ध्यान दें:

प्रिलिम्स फैक्ट्स

प्रारंभिक परीक्षा

एकीकृत पेंशन योजना (UPS)

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस 

चर्चा में क्यों? 

सरकार ने केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों को 30 सितंबर, 2025 तक एकीकृत पेंशन योजना (UPS) में स्विच करने का विकल्प दिया है। हालाँकि, इसे अपनाने की गति धीमी है तथा 23.94 लाख कर्मचारियों में से अब तक केवल 40,000 ने ही UPS को चुना है। 

एकीकृत पेंशन योजना (UPS) क्या है? 

  • परिचय: UPS की सिफारिश टी.वी. सोमनाथन समिति (2023) ने राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) की समीक्षा के लिये की थी। इसे अगस्त 2024 में घोषित किया गया और 1 अप्रैल, 2025 से NPS के अंतर्गत आने वाले केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के लिये एक वैकल्पिक पेंशन योजना के रूप में लागू किया गया। 
    • यह सुनिश्चित, मुद्रास्फीति-सूचकांकित और पर्याप्त सेवानिवृत्ति लाभ प्रदान करती है तथा दीर्घायु सुरक्षा तथा पेंशन पूर्वानुमान से संबंधित चिंताओं का समाधान करती है। 
    • UPS का विनियमन पेंशन फंड विनियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) द्वारा किया जाता है तथा यह कुछ विशेष शर्तों के अधीन, कार्यरत एवं सेवानिवृत्त दोनों कर्मचारियों के लिये उपलब्ध है। 
  • पात्रता: 
    • 1 अप्रैल, 2025 को NPS के अंतर्गत आने वाले केंद्रीय सरकारी कर्मचारी। 
    • 1 अप्रैल, 2025 को या उसके बाद केंद्र सरकार की सेवा में शामिल होने वाले नए कर्मचारी। 
    • ऐसे सेवानिवृत्त NPS ग्राहक, जो 31 मार्च, 2025 या उससे पहले अधिवर्षिता (Superannuation) अथवा सेवानिवृत्ति प्राप्त कर चुके हों और जिनकी न्यूनतम 10 वर्षों की सेवा हो, बशर्ते कि सेवानिवृत्ति मौलिक नियम (FR) 56(j) के अंतर्गत दंड स्वरूप (Premature retirement) न हो। 
    • मृत NPS ग्राहक के विधिक रूप से विवाहित जीवनसाथी (यदि ग्राहक UPS अपनाने से पहले सेवानिवृत्त हुआ हो)। 
  • UPS के अंतर्गत अंशदान: 
    • कर्मचारी अंशदान: मूल वेतन + महॅंगाई भत्ते (DA) का 10%। 
    • सरकारी अंशदान: मूल वेतन + महॅंगाई भत्ते (DA) का 10% (कर्मचारी अंशदान के बराबर)। 
    • अतिरिक्त सरकारी अंशदान (पूल कॉर्पस): मूल वेतन + महॅंगाई भत्ते (DA) का लगभग 8.5%, जिसका उपयोग सुनिश्चित पेंशन भुगतान के लिये किया जाता है। 
    • PRAN (स्थायी सेवानिवृत्ति खाता संख्या): सभी अंशदान और लेन-देन कर्मचारी के PRAN खाते में दर्ज किये जाते हैं। 
  • UPS (यूनिफाइड पेंशन स्कीम) के तहत पूल कॉर्पस योगदान 
    • इंडिविजुअल कॉर्पस (IC): कर्मचारी और सरकार के योगदान से हुई वास्तविक बचत। 
      बेंचमार्क कॉर्पस (BC): एक सांकेतिक राशि, जिसकी गणना नियमित अंशदान और कोई निकासी न होने की स्थिति में की जाती है। 
  • UPS के अंतर्गत लाभ:

UPS

  • NPS और UPS

पैरामीटर 

NPS  

UPS 

प्रकृति 

नए कर्मचारियों (2004 के बाद) के लिये अनिवार्य 

पात्र कर्मचारियों के लिये स्वैच्छिक 

अंशदान 

10% (कर्मचारी) + 14% (सरकार) 

10% (कर्मचारी) + 10% (सरकार) + 8.5% (पूल कार्पस) 

निश्चित भुगतान 

नहीं 

हाँ (शर्तों के अधीन) 

न्यूनतम पेंशन 

नहीं 

₹10,000/महीना 

महँगाई राहत (DR) 

नहीं 

हाँ 

अंतिम निकासी 

अधिकतम 60% तक 

अधिकतम 60% तक 

पारिवारिक लाभ 

वार्षिकी पर निर्भर 

सदस्य के भुगतान का 60% 

आंशिक निकासी 

हाँ 

हाँ 

क्या आप जानते हैं? 

  • केंद्र सरकार के कर्मचारी जो वर्ष 2004 से पहले नियुक्त किये गए थे, वे पुरानी पेंशन योजना (OPS) के तहत आते थे, जिसमें निश्चित पेंशन मिलती थी, जबकि वर्ष 2004 के बाद नियुक्त कर्मचारियों को बाज़ार-आधारित अनिवार्य NPS में शामिल किया गया है। 
  • कई कर्मचारी अब भी पुरानी पेंशन योजना (OPS) की वापसी की मांग करते हैं, क्योंकि यह अधिक सुरक्षा प्रदान करती है और इसमें कर्मचारी का कोई अंशदान नहीं होता। 
  • केंद्रीकृत पेंशन भुगतान प्रणाली (CPPS), जिसे कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) द्वारा लागू किया गया है, पेंशनभोगियों को देशभर में किसी भी बैंक या शाखा से अपनी पेंशन प्राप्त करने की सुविधा प्रदान करती है। यह भुगतान प्रक्रिया को सरल बनाता है, भौतिक सत्यापन की आवश्यकता को समाप्त करता है और पेंशन की तुरंत जमा सुनिश्चित करता है। 
  • अटल पेंशन योजना (APY) की शुरुआत वर्ष 2015 में की गई थी, जिसका उद्देश्य सभी भारतीयों, विशेषकर गरीबों, वंचितों और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिये एक सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा प्रणाली तैयार करना है। 

UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ) 

प्रिलिम्स

प्रश्न. निम्नलिखित में से कौन राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) में शामिल हो सकता है? (2017) 

(a) केवल निवासी भारतीय नागरिक 
(b) केवल 21 से 55 वर्ष की आयु के व्यक्ति 
(c) अधिसूचना की तारीख के बाद सेवाओं में शामिल होने वाले सभी राज्य सरकार के कर्मचारी तथा संबंधित राज्य की सरकारों द्वारा अधिसूचना किये जाने की तारीख के पश्चात सेवा में आये हैं 
(d) सशस्त्र बलों सहित केंद्र सरकार के सभी कर्मचारी, जो 1 अप्रैल, 2004 या उसके बाद सेवाओं में शामिल हुए हैं 

उत्तर: (c)

प्रश्न. 'अटल पेंशन योजना' के संबंध में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (2016) 

  1. यह मुख्य रूप से असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों पर लक्षित एक न्यूनतम गारंटीकृत पेंशन योजना है 
  2. एक परिवार का एक ही सदस्य इस योजना में शामिल हो सकता है 
  3. यह ग्राहक की मृत्यु के बाद जीवनभर के लिये पति या पत्नी हेतु समान राशि की पेंशन गारंटी है। 

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: 

(a) केवल 1 
(b) केवल 2 और 3 
(c) केवल 1 और 3 
(d) 1, 2 और 3 

उत्तर: (c)


रैपिड फायर

सैन्य अभ्यास युद्ध अभ्यास 2025

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

सैन्य अभ्यास युद्ध अभ्यास 2025 का 21वाँ संस्करण फोर्ट वेनराइट, अलास्का में आयोजित किया गया, जिसका उद्देश्य भारतीय और अमेरिकी सेनाओं के बीच पारस्परिक संचालन क्षमता, तत्परता तथा सहयोग को सुदृढ़ करना था।

  • ऐतिहासिक पृष्ठभूमि: वर्ष 2004 में आतंकवाद रोधी प्रशिक्षण के रूप में शुरू किया गया; इसमें पारंपरिक, अपारंपरिक, संकर खतरों और शांति अभियानों को शामिल किया गया। 
  • उद्देश्य: द्विपक्षीय तैयारी, पारस्परिक संचालन क्षमता, ब्रिगेड-बटालियन समन्वय, वायु-से-भूमि एकीकरण को सुदृढ़ करना और मुक्त एवं खुले इंडो-पैसिफिक दृष्टिकोण का समर्थन करने हेतु संयुक्त सैन्य अभ्यास। 
  • रणनीतिक महत्त्व: अलास्का आर्कटिक और इंडो-पैसिफिक परिचालन अनुभव प्रदान करता है, भारतीय सेनाएँ आर्कटिक में अनुभवी अमेरिकी सैनिकों के साथ शीत-मौसम प्रशिक्षण प्राप्त करती हैं। 
  • व्यापक महत्त्व: यह अमेरिका-भारत प्रमुख रक्षा साझेदारी का एक हिस्सा है, जिसमें संयुक्त अभ्यास, रक्षा व्यापार और संयुक्त क्षमताओं को बढ़ाने के लिये कार्मिक आदान-प्रदान शामिल हैं। 
  • भारत और अमेरिका के बीच अन्य अभ्यास: अभ्यास वज्र प्रहार (विशेष बलों का अभ्यास), SALVEX (नौसेना), Cope India (वायुसेना) और मालाबार अभ्यास (चतुष्कोणीय नौसैनिक अभ्यास)
और पढ़ें: भारत-अमेरिका संबंध 

रैपिड फायर

स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार अभियान (SNSPA)

स्रोत: न्यूज़ ऑन एयर

प्रधानमंत्री ने स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार अभियान (SNSPA) और 8वें राष्ट्रीय पोषण माह की शुरुआत की।

स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार अभियान 

  • यह स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय तथा महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की एक ऐतिहासिक स्वास्थ्य पहल है। 
    • इसका उद्देश्य भारत में महिलाओं और बच्चों के लिये स्वास्थ्य सेवा को मज़बूत करना, जनभागीदारी अभियान मॉडल के तहत निजी अस्पतालों की सक्रिय भागीदारी के साथ पहुँच, गुणवत्तापूर्ण देखभाल तथा जागरूकता को बढ़ावा देना है। 
  • मुख्य विशेषताएँ: SNPSA महिलाओं के स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों जैसे एनीमिया, उच्च रक्तचाप, मधुमेह और कैंसर के लिये व्यापक जाँच सुनिश्चित करने हेतु आयुष्मान आरोग्य मंदिरों तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में एक लाख से अधिक स्वास्थ्य शिविर लगाएगा। 
    • SASHAKT पोर्टल प्रगति को रीयल-टाइम में ट्रैक करेगा, जिससे पारदर्शिता और कुशल कार्यान्वयन सुनिश्चित होगा। 
    • SNPSA विशेष रूप से जनजातीय तथा ग्रामीण क्षेत्रों में निक्षय मित्रों और स्वयंसेवी सहायता के माध्यम से सामुदायिक भागीदारी को प्रोत्साहित करता है। 
      • आँगनवाड़ियों और स्वास्थ्य शिविरों में शिक्षा के माध्यम से मासिक धर्म स्वच्छता, पोषण तथा  कल्याण पर जागरूकता को बढ़ावा देना।

राष्ट्रीय पोषण माह

  • यह एक वार्षिक अभियान है, जिसे वर्ष 2018 में शुरू किया गया था और इसे प्रत्येक वर्ष सितंबर में “जन आंदोलन” के हिस्से के रूप में मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य पोषण संबंधी साक्षरता, स्वस्थ आदतों और व्यवहार में बदलाव को बढ़ावा देना है। 
    • पोषण माह और पोषण पखवाड़ा के 7 संस्करणों में 130 करोड़ से अधिक पोषण-केंद्रित गतिविधियाँ आयोजित की गई हैं। 
  • वर्ष 2025 में आयोजित 8वें संस्करण का फोकस महत्त्वपूर्ण विषयों पर है जैसे: एनीमिया रोकथाम, विकास मॉनिटरिंग, पूरक आहार, “पोषण भी पढ़ाई भी”, बेहतर शासन के लिये तकनीक और पर्यावरण पहल “एक पेड़ माँ के नाम”
और पढ़ें: 7वाँ राष्ट्रीय पोषण माह 2024 

रैपिड फायर

मोरान समुदाय

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

असम के तिनसुकिया ज़िले (जो तेल, कोयला और चाय से समृद्ध क्षेत्र है) में मोरान समुदाय ने अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा पाने की मांग को लेकर आर्थिक नाकेबंदी शुरू की है, जिसके तहत क्षेत्र से वस्तुओं की आवाजाही रोक दी गई है। 

  • परिचय: मोरान समुदाय असम की एक आदिम जनजाति है, जिनका अहोम शासन से पहले अपना स्वतंत्र राज्य हुआ करता था। 
  • धार्मिक संबद्धता: 17वीं शताब्दी में अनिरुद्धदेव ने उन्हें वैष्णव धर्म में परिवर्तित किया, जिससे उनके सांस्कृतिक और सामाजिक पुनर्जागरण की शुरुआत हुई। 
  • ये वैष्णव धर्म के मोआमोरिया संप्रदाय से संबंधित हैं और अरुणाचल प्रदेश के नामसाई ज़िले में उनकी एक छोटी आबादी निवास करती है। 
  • अनुसूचित जनजाति का दर्जा पाने की मांग: मोरान समुदाय उन छह समुदायों में से एक है (चाय जनजाति/आदिवासी, मोटोक, ताई अहोम, चुटिया और कोच-राजबोंगशी के साथ), जो ST दर्जे की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। 
  • हालिया घटनाक्रम: मार्च 2025 में असम सरकार ने अरुणाचल प्रदेश में रहने वाले मोरान समुदाय के सदस्यों को स्थायी निवास प्रमाण पत्र (PRC) जारी करने के अपने निर्णय की घोषणा की। 
और पढ़ें: मोरान समुदाय के लिये PRC 

रैपिड फायर

एल्युमीनियम-आयन बैटरी

स्रोत: पी.आई.बी

बंगलूरू स्थित सेंटर फॉर नैनो एंड सॉफ्ट मैटर साइंसेज़ (CeNS) ने एक लचीली जलीय एल्युमिनियम-आयन बैटरी विकसित की है, जो फोन, लैपटॉप, इलेक्ट्रिक वाहन आदि में सामान्यतः उपयोग की जाने वाली लिथियम-आयन बैटरियों का एक सुरक्षित और सतत् विकल्प है। 

एल्युमीनियम-आयन बैटरी 

  • प्रयुक्त सामग्री: इस बैटरी में एल्युमिनियम का उपयोग किया गया है, जो सबसे प्रचुर मात्रा में उपलब्ध और पर्यावरण अनुकूल धातुओं में से एक है। इसे जल-आधारित इलेक्ट्रोलाइट के साथ संयोजित किया गया है, जिससे यह किफायती, विस्फोट-रोधी और पर्यावरण के लिये सुरक्षित बनती है। 
  • घटक: इसमें एक कॉपर हेक्सासायनोफेरेट (CuHCFe) कैथोड (धनात्मक इलेक्ट्रोड) होता है, जो पहले से ही एल्युमीनियम आयनों से भरा होता है और एक मोलिब्डेनम ट्राइऑक्साइड (MoO₃) एनोड (ऋणात्मक इलेक्ट्रोड) होता है। 
  • प्रदर्शन: यह बैटरी 150 चार्ज–डिस्चार्ज चक्रों के बाद भी सक्षम बनी रहती है और मोड़े जाने पर भी निरंतर उपकरणों को ऊर्जा प्रदान कर सकती है। 
    • इसे इतना लचीला बनाया गया है कि यह कागज़ की तरह मोड़ने या तह करने पर भी अपनी क्षमता नहीं खोती।
  • अनुप्रयोग: यह लचीले स्मार्टफोन, पहनने योग्य उपकरणों और अधिक सुरक्षित इलेक्ट्रिक वाहनों के लिये नए मार्ग प्रशस्त करती है। 
    • यह विकास भारत को वैश्विक जलवायु तथा पर्यावरणीय लक्ष्यों के अनुरूप सतत् और अगली पीढ़ी के ऊर्जा भंडारण समाधानों के अग्रणी स्थान पर स्थापित करता है। 
  • चुनौतियाँ: Al³⁺ आयनों का धीमा प्रसार और ग्रेफाइट जैसे पदार्थों की संभावित संरचनात्मक गिरावट, चक्र स्थिरता को सीमित करती है। 
    • एल्युमिनियम एनोड में जंग लगने की समस्या होती है, जो बैटरी की दीर्घायु को प्रभावित कर सकती है। 

लिथियम-आयन बैटरी 

  • यह एक रिचार्जेबल बैटरी है, जिसमें चार्जिंग और डिस्चार्जिंग प्रक्रिया के दौरान लिथियम आयन, ऋणात्मक इलेक्ट्रोड (ग्रेफाइट) और धनात्मक इलेक्ट्रोड (Li ट्रांज़िशनल मेटल ऑक्साइड्स) के बीच एक गैर-जलीय इलेक्ट्रोलाइट के माध्यम से प्रवाहित होते हैं। 
  • यह ऊर्जा को अधिक सघन रूप में संग्रहीत करती है और चार्ज के बीच लंबे चक्र प्रदान करती है। 
  • पुरानी लेड-एसिड बैटरियों के विपरीत यह हल्की होती है और कम विषाक्त लिथियम तथा कार्बन इलेक्ट्रोड का उपयोग करती है।
और पढ़ें: बैटरी प्रौद्योगिकी 

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