द्वारा भारत के हिमालयी और समुद्रतटीय राज्य किस प्रकार प्रभावित होंगे? (2017) |