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राजस्थान स्टेट पी.सी.एस.

  • 22 May 2024
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राजस्थान में खदान ब्लॉकों की नीलामी

चर्चा में क्यों?

राजस्थान सरकार ने राज्य में छोटे और बड़े ब्लॉकों की नीलामी के लिये परिसीमन कार्य में तेज़ी लाने का निर्णय लिया है।

मुख्य बिंदु:

  • अवैध खनन गतिविधियों से निपटने के लिये सरकार कई खनन स्थलों को तैयार करने और बेचने पर ध्यान केंद्रित करेगी।
  • खनिज अन्वेषण के लिये ड्रिलिंग और रिपोर्ट के विश्लेषण से मूल्यवान खनिजों के अवैध खनन से निपटने में सहायता मिलेगी, जिससे राज्य में राजस्व एवं रोज़गार के अवसर बढ़ेंगे।
  • सरकार ने अधिकारियों से खनिज विभाग के कार्यालयों और क्षेत्रों में जल संचयन प्रणाली विकसित करने को कहा है।
    • इसके अतिरिक्त, अधिकारियों को विभाग के कार्यालयों में ई-फाइलिंग प्रणाली का कुशल संचालन सुनिश्चित करने और प्रसंस्करण समय को कम करने का निर्देश दिया गया।
  • राजस्थान 57 से अधिक विभिन्न खनिजों का उत्पादन करने वाले देश में खनिजों की उपलब्धता और विविधता के मामले में सबसे समृद्ध राज्यों में से एक है। खान विभाग ने वर्ष 2023-2024 के दौरान 7,490 करोड़ रुपए से अधिक का राजस्व अर्जित किया।
  • खान विभाग ने अन्वेषण, ड्रिलिंग, नीलामी के लिये ब्लॉक एवं भूखंड तैयार करने, नीलामी कैलेंडर बनाने और राजस्व संग्रह के लिये रोड मैप तैयार करके दैनिक निगरानी सुनिश्चित करने के उद्देश्य से एक योजना तैयार की है।

अवैध खनन

  • अवैध खनन भूमि या जल निकायों से आवश्यक परमिट, लाइसेंस या सरकारी प्राधिकरणों से नियामक अनुमोदन के बिना खनिजों, अयस्कों या अन्य मूल्यवान संसाधनों का निष्कर्षण है। 
  • इसमें पर्यावरण, श्रम और सुरक्षा मानकों का उल्लंघन भी शामिल हो सकता है।
  • भारत में खनन से संबंधित कानून:
    • भारत के संविधान की सूची-II (राज्य सूची) की क्रम संख्या 23 की प्रविष्टि राज्य सरकार को अपनी सीमाओं के अंदर स्थित खनिजों के स्वामित्त्व के लिये बाध्य करती है।
    • सूची-I (केंद्रीय सूची) की क्रम संख्या 54 पर प्रविष्टि केंद्र सरकार को भारत के विशेष आर्थिक क्षेत्र (EEZ) के अंदर खनिजों के मालिक होने का अधिकार देती है।
    • इसके अनुसरण में खान और खनिज (विकास तथा विनियमन) (MMDR) अधिनियम 1957 बनाया गया था।
    • लघु खनिजों से संबंधित नीति और कानून बनाने की शक्ति पूरी तरह से राज्य सरकारों को सौंपी गई है, जबकि प्रमुख खनिजों से संबंधित नीति एवं कानून केंद्र सरकार के तहत खान मंत्रालय द्वारा निपटाए जाते हैं।

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