छत्तीसगढ़ Switch to English
सरकारी नेतृत्व वाली कोल्ड चेन और विकिरण सुविधा
चर्चा में क्यों?
छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में जनजातीय लोगों की आय बढ़ाने और फसल-उपरांत होने वाले नुकसान को न्यूनतम करने के लिये राज्य की पहली सरकारी एकीकृत कोल्ड चेन और विकिरण सुविधा स्थापित की जाएगी।
मुख्य बिंदु
सुविधा के बारे में:
- स्थान: यह सुविधा दक्षिणी छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा ज़िले के पातररास गाँव में स्थापित की जाएगी।
- एकीकृत अवसंरचना: इसमें शीत भंडारण, गामा विकिरण, प्रसंस्करण तथा रसद घटक शामिल होंगे।
- इस सुविधा को वन एवं बागवानी उत्पादों की शेल्फ लाइफ बढ़ाने, नुकसान को कम करने तथा उनकी विपणन क्षमता सुधारने के उद्देश्य से डिज़ाइन किया गया है।
- अपनी तरह की पहली सुविधा:
- यह प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना (PMKSY) के अंतर्गत भारत की पहली सरकारी कोल्ड चेन तथा बहु-उत्पाद विकिरण सुविधा होगी।
- कार्यान्वयन एवं वित्तपोषण:
- विकिरण प्रौद्योगिकी हेतु विकिरण एवं आइसोटोप प्रौद्योगिकी बोर्ड के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किये गए हैं। पूरी परियोजना का वित्तपोषण खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय तथा दंतेवाड़ा ज़िले के ज़िला खनिज फाउंडेशन (DMF) द्वारा किया जा रहा है।
- प्रभाव:
- ग्रामीण रोज़गार: यह सुविधा आपूर्ति शृंखला में स्थानीय रोज़गार के अवसर सृजित करेगी।
- आर्थिक सशक्तीकरण: यह क्षेत्र के भीतर मूल्य संवर्द्धन सुनिश्चित करती है ताकि अधिक आय स्थानीय जनजातीय समुदायों के पास ही बनी रहे।
- रणनीतिक संरेखण: यह सुविधा क्षेत्रीय विकास योजनाओं का समर्थन करती है। इसका उद्देश्य बस्तर क्षेत्र में स्थायी आजीविका के अवसरों का विस्तार कर वामपंथी उग्रवाद का सामना करना है।
- लघु वन उपज (MFP) पर ध्यान:
- इस क्षेत्र की प्रमुख लघु वन उपज जैसे– इमली, महुआ, जंगली आम, बाजरा तथा स्थानीय मसाले, अपर्याप्त भंडारण और संरक्षण सुविधाओं के अभाव में अक्सर 10–20% वार्षिक नुकसान झेलते हैं।
- इस सुविधा से भंडारण में सुधार होगा तथा स्थानीय उपज का मूल्यवर्द्धन होगा, जिससे बर्बादी में कमी आएगी और बेहतर बाज़ार मूल्य प्राप्त करने में सहायता मिलेगी।
- इससे वन उपज संग्राहकों और स्थानीय किसानों की आय में प्रत्यक्ष वृद्धि होने की उम्मीद है।
- बाज़ार संबंध: रायपुर, विशाखापत्तनम और अन्य प्रमुख शहरी केंद्रों की पहचान संभावित बाज़ारों के रूप में की गई है।
प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना (PMKSY)
- परिचय:
- कृषि-समुद्री प्रसंस्करण और कृषि-प्रसंस्करण क्लस्टर विकास योजना (संपदा) को मई 2017 में स्वीकृत किया गया था, जिसे बाद में प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना (PMKSY) नाम दिया गया।
- यह एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है, जिसका उद्देश्य खे़त से लेकर खुदरा तक आधुनिक अवसंरचना तथा कुशल आपूर्ति शृंखलाओं का विकास करना है।
- यह खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में विकास को बढ़ावा देती है, किसानों को बेहतर मूल्य दिलाने में सहायक होती है, ग्रामीण रोज़गार सृजित करती है, कृषि बर्बादी को कम करती है, खाद्य प्रसंस्करण स्तर को बढ़ाती है तथा प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों के निर्यात को प्रोत्साहित करती है।
- उद्देश्य: कृषि को समर्थन देना, खाद्य प्रसंस्करण का आधुनिकीकरण करना तथा कृषि अपशिष्ट को कम करना।
- मुख्य घटक:
- नोडल मंत्रालय: खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय

