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उत्तर प्रदेश ने छात्रों के लिये भरण-पोषण भत्ता बढ़ाया
चर्चा में क्यों?
प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के तहत, उत्तर प्रदेश सरकार ने दिव्यांग छात्रों के लिये भरण-पोषण भत्ते को 2,000 रुपए से बढ़ाकर 4,000 रुपए प्रति माह कर दिया है, जिससे राज्य के 28 आवासीय विद्यालयों में नामांकित 2,650 छात्रों को लाभ मिलेगा।
उत्तर प्रदेश सरकार के आँकड़ों के अनुसार, हर वर्ष 50 लाख से अधिक छात्र राज्य की छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति योजनाओं से लाभान्वित होते हैं, जिनमें से लगभग 14 से 15 लाख छात्र अनुसूचित जाति से संबंधित होते हैं।
मुख्य बिंदु
- अयोग्यता मानदंड:
- अब 40 वर्ष से अधिक आयु के छात्र छात्रवृत्ति के पात्र नहीं होंगे, जबकि पहले आवेदन के लिये कोई अधिकतम आयु सीमा नहीं थी।
- जो छात्र उत्तर प्रदेश से बाहर के राज्य बोर्डों से हाईस्कूल परीक्षा उत्तीर्ण करते हैं, उन्हें अब छात्रवृत्ति नहीं मिलेगी; हालाँकि, CBSE और ICSE जैसे केंद्रीय बोर्डों से उत्तीर्ण छात्रों को यह लाभ मिलता रहेगा।
- उत्तर प्रदेश से बाहर स्थित विश्वविद्यालयों द्वारा संचालित उत्तर प्रदेश के परिसरों में पढ़ने वाले छात्रों को भी संशोधित योजना के अंतर्गत छात्रवृत्ति से वंचित कर दिया गया है।
- अनिवार्य डिजिलॉकर:
- छात्रवृत्ति आवेदकों के लिये अब डिजिलॉकर पंजीकरण अनिवार्य होगा, जिससे स्वचालित आधार-आधारित डाटा सत्यापन संभव हो सकेगा और धोखाधड़ी की घटनाएँ रोकी जा सकेंगी।
- अनुसूचित जाति के छात्रों के लिये राशि में वृद्धि:
- अनुसूचित जाति (SC) के छात्रों के लिये वार्षिक छात्रवृत्ति राशि में 500 रुपए की वृद्धि की जाएगी, जिससे कुल राशि 3,500 रुपए प्रति वर्ष हो जाएगी।
- विशेष छूट:
- प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत अस्वच्छ पेशों (जैसे, मैला ढोने, कच्चे चमड़े से संबधित कार्य आदि) से जुड़े परिवारों के बच्चों के लिये आय सीमा की बाध्यता समाप्त कर दी गई है, जिससे उन्हें छात्रवृत्ति योजना का लाभ मिल सके।
नोट:
- दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 के अनुसार, 21 प्रकार की दिव्यांगताएँ मान्यता प्राप्त हैं, जिनमें दृष्टि बाधिता, श्रवण बाधिता, वाणी एवं भाषा विकार, बौद्धिक दिव्यांगता, बहु दिव्यांगता, सेरेब्रल पाल्सी और बौनापन आदि शामिल हैं।
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निवेश मित्र पोर्टल 3.0
चर्चा में क्यों?
उत्तर प्रदेश के निवेश मित्र पोर्टल 3.0 प्रक्रियात्मक विलंब तथा लालफीताशाही को कम करके व्यापार करने में सुगमता को बढ़ाने के उद्देश्य से विकसित किया गया है।
मुख्य बिंदु
- निवेश मित्र 3.0 के बारे में:
- निवेश मित्र 3.0 एक उन्नत, डिजिटल सिंगल-विंडो प्लेटफॉर्म है जिसे उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा निवेश प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने, अनुमोदन में तीव्रता लाने और एकीकरण, स्वचालन तथा AI-संचालित उपकरणों के माध्यम से व्यापार सुगमता बढ़ाने के लिये लॉन्च किया गया है।
- विशेषताएँ:
- एकीकृत डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र: यह केंद्र और राज्य सरकार के पोर्टलों के साथ बेहतर अंतर-संचालन प्रदान करता है तथा सभी विभागों में निवेशक सेवाओं के लिये एक समन्वित और एकीकृत इंटरफ़ेस उपलब्ध कराता है।
- संशोधित सामान्य आवेदन प्रपत्र (CAF): गतिशील आवेदन प्रपत्र अब कई भाषाओं में उपलब्ध है और उपयोगकर्त्ता प्रोफाइल के अनुकूल है, जिससे निवेशकों के लिये आवश्यक अनुमोदनों की पहचान करना तथा कुशलतापूर्वक आवेदन करना आसान हो जाता है।
- GIS-सक्षम भूमि बैंक: निवेशक भौगोलिक सूचना प्रणाली (GIS) प्रौद्योगिकी का उपयोग करके केंद्रीकृत, वास्तविक समय भूमि डाटा तक पहुँच सकते हैं, जिससे कुशल भूमि चयन और नोडल एजेंसियों के साथ सहयोग संभव हो सकेगा।
- स्मार्ट डैशबोर्ड और रियल-टाइम एनालिटिक्स: यह पोर्टल ज़िलावार KPI रैंकिंग, औद्योगिक पार्क रेटिंग और कार्रवाई योग्य जानकारी प्रदान करता है, जिससे निवेशकों तथा प्रशासन दोनों को प्रगति की निगरानी एवं निर्णय लेने में सहायता मिलती है।
- AI-संचालित बहुभाषी चैटबॉट: कृत्रिम बुद्धिमत्ता-आधारित चैटबॉट त्वरित, बहुभाषी समर्थन और शिकायत निवारण प्रदान करते हैं, जिससे प्रतिक्रिया समय एवं उपयोगकर्त्ता अनुभव में काफी सुधार होता है।
- उन्नत शिकायत निवारण: संपूर्ण शिकायत और फीडबैक प्रक्रिया स्वचालित है तथा पारदर्शिता तथा तीव्र समाधान के लिये डिजिटल चैनलों के माध्यम से संचालित की जाती है।
- सेवा वितरण समयसीमा में कमी: इस प्लेटफॉर्म का उद्देश्य सेवा वितरण की समय सीमा में 30–50% तक की कटौती करना, प्रक्रियागत देरी को न्यूनतम करना तथा भौतिक दस्तावेज़ीकरण और सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगाने की आवश्यकता को कम करना है।
- अनुपालन में कमी और विनियमन में ढील: 45 विभागों में 4,600 से अधिक सुधारों को एकीकृत करके, जिसमें फॉर्मों का सरलीकरण और कानूनी आवश्यकताओं का विनियमन शामिल है, निवेश मित्र 3.0 का लक्ष्य एक अधिक व्यापार-अनुकूल वातावरण बनाना है।
- व्यापक विभागीय कवरेज: यह प्रणाली श्रम, अग्निशमन, आवास, शहरी नियोजन और पर्यावरण मंजूरी सहित 44 से अधिक विभागों की 525 से अधिक सेवाओं को कवर करती है।
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लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन के 100 वर्ष पूरे
चर्चा में क्यों?
1 अगस्त 2025 को लखनऊ स्थित चारबाग रेलवे स्टेशन ने अपने 100 वर्ष पूरे कर लिये। इसकी विशिष्ट वास्तुकला और ऐतिहासिक विरासत लखनऊ की अलग पहचान का प्रतीक हैं।
मुख्य बिंदु
- इतिहास और वास्तुकला:
- चारबाग रेलवे स्टेशन का निर्माण मुगल, राजस्थानी और अंग्रेज़ी स्थापत्य का सुंदर संगम है।
- इसकी आधारशिला वर्ष 1914 में बिशप जॉर्ज हर्बर्ट द्वारा रखी गई थी तथा निर्माण कार्य वर्ष 1923 में पूर्ण हुआ।
- इस भवन को J.H. हॉर्निमैन द्वारा भारतीय-अंग्रेज़ स्थापत्य शैली के समन्वय से निर्मित किया गया था।
- 1 अगस्त 1925 को ईस्ट इंडिया रेलवे के एजेंट सी.एल. कॉल्विन ने इसी भवन के बुर्ज के भीतर एक स्मृति-पेटिका (casket) स्थापित की, जिसमें उस समय का एक सिक्का और एक समाचार-पत्र रखा गया। यह भवन की नींव पूर्ण होने की स्मृति के रूप में किया गया था।
- स्वतंत्रता आंदोलन में भूमिका:
- चारबाग स्टेशन स्वतंत्रता संग्राम के दौरान महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और मौलाना आज़ाद जैसे प्रमुख नेताओं के आगमन का साक्षी रहा है।
- ऐसा माना जाता है कि गांधी जी और नेहरू के बीच पहली औपचारिक मुलाकात (26 दिसंबर 1916) इसी स्टेशन पर हुई थी, जिससे यह एक महत्त्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थल बन गया।