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मोरान समुदाय

  • 17 Sep 2025
  • 9 min read

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

असम के तिनसुकिया ज़िले (जो तेल, कोयला और चाय से समृद्ध क्षेत्र है) में मोरान समुदाय ने अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा पाने की मांग को लेकर आर्थिक नाकेबंदी शुरू की है, जिसके तहत क्षेत्र से वस्तुओं की आवाजाही रोक दी गई है। 

  • परिचय: मोरान समुदाय असम की एक आदिम जनजाति है, जिनका अहोम शासन से पहले अपना स्वतंत्र राज्य हुआ करता था। 
  • धार्मिक संबद्धता: 17वीं शताब्दी में अनिरुद्धदेव ने उन्हें वैष्णव धर्म में परिवर्तित किया, जिससे उनके सांस्कृतिक और सामाजिक पुनर्जागरण की शुरुआत हुई। 
  • ये वैष्णव धर्म के मोआमोरिया संप्रदाय से संबंधित हैं और अरुणाचल प्रदेश के नामसाई ज़िले में उनकी एक छोटी आबादी निवास करती है। 
  • अनुसूचित जनजाति का दर्जा पाने की मांग: मोरान समुदाय उन छह समुदायों में से एक है (चाय जनजाति/आदिवासी, मोटोक, ताई अहोम, चुटिया और कोच-राजबोंगशी के साथ), जो ST दर्जे की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। 
  • हालिया घटनाक्रम: मार्च 2025 में असम सरकार ने अरुणाचल प्रदेश में रहने वाले मोरान समुदाय के सदस्यों को स्थायी निवास प्रमाण पत्र (PRC) जारी करने के अपने निर्णय की घोषणा की। 
और पढ़ें: मोरान समुदाय के लिये PRC 
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