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स्टेट पी.सी.एस.

  • 24 Jun 2022
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उत्तर प्रदेश Switch to English

उत्तर प्रदेश में संक्रामक रोगों के खिलाफ अभियान शुरू करने की तैयारी

चर्चा में क्यों? 

23 जून, 2022 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक उच्चस्तरीय बैठक को संबोधित करते हुए अधिकारियों से राज्य को डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया और अन्य वेक्टरजनित बीमारियों से बचाने के लिये नियमित स्वच्छता और फॉगिंग अभियान सुनिश्चित करने को कहा है। 

प्रमुख बिंदु 

  • जलजनित बीमारियों और अन्य मौसमी अनियमितताओं से उत्पन्न स्वास्थ्य चुनौतियों से निपटने के लिये 1 जुलाई से संचारी रोगों के खिलाफ यह राज्यव्यापी विशेष अभियान शुरू किया जाएगा।  
  • गौरतलब है कि प्रत्येक वर्ष जून से नवंबर तक, राज्य के पूर्वांचल क्षेत्र में बड़ी संख्या में बच्चे जापानी इंसेफेलाइटिस से प्रभावित होते हैं। सरकार द्वारा किये गए सतत् प्रयासों के कारण ही केवल इस बीमारी के प्रसार को नियंत्रित किया गया है, बल्कि इससे होने वाली मौतों में भी 95 प्रतिशत से अधिक की कमी आई है। 
  • इसी संदर्भ में अतिरिक्त सतर्कता और सावधानी बरतते हुए, राज्य सरकार ने पीआईसीयू बेड और प्रशिक्षित चिकित्साकर्मियों से लैस ब्लॉक स्तर पर इंसेफेलाइटिस देखभाल केंद्र स्थापित किये हैं। 
  • इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि उत्तर प्रदेश में बहुत जल्द ही कालाज़ार से मुक्ति के साथ ही मलेरिया पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित हो सकेगा। ताजा आँकड़ों के अनुसार राज्य में मलेरिया प्रति 1,000 जनसंख्या पर एक से कम तथा कालाज़ार रोग प्रति 10,000 जनसंख्या पर एक से कम में देखा गया है 

बिहार Switch to English

बिहार के बागीचों में होगी मसाले की खेती

चर्चा में क्यों? 

हाल ही में बिहार सरकार ने राज्य के किसानों की आमदनी बढ़ाने की दिशा में कदम उठाते हुए बागीचों में मसाले की खेती की योजना बनाई है।  

प्रमुख बिंदु 

  • इंटीग्रेटेड फार्म़िग योजना के तहत किसानों को प्रोत्साहित करने के लिये कृषि विभाग ने इस पर काम शुरू किया है। बागीचे में उपलब्ध खाली ज़मीन के वास्तविक रकबे के आधार पर ज़रूरत का आकलन किया गया है।  
  • मसाला की खेती इसी साल प्रयोग के तौर पर शुरू होगी। इसके लिये ओल, अदरक हल्दी का चयन किया गया है। अभी राज्य के 12 ज़िलों के बागीचों में इनकी खेती की जाएगी। 
  • इस योजना के लिये जिन ज़िलों का चयन किया गया है, उनमें वैशाली, मुज़फ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, दरभंगा, समस्तीपुर, बेगूसराय, सहरसा, खगड़िया और भागलपुर शामिल हैं।   
  • बागीचों में पेड़ लगाने के बाद खाली बची ज़मीन का उपयोग मसालों की खेती के लिये होगी। इससे किसान बागीचे के फल तो बेचेंगे ही, मसालों का व्यापार भी कर सकेंगे।   
  • योजना के तहत राज्य सरकार बागीचे में मसाला की खेती करने वाले किसानों को तकनीकी सहायता के साथ ही बीज और खाद की कीमत का आधा पैसा भी देगी।  
  • गौरतलब है कि राज्य में किसान औसतन दो फसल की खेती ही साल भर में करते हैं। मौसम अनुकूल खेती में सरकार ने उसे तीन फसल तक बढ़ाने की योजना बनाई है। इसी के साथ सालाना फसलों की खेती में भी समेकित कृषि योजना पर ज़ोर दिया जा रहा है। नई योजना इसी प्रयास की एक कड़ी है।   
  • केला जैसे फल के बागीचों को छोड़ दें तो आम और लीची के बागीचों में 40 प्रतिशत भूमि का उपयोग ही पेड़ लगाने में होता है, शेष 60 प्रतिशत ज़मीन पर ऐसी फसलों की खेती की जा सकती है, जिनमें धूप कम रहने पर भी उत्पादन पर असर नहीं पड़ता है। इसी के तहत ओल, अदरक और हल्दी का चयन किया गया है।   
  • उल्लेखनीय है कि बिहार में खेती योग्य रकबा देश में औसत से काफी अधिक है। राज्य में कुल भूभाग के 60 प्रतिशत रकबे का उपयोग खेती के लिये किया जाता है। देश में यह औसत 42 प्रतिशत है। इसके बावजूद राज्य सरकार फसल सघनता बढ़ाकर उत्पादन बढ़ाना चाहती है। किसानों की आमदनी बढ़ाने का भी यह एक अनूठा कदम है। 

राजस्थान Switch to English

प्रशासन शहरों के संग अभियान

चर्चा में क्यों?

23 जून, 2022 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ‘प्रशासन शहरों के संग अभियान’ की समीक्षा बैठक में बताया कि प्रदेश के सभी नगर निकायों में इस अभियान के शिविर 15 जुलाई से वार्डवार लगेंगे।

प्रमुख बिंदु

  • इनमें मौके पर ही सभी तरह की प्रशासनिक प्रक्रिया पूरी करते हुए पट्टों का वितरण किया जाएगा।
  • अभियान शुरू करने से पूर्व नगर निकायों के पार्षदों के लिये कार्यशालाएँ आयोजित की जाएँगी, जिनमें उन्हें अभियान की संपूर्ण जानकारी के साथ नए प्रारूप और राज्य सरकार द्वारा किये गए सरलीकरण और छूटों की जानकारी से अवगत कराया जाएगा, ताकि पार्षद अपने क्षेत्र के लोगों को पट्टे दिलाने में मदद कर सकें।
  • नगरीय विकास एवं आवासन विभाग के प्रमुख सचिव कुंजीलाल मीणा ने प्रस्तुतीकरण देते हुए अभियान के दौरान जारी किये गए पट्टों सहित अन्य कार्यों के बारे में बताया कि प्रशासन शहरों के संग अभियान, 2021 के तहत 3 लाख 36 हज़ार 61 पट्टे जारी किये जा चुके हैं।

राजस्थान Switch to English

‘मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना’

चर्चा में क्यों?

23 जून, 2022 को शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पवन कुमार गोयल ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की पहल पर प्रदेश में कक्षा एक से 8वीं तक के बच्चों को ‘मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना’ के तहत सप्ताह में दो दिन दूध उपलब्ध करवाया जाएगा।

प्रमुख बिंदु

  • योजना के तहत राजकीय विद्यालयों में अध्ययनरत् करीब 69 लाख 21 हज़ार बच्चों को पाउडर से तैयार दूध सप्ताह में दो दिन मंगलवार एवं शुक्रवार को उपलब्ध करवाया जाएगा।
  • इन दिनों में अवकाश होने पर अगले शैक्षणिक दिवस को दूध उपलब्ध करवाया जाएगा। कक्षा एक से 5 तक के बच्चों को 150 मिलीलीटर एवं कक्षा 6 से 8 तक के बच्चों को 200 मिलीलीटर दूध वितरित किया जाएगा।
  • गौरतलब है कि इस योजना की घोषणा वित्तीय वर्ष 2022-23 के राज्य बजट में की गई थी। इस योजना के लागू होने से कक्षा एक से 8वीं तक के बच्चों के पोषण स्तर में सुधार होने के साथ ही राजकीय विद्यालयों में नामांकन एवं उपस्थिति में वृद्धि होगी और विद्यार्थियों का ड्रॉपआउट भी रुक सकेगा।
  • इसके लिये पाउडर मिल्क की खरीद राजस्थान को-ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन से की जाएगी तथा मिड-डे मील आयुक्तालय के माध्यम से पाउडर मिल्क का ज़िलेवार आवंटन किया जाएगा। आरसीडीएफ द्वारा ही आवंटन के अनुसार विद्यालयों तक पाउडर मिल्क की डोर स्टेप डिलिवरी की जाएगी।

मध्य प्रदेश Switch to English

27 प्रतिशत आरक्षण पर लगी रोक बरकरार, हाईकोर्ट ने अंतरिम आदेश में संशोधन से किया इनकार

चर्चा में क्यों?

23 जून, 2022 को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने पीएससी (लोक सेवा आयोग) में ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण देने पर लगी अंतरिम रोक के आदेश में संशोधन से इनकार कर दिया।

प्रमुख बिंदु

  • ओबीसी आरक्षण के संबंध में दायर सभी याचिकाओं की सुनवाई जस्टिस शील नागू तथा जस्टिस ए.के. शर्मा की युगल पीठ द्वारा की गई।
  • गौरतलब है कि आशिता दूबे सहित अन्य की तरफ से प्रदेश सरकार द्वारा ओबीसी आरक्षण 27 प्रतिशत किये जाने के खिलाफ तथा पक्ष में लगभग 60 से अधिक याचिकाएँ दायर की गई थीं। हाईकोर्ट ने कई लंबित याचिकाओं पर ओबीसी आरक्षण 27 प्रतिशत दिये जाने पर रोक लगा दी थी।
  • सरकार द्वारा स्थगन आदेश वापस लेने के लिये आवेदन दायर किया गया था। हाईकोर्ट ने 1 सितंबर, 2021 को स्थगन आदेश वापस लेने से इनकार करते हुए संबंधित याचिकाओं को अंतिम सुनवाई के निर्देश जारी किये थे।
  • प्रदेश सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने महाधिवक्ता द्वारा 25 अगस्त, 2021 को दिये अभिमत के आधार पर पीजी नीट 2019-20, पीएससी के माध्यम से होने वाली मेडिकल अधिकारियों की नियुक्ति तथा शिक्षक भर्ती छोड़कर अन्य विभाग में ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण दिये जाने के आदेश जारी कर दिये थे। उक्त आदेश के खिलाफ भी हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी।
  • आरक्षण के खिलाफ दायर याचिकाओं में कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने साल 1993 में इंदिरा साहनी तथा साल 2021 में मराठा आरक्षण के मामले में स्पष्ट आदेश दिये हैं कि आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिये। प्रदेश में ओबीसी आरक्षण 27 प्रतिशत किये जाने पर आरक्षण की सीमा 63 प्रतिशत तक पहुँच जाएगी।
  • याचिका की सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से दायर जवाब में कहा गया था कि साल 2011 की जगगणना के अनुसार प्रदेश में ओबीसी वर्ग की संख्या लगभग 51 प्रतिशत है। सुनवाई के दौरान पीठ से आग्रह किया गया था कि पीएससी में ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण देने के संबंध में जारी अंतरिम रोक के आदेश को संशोधित किया जाए। पीठ ने आग्रह को अस्वीकार करते हुए उक्त आदेश जारी किये।

हरियाणा Switch to English

भीम पुरस्कार

चर्चा में क्यों?

23 जून, 2022 को पंचकूला में हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय की अध्यक्षता में आयोजित पुरस्कार समारोह में हरियाणा के 52 खिलाड़ियों को राज्य का सर्वोच्च खेल पुरस्कार ‘भीम पुरस्कार’ प्रदान किया गया।

प्रमुख बिंदु

  • पुरस्कार पिछले चार वर्षों 2017-18, 2018-19, 2019-20 तथा 2020-21 में उपलब्धियों के लिये दिये गए हैं।
  • 52 भीम अवार्ड विजेताओ में टोक्यो ओलंपिक के रजत पदक विजेता रवि दहिया, टोक्यो पैरालिंपिक के स्वर्ण पदक विजेता सुमित अंतिल, रजत पदक विजेता योगेश कथुनिया, रजत और कांस्य पदक विजेता सिंहराज अधाना तथा टोक्यो पैरालिंपिक के ही कांस्य पदक विजेता आर्चर हरविंदर सिंह शामिल हैं।
  • पुरस्कार विजेताओं को भीम की एक लघु प्रतिमा और प्रशस्ति-पत्र के साथ 5 लाख रुपए नकद दिये गए।
  • इसके अलावा पुरस्कार विजेताओं को हरियाणा सरकार द्वारा 5,000 रुपए का मासिक मानदेय भी दिया जाएगा।

छत्तीसगढ़ Switch to English

छत्तीसगढ़ राज्य के भुइयां कार्यक्रम को राष्ट्रीय स्तर पर मिला पुरस्कार

चर्चा में क्यों?

23 जून, 2022 को छत्तीसगढ़ में कार्यालय आयुक्त भू-अभिलेख द्वारा संचालित लैंड रिकॉर्ड्स प्रोजेक्ट, भुइयां सॉफ्टवेयर को मुंबई में आयोजित एक भव्य समारोह में प्रतिष्ठित आईएमसी डिजिटल अवॉर्ड्स, 2021 से सम्मानित किया गया।

प्रमुख बिंदु

  • यह पुरस्कार सरकारी क्षेत्र में उत्कृष्टता के लिये कार्यालय आयुक्त भू-अभिलेख और राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र को प्रदान किया गया है।
  • उल्लेखनीय है कि राज्य में भू-अभिलेखों को डिजिटाइज़ करने और लोगों को इसे ऑनलाइन माध्यम से सहज रूप में उपलब्ध कराने के लिये भुइयां कार्यक्रम बनाया गया है।
  • भुइयां सॉफ्टवेयर नक्शा, खसरा एवं उससे जुड़े ज़मीन के कागज़ात को ऑनलाइन प्रस्तुत करता है, साथ ही संपत्ति की रजिस्ट्री एकीकृत करते हुए डुप्लीकेट रजिस्ट्री की समस्या का समाधान करता है।
  • इस सॉफ्टवेयर में प्रोजेक्ट में विभागों के प्रमुख अधिकारियों- राजस्व, खाद्य, कृषि, एनसीपीआई, मृदा स्वास्थ्य, वाणिज्यिक कर, टाउन एंड कंट्री प्लानिंग और कई अन्य विभागों के सचिव तथा ज़िला के कलेक्टर, एसडीएम, तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक की लॉग इन आईडी बनाई गई है तथा 3800 से अधिक बैंकों को भुइयां से एकीकृत किया गया है, जिससे किसी भूमि पर डुप्लीकेट ऋण प्रदाय किये जाने से रोका जा सकता है एवं ऋण की ऑनलाइन प्रविष्टि भी की जा सकती है।

उत्तराखंड Switch to English

सहस्त्रधारा

चर्चा में क्यों?

हाल ही में उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने उत्तराखंड में एक महत्त्वपूर्ण पर्यटन स्थल ‘सहस्त्रधारा’ को जोड़ने वाली सड़क को चौड़ा करने के लिये हज़ारों पेड़ों को काटने के प्रस्ताव को आंशिक रूप से अनुमति दे दी है।

प्रमुख बिंदु

  • कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति रमेश चंद्र खुल्बे की खंडपीठ ने इस शर्त पर प्रस्ताव को मंजूरी दी कि राज्य द्वारा इन मूल्यवान पेड़ों को फिर से लगाया जाएगा और उनकी देखभाल की जाएगी।
  • सहस्त्रधारा, जिसका शाब्दिक अर्थ ‘Thousand Fold Spring’ है, बाल्दी नदी पर देहरादून से 16 किमी. की दूरी पर स्थित एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है।
  • सहस्त्रधारा प्राकृतिक सल्फर वाटर स्प्रिंग है, जिसमें विविध प्रकार के औषधीय गुण हैं, जैसे- इसके जल के उपयोग से त्वचा रोगों का तथा उदरीय विकारों का उपचार संभव है।
  • सहस्त्रधारा का जल चूने के अवशेषों से एक प्रक्षेपित पर्वत श्रृंखला का निर्माण करता है। यहाँ पहाड़ी पर एक मंदिर में स्थित गुफा को द्रोण गुफा के रूप में जाना जाता है, जिसमें चट्टान से उकेरे गए कई लघु शिवलिंग हैं।

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