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बिहार कैबिनेट ने ग्रामीण कल्याण पहल को मंजूरी दी
चर्चा में क्यों?
बिहार मंत्रिमंडल ने गाँव के बुनियादी ढाँचे, सामाजिक पेंशन, महिला उद्यमिता, सब्सिडी वाले भोजन तथा मज़बूत स्थानीय शासन और कल्याण उपायों को मंजूरी प्रदान की है।
मुख्य बिंदु
- जीविका दीदी की रसोई का संचालन: मंत्रिमंडल ने किफायती भोजन उपलब्ध कराने के लिये प्रखंड स्तर के कार्यालयों, उप-मंडल तथा ज़िला मुख्यालयों पर जीविका दीदी की रसोई इकाइयों के संचालन को मंजूरी दी है।
- यह पहल अब सरकारी मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों तक विस्तारित की जाएगी, जहाँ 5 करोड़ रुपए के अनुमानित बजट के तहत रियायती भोजन उपलब्ध कराया जाएगा।
- वित्तीय सहायता: हाल ही में सम्पन्न जाति-आधारित सर्वेक्षण में चिह्नित 94 लाख आर्थिक रूप से वंचित परिवारों की महिला उद्यमियों को 2 लाख रुपए की वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिये विकास आयुक्त की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया है, जो इसके लिये मानदंड निर्धारित करेगी।
- पेंशन में वृद्धि: मंत्रिमंडल ने बुज़ुर्गों, दिव्यांग व्यक्तियों तथा विधवाओं हेतु संचालित सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के अंतर्गत दी जाने वाली पेंशन राशि में वृद्धि को मंजूरी दी है, जिसके तहत मासिक पेंशन ₹400 से बढ़ाकर ₹1,100 कर दी गई है।
- महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के अंतर्गत ग्राम पंचायत द्वारा अनुमोदित कार्यों के लिये व्यय सीमा को 5 लाख रुपए से बढ़ाकर 10 लाख रुपए कर दिया गया है।
- पंचायती राज प्रतिनिधियों के लिये भत्ते: त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं के निर्वाचित प्रतिनिधियों तथा ग्राम कचहरी के सदस्यों को दिये जाने वाले भत्तों में 1.5 गुना की वृद्धि की गई है।
- अनुग्रह राशि: पंचायत या ग्राम कचहरी के सदस्य की कार्यकाल के दौरान प्राकृतिक मृत्यु होने पर, उनके निकटतम परिजन को 5 लाख रुपए की अनुग्रह राशि प्रदान की जाएगी।
- विवाह हॉल निर्माण: प्रत्येक विवाह हॉल का निर्माण 50 लाख रुपए की लागत से किया जाएगा और इसे वर्तमान वित्त वर्ष से आरंभ करते हुए पाँच वर्षों की अवधि में चरणबद्ध रूप से क्रियान्वित किया जाएगा।
बिहार ग्रामीण आजीविका परियोजना
- जीविका:
- इस परियोजना को प्रारंभ में विश्व बैंक द्वारा समर्थन प्राप्त था तथा बाद में इसे बिहार कोसी बाढ़ पुनर्प्राप्ति परियोजना (BKFRP) के अजीविका पुनर्स्थापन घटक को सम्मिलित करते हुए विस्तारित किया गया।
- जीविका, बिहार ग्रामीण आजीविका परियोजना है, जिसका उद्देश्य बिहार में ग्रामीण गरीबों का सामाजिक और आर्थिक सशक्तीकरण करना है।
- यह परियोजना बिहार ग्रामीण आजीविका संवर्द्धन सोसाइटी (BRLPS) द्वारा प्रबंधित की जाती है, जो बिहार सरकार के ग्रामीण विकास विभाग के अधीन एक स्वायत्त निकाय है।
- राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) के अंतर्गत गरीबी उन्मूलन की रणनीतियों को लागू करने हेतु BRLPS को बिहार राज्य के लिये राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (SRLM) के रूप में नामित किया गया है।
- दीदी की रसोई पहल:
- केरल के कुडुम्बश्री मॉडल से प्रेरित यह पहल वर्ष 2018 में शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य बिहार में सस्ता भोजन उपलब्ध कराना है।
- यह बिहार परिवर्तनकारी विकास परियोजना के तहत विश्व बैंक द्वारा समर्थित है तथा BRLPS (जीविका) द्वारा क्रियान्वित की जा रही है।
- इसका पहला केंद्र वैशाली में स्थापित किया गया था और वर्तमान में बिहार के 38 ज़िलों में 83 से अधिक केंद्र संचालित हो रहे हैं, जिनमें अस्पताल, मेडिकल कॉलेज तथा स्कूल शामिल हैं।
- इस पहल के अंतर्गत 1,200 से अधिक महिला उद्यमियों तथा 150 पूर्णकालिक कर्मचारियों को रोज़गार मिला है, जिन्हें होटल प्रबंधन और खानपान विशेषज्ञों का समर्थन प्राप्त है।
- महिला उद्यमियों को जीविका द्वारा संचालित 7-दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से स्वच्छता, लेखांकन तथा ग्राहक सेवा में प्रशिक्षित किया जाता है।

