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उत्तर प्रदेश स्टेट पी.सी.एस.

  • 22 Nov 2021
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गंगा एक्सप्रेस-वे को मिली पर्यावरण मंज़ूरी

चर्चा में क्यों?

हाल ही में राज्यस्तरीय पर्यावरण प्रभाव आकलन प्राधिकरण के सदस्य सचिव ने प्रस्तावित 594 किलोमीटर लंबे गंगा एक्सप्रेस-वे की निर्माण परियोजना को पर्यावरण मंज़ूरी जारी की।

प्रमुख बिंदु 

  • पर्यावरण और वन मंत्रालय, भारत सरकार की 2006 की अधिसूचना के तहत अनुसूची में शामिल परियोजनाओं के निर्माण से पहले पर्यावरण मंज़ूरी प्राप्त करना आवश्यक है। इस अधिसूचना के तहत गंगा एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिये यूपीईडा (UPEIDA) द्वारा पर्यावरण मंज़ूरी ली गई है।
  • इस एक्सप्रेस-वे के लिये भूमि अधिग्रहण का कार्य प्रगति पर है और अब तक लगभग 94 प्रतिशत भूमि का अधिग्रहण किया जा चुका है।
  • इस एक्सप्रेस-वे परियोजना की अनुमानित लागत 36,230 करोड़ रुपए है। यह 6-लेन एक्सप्रेस-वे होगा, जिसे 8-लेन तक बढ़ाया जा सकता है।
  • यह एक्सप्रेस-वे मेरठ-बुलंदशहर रोड (एनएच-334) पर मेरठ के बिजौली गाँव के पास से शुरू होकर प्रयागराज बाइपास (एनएच-19) पर प्रयागराज ज़िले के जुदापुर दांडू गाँव के पास खत्म होगा।
  • यह एक्सप्रेस-वे 12 ज़िलों- मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूँ, शाहजहाँपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और प्रयागराज को जोड़ेगा।
  • अनुमान है कि इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण के दौरान लगभग 12,000 लोगों को अस्थायी रूप से रोज़गार दिया जाएगा, जबकि टोल प्लाजा के निर्माण के बाद लगभग 100 लोगों को स्थायी आधार पर नियोजित किया जाएगा।

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