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बिहार स्टेट पी.सी.एस.

  • 18 Jun 2022
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बिहार बालू खनन नीति, 2019 में संशोधन

चर्चा में क्यों? 

17 जून, 2022 को बिहार राज्य ने खान एवं भूतत्त्व विभाग के तहत बिहार बालू खनन नीति, 2019 में महत्त्वपूर्ण संशोधन किया है। 

प्रमुख बिंदु 

  • डीएम -निलामी-सह निविदा के माध्यम से राज्य के सभी ज़िले चिह्नित बालूघाटों की अगले 5 वर्ष के लिये बंदोबस्ती कराएंगे। बालू घाटों की बंदोबस्ती शुल्क में पिछले वर्ष की तुलना में 50 प्रतिशत की वृद्धि की गई है।  
  • बालू घाटों की बंदोबस्ती में सुरक्षित जमा राशि और प्रतिभूति राशि को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत कर दिया गया है।   
  • विदित है कि सुरक्षित जमा राशि पहले भी 25 फीसदी ही थी, जिसे पिछले दिनों 10 फीसदी कर दिया गया था। अब इसे फिर से 25 फीसदी किया गया है।  
  • यह राशि देने के बाद ही बंदोबस्तधारियों की निविदा मान्य होगी।   
  • इससे अवैध खनन पर अंकुश एवं निर्माण कार्यों को सुगमता से बालू उपलब्धता के साथ सरकार को राजस्व की भी प्राप्ति होगी। 
  • पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने सभी ज़िलों का खनिज सर्वे रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया था और रिपोर्ट के आधार पर ज़िलों में बालूघाटों की बंदोबस्ती करने को कहा था। उसके बाद विभाग ने सभी ज़िलों की रिपोर्ट तैयार की, जिसमें बालू की उपलब्धता से लेकर अन्य मामलों का पूरा ब्लूप्रिंट है।  
  • संशोधन के तहत पर्यावरणीय स्वीकृति एवं अन्य वैधानिक अनापत्ति बालू खनन करने वालों को ही लेनी होगी। माइनिंग प्लान भी उन्हें खुद ही बनवाना होगा। पहले ये काम सरकार के स्तर से होता था। 

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बिहार में 534 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय होंगे प्लस-टू में अपग्रेड

चर्चा में क्यों? 

हाल ही में केंद्र सरकार से सहमति मिलने के बाद बिहार शिक्षा विभाग ने 534 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों को प्लस-टू में अपग्रेड करने की कार्ययोजना बनाई है। 

प्रमुख बिंदु 

  • बिहार राज्य में वंचित समूहों की लड़कियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिये अब तक कुल 634 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय संचालित हैं। इनमें से 534 विद्यालय ऐसे हैं, जिनमें लड़कियों के लिये कक्षा 6 से 8 तक की पढ़ाई की व्यवस्था है। कक्षा 6 से 8 तक संचालित इन सभी विद्यालयों को प्लस-टू में अपग्रेड किया जाएगा। 
  • इससे अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़े वर्ग, गरीबी रेखा वाले वंचित समूहों और अल्पसंख्यक वर्गों से संबंधित बालिकाओं को सिर्फ कक्षा 6 से 12वीं तक की शिक्षा मिलेगी, बल्कि व्यावसायिक पाठ्यक्रम भी संचालित होंगे। 
  • उल्लेखनीय है कि वर्तमान में देश भर में 5,726 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय संचालित हैं। 
  • कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में नामांकित कुल 50,963 वंचित समूहों की लड़कियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिये उन्हें छात्रावास में रखकर पढ़ाई कराई जाती है। 
  • शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि सभी कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में स्मार्ट क्लासरूम, आईसीटी लैब और वोकेशनल ट्रेनिंग सेंटर की स्थापना की जाएगी। 
  • शिक्षा विभाग ने इन विद्यालयों पर एक रिपोर्ट तैयार कर केंद्र सरकार को सौंपी है, ताकि इन्हें जल्द-से-जल्द चालू करने के लिये स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग तत्काल कदम उठाए। 
  • विदित है कि केंद्र सरकार ने सर्व शिक्षा अभियान को बढ़ावा देने के लिये कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय योजना की शुरुआत वर्ष 2006-07 में की थी। इन विद्यालयों में 75% सीटें अनुसूचित जाति जनजाति, पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक वर्गों की बालिकाओं के लिये आरक्षित होंगी, बाकी 25% सीटें गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन करने वाले परिवारों की बालिकाओं के लिये आरक्षित हैं। 

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