इंदौर शाखा: IAS और MPPSC फाउंडेशन बैच-शुरुआत क्रमशः 6 मई और 13 मई   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

स्टेट पी.सी.एस.

  • 10 Feb 2023
  • 0 min read
  • Switch Date:  
उत्तर प्रदेश Switch to English

वरिष्ठ न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर होंगे इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश

चर्चा में क्यों?

9 फरवरी, 2023 को मिडिया से मिली जानकारी के अनुसार सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में कोलेजियम ने वरिष्ठ न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर को इलाहाबाद हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त करने की केंद्र सरकार से सिफारिश की है।

प्रमुख बिंदु

  • सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में कोलेजियम ने केंद्र सरकार से की गई सिफारिश में कहा है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल के सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश नियुक्त होने से खाली हुए पद पर न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर की नियुक्ति की जाए।
  • उल्लेखनीय है कि न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर 3 अक्तूबर 2018 को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट से स्थानांतरित होकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में नियुक्त किये गए थे। यहाँ के वरिष्ठतम न्यायमूर्ति होने के नाते इन्हें मुख्य न्यायाधीश नियुक्त करने की सिफारिश की गई है।
  • न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर का जन्म 22 नवंबर 1961 को हुआ था। उन्होंने दुर्गावती विश्वविद्यालय, जबलपुर से कानून में स्नातक किया है। 1984 में वे अधिवक्ता के रूप में नामांकित हुए।
  • वे सेल, भारतीय स्टेट बैंक, छत्तीसगढ़ ग्रामीण बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, आईडीबीआई, मध्य प्रदेश राज्य वित्तीय निगम, कोटक महिंद्रा बैंक, रायपुर दुग्ध संघ, सीबीएसई और कई अन्य नगर निगमों के स्थायी वकील रहे हैं।
  • उन्हें जनवरी 2005 में छत्तीसगढ़ के उच्च न्यायालय द्वारा वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित किया गया था। वह सात साल के लिये मध्य प्रदेश स्टेट बार काउंसिल और पाँच साल के लिये स्टेट बार काउंसिल ऑफ छत्तीसगढ़ के सदस्य थे।
  • 31 मार्च 2009 को छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में वे पदोन्नत हुए। 21 नवंबर 2023 को न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर अपने पद से रिटायर हो जाएंगे।

बिहार Switch to English

बिहार में उत्कृष्ट खिलाड़ी सीधे बनेंगे ग्रेड वन ऑफिसर

चर्चा में क्यों?

9 फरवरी, 2023 को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना के पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स में नेशनल इंटर डिस्ट्रिक्ट जूनियर एथेलिटिक्स मीट का उदघाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने राज्य के उत्कृष्ट खिलाड़ियों को सीधे ग्रेड वन ऑफिसर बनाए जाने की घोषणा की।

प्रमुख बिंदु

  • मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बताया कि खिलाड़ियों को अभी तक ग्रेड 3 में नौकरी दी जा रही थी, लेकिन बिहार सरकार राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मेडल जीतने वाले राज्य के खिलाड़ियों को एसडीएम, डीएसपी या समकक्ष पद पर सीधे नौकरी देगी।
  • इससे राज्य में खेल के प्रति युवाओं का आकर्षण बढ़ेगा और राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी उभरेंगे। अभी तक सरकार खेल कोटे से राज्य के 235 खिलाड़ियों को नौकरी दे चुकी है।
  • गौरतलब है कि खिलाड़ी और प्रशिक्षक के लिये हर वर्ष खेल सम्मान कार्यक्रम होता है, जिसमें अच्छे खिलाड़ी व प्रशिक्षक सम्मानित होते हैं अभी तक 226 लोगों को सम्मानित किया जा चुका है।
  • विदित है कि नेशनल स्ट्रिक्ट जूनियर एथलेटिक्स मीट (निजम) विश्व का सबसे बड़ा खेल प्रतिभा खोज कार्यक्रम है। बिहार में इसका आयोजन पहली बार किया जा रहा है। इस खेल समागम में देश के छह सौ ज़िलों के छह हज़ार एथलीट भाग ले रहे हैं जिसमें बिहार की छह सौ प्रतिभागी शामिल हैं।

राजस्थान Switch to English

उष्ट्र संरक्षण योजना के आवेदन हेतु बनाए गए इंटीग्रेटेड वेब एप्लीकेशन का लोकार्पण

चर्चा में क्यों?

9 फरवरी, 2023 को राजस्थान के पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया ने पंत कृषि भवन जयपुर में उष्ट्र संरक्षण योजना के आवेदन हेतु बनाए गए इंटीग्रटेड वेब एप्लीकेशन का लोकार्पण किया।

प्रमुख बिंदु

  • उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ने ऊँटों की घटती संख्या को गंभीरता से लेते हुए ‘उष्ट्र संरक्षण योजना’की घोषणा पिछले बजट में की थी।
  • ‘उष्ट्र संरक्षण योजना’को राज्य पशु ऊँट के संवर्धन के लिये राज्य सरकार द्वारा लागू किया गया है, जिसके अंतर्गत ऊँट प्रजनन को प्रोत्साहित करने के लिये टोडियों के जन्म के अवसर पर 5000-5000 रुपए की प्रोत्साहन राशि दो किश्तों में पशुपालक को दी जाएगी।
  • उष्ट्र संरक्षण योजना एवं वेब एप्लीकेशन में ऊँट पालक का पंजीयन, पशु चिकित्सक द्वारा ऊँटनी व टोडिये की टेगिंग तथा ज़िला स्तरीय वित्तीय स्वीकृति का प्रावधान किया गया है।
  • ऊँट पालक 1 नवंबर या उसके पश्चात् जन्मे टोडियों का योजना के अंतर्गत 28 फरवरी, 2023 तक पंजीयन करवा सकते हैं। यह पंजीयन ऑनलाइन एप्लीकेशन के माध्यम से किया जा सकेगा।

मध्य प्रदेश Switch to English

मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड की SATTE 2023 में भागीदारी

चर्चा में क्यों?

9 फरवरी, 2023 को केंद्रीय पर्यटन और संस्कृति मंत्री जी. किशन रेड्डी ने ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपो सेंटर में दक्षिण एशिया की सबसे बड़ी यात्रा और पर्यटन प्रदर्शनी- साउथ एशिया ट्रेवल एंड टूरिज्म एक्सचेंज SATTE 2023 के 30वें संस्करण का उद्घाटन किया। इसमें मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड भागीदारी कर रहा है।

प्रमुख बिंदु

  • मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड द्वारा SATTE 2023 के माध्यम से यात्रा और पर्यटन उद्योग से जुड़े विभिन्न हितधारकों को प्रदेश के पर्यटन स्थल, स्थापत्य कला, संस्कृति और प्राकृतिक सौंदर्य से अवगत कराया जा रहा है।
  • हितधारकों को राज्य की परिवहन सुगमता, सुरक्षित वातावरण और नागरिकों के आतिथ्यभाव के बारे में भी जानकारी दी जा रही है। कार्यक्रम स्थल में मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड का स्टॉल क्रमांक ।-60 हॉल क्रमांक 9 में लगाया गया है।
  • स्टॉल पर आगंतुकों को ऑक्यूलस की सहायता से वर्चुअल रियालिटी तकनीक से साँची, अमरकंटक, नर्मदा घाट और अन्य गंतव्यों का आभासी पर्यटन कराया जा रहा है।
  • SATTE 2023 में मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड का भागीदारी करने का उद्देश्य अपने विभिन्न हितधारकों से मिलना और ‘हिंदुस्तान के दिल’मध्य प्रदेश में घरेलू और विदेशी पर्यटकों की संख्या बढ़ाने के अवसर सृजित करना है।
  • उल्लेखनीय है कि इस प्रदर्शनी का आयोजन 9 से 11 फरवरी तक किया जाएगा।

मध्य प्रदेश Switch to English

मध्य प्रदेश ने रोइंग में जीते दो स्वर्ण, दो रजत और तीन काँस्य पदक

चर्चा में क्यों?

9 फरवरी, 2023 को खेलो इंडिया यूथ गेम्स-2022 में मध्य प्रदेश के खिलाडियों ने रोइंग में दो स्वर्ण, दो रजत और तीन काँस्य सहित कुल सात पदक जीते।

प्रमुख बिंदु

  • राजधानी भोपाल के बडे़ तालाब पर रोइंग में बालिका वर्ग के सिंगल स्कल में मध्य प्रदेश की मोनिका भदौरिया ने स्वर्ण पदक जीता।
  • रोइंग की बालिका डबल स्कल में मध्य प्रदेश की संतोष यादव और जिज्ञासा रेगर की जोड़ी ने रजत पदक प्राप्त किया।
  • रोइंग के बालक वर्ग के सिंगल स्कल में मध्य प्रदेश के प्रभाकर राजावत ने रजत पदक जीता।
  • रोइंग के डबल स्कल में मध्य प्रदेश के अंकित सेधव और हरिओम ठाकुर की जोड़ी ने रजत पदक जीता।
  • रोइंग के कॉक्लेस पेयर में मध्य प्रदेश के गोपाल ठाकुर और योगेश ठाकुर की जोड़ी ने रजत पदक जीता।
  • रोइंग के कॉक्लेस फोर में मध्य प्रदेश के छोटूनाथ, बंटी सेंधव, वेदांश और धीरज वर्मा ने काँस्य पदक जीता।

झारखंड Switch to English

राज्यपाल ने तीसरी बार लौटाया झारखंड वित्त विधेयक-2022

चर्चा में क्यों?

9 फरवरी, 2022 को झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस ने झारखंड विधान सभा से पारित झारखंड वित्त विधेयक-2022 को तीसरी बार राज्य सरकार को वापस लौटा दिया है।

प्रमुख बिंदु

  • राज्यपाल ने विधेयक में कई बिंदुओं पर गंभीरतापूर्वक समीक्षा करने तथा इसे विधि विभाग से मंतव्य प्राप्त कर अनुमोदन के लिये भेजने का निर्देश दिया है।
  • राज्यपाल ने कहा है कि विधेयक में गंभीरतापूर्वक विचार करें कि यह संविधान की अनुसूची -सात के अंतर्गत राज्य सूची में समाहित है या नहीं साथ ही विधेयक में बीमा या अन्य प्रावधानों से संबंधित कोई विवरण संघ सूची अथवा समवर्ती सूची में तो सम्मिलित नहीं है? क्योंकि भारत के संविधान के अनुसूची सात के अंतर्गत संघ सूची- एक के क्रम संख्या 47 में बीमा से संबंधित विषय का वर्णन किया गया है।
  • उल्लेखनीय है कि राज्यपाल रमेश बैंस इससे पहले इस वित्त विधयेक को दो बार बिना स्वीकृति के लौटा चुके हैं। राज्यपाल ने पहली बार अप्रैल 2022 में हिन्दी और अंग्रेजी संस्करण में रूपांतरण संबंधी विभिन्न विसंगतियों के कारण इस विधेयक को वापस कर दिया गया था।
  • इसके बाद राज्य सरकार द्वारा संशोधित विधेयक को बिना झारखंड विधानसभा से पारित किये ही विभागीय स्तर से सीधे राज्यपाल के पास स्वीकृति के लिये भेज दिया गया था। उस वक्त राज्यपाल ने प्रशासनिक अधिकारियों की कार्यशैली पर भी सवाल उठाया था और कहा था कि यह विधेयक धन विधेयक है। इसे दुबारा भेजने के लिये विधानसभा से पारित कराना जरूरी होता है। लेकिन अधिकारियों ने सीधे अपने स्तर से संशोधन कर राजभवन भेज दिया था, जिसे राज्यपाल ने लौटा दिया। इसके बाद आठ दिसंबर 2022 को विधानसभा से पारित करा कर भेजने की अनुमति प्रदान की थी।
  • गौरतलब है कि झारखंड वित्त विधेयक -2022 का मूल उद्देश्य मुद्रांक शुल्क (स्टांप ड्यूटी) में वृद्धि करना है। इस वृद्दि से राज्य के राजस्व संग्रह में वृद्धि की जा सकती है।
  • विधेयक का उद्देश्य बिहार इंटरटेनमेंट ड्यूटी कोर्ट फीस एवं स्टांप (सरचार्ज संशोधन) अधिनियम 1948 की धारा पाँच अंतर्गत 110 प्रतिशत अतिरिक्त मुद्रांक शुल्क को समाप्त करना है। क्योंकि जब राज्य सरकार द्वारा भारतीय मुद्रांक अधिनियम 1899 की अनुसूची एक (क) में वर्णित मुद्रांक शुल्क में बढ़ोतरी की जा रही है, तो सरचार्ज के रूप में अतिरिक्त 110 प्रतिशत मुद्रांक शुल्क संग्रह करना आवश्यक नहीं है।

उत्तराखंड Switch to English

उत्तराखंड प्रतियोगी परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम व निवारण के उपाय) अध्यादेश 2023 का अनुमोदन

चर्चा में क्यों?

9 फरवरी, 2023 को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा प्रदेश में प्रतियोगी परीक्षाओं में पारदर्शिता एवं शुचिता को सुनिश्चित करने के लिये उत्तराखंड प्रतियोगी परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम व निवारण के उपाय) अध्यादेश 2023 का अनुमोदन किया है।

प्रमुख बिंदु

  • इस अध्यादेश के प्रमुख प्रावधान निम्नलिखित हैं-
    • इस अध्यादेश में दोषियों के विरूद्ध सख्त प्रावधान किये गए हैं। यदि कोई व्यक्ति, प्रिटिंग प्रेस, सेवा प्रदाता संस्था, प्रबंध तंत्र, कोचिंग संस्थान इत्यादि अनुचित साधनों में लिप्त पाया जाता है तो उसके लिये आजीवन कारावास तक की सजा तथा दस करोड़ रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
    • यदि कोई व्यक्ति संगठित रूप से परीक्षा कराने वाली संस्था के साथ षडयंत्र करता है तो आजीवन कारावास तक की सजा एवं 10 करोड़ रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
    • यदि कोई परीक्षार्थी प्रतियोगी परीक्षा में स्वयं नकल करते हुए या अन्य परीक्षार्थी को नकल कराते हुए अनुचित साधनों में लिप्त पाया जाता है तो उसके लिये तीन वर्ष के कारावास व न्यूनतम पाँच लाख के जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
    • यदि वह परीक्षार्थी दोबारा अन्य प्रतियोगी परीक्षा में पुन: दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ न्यूनतम दस वर्ष के कारावास तथा न्यूनतम 10 लाख जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
    • यदि कोई परीक्षार्थी नकल करते हुए पाया जाता है तो आरोप पत्र दाखिल होने की तिथि से दो से पाँच वर्ष के लिये डिबार करने तथा दोषसिद्ध ठहराए जाने की दशा में दस वर्ष के लिये समस्त प्रतियोगी परीक्षाओं से डिबार किये जाने का प्रावधान किया गया है।
    • यदि कोई परीक्षार्थी दोबारा नकल करते हुए पाया जाता है तो क्रमश: पाँच से दस वर्ष के लिये तथा आजीवन समस्त प्रतियोगी परीक्षाओं से डिबार किये जाने का प्रावधान किया गया है। अनुचित साधनों के इस्तेमाल से अर्जित संपति की कुर्की की जाएगी।
    • इस अधिनियम के अंतर्गत अपराध संज्ञेय, गैर जमानती एवं अशमनीय होगा।

राजस्थान Switch to English

राजस्थान डेल्फिक खेलों की आर्ट कैंप एवं क्राफ्ट प्रदर्शनी से हुई शुरुआत

चर्चा में क्यों?

9 फरवरी, 2023 को डेल्फिक काउंसिल ऑफ राजस्थान द्वारा जवाहर कला केंद्र में डेल्फिक गेम्स की शुरुआत आर्ट कैंप के उद्घाटन से की गई। इसके बाद क्राफ्ट प्रदर्शनी में विभिन्न हस्तकलाओं का सजीव प्रदर्शन किया गया।

प्रमुख बिंदु

  • जवाहर कला केंद्र में आयोजित डेल्फिक खेल क्षेत्रीय स्तर पर पहली बार आयोजित हो रहे हैं। यह खेल राजस्थान की कला और संस्कृति के संरक्षण और राज्य के युवाओं को अपनी कला की पहचान बनाने में अहम भूमिका निभाएंगे। इन खेलों में राज्य के 18 से 35 साल तक के युवा में भाग ले रहे हैं।
  • आर्ट कैंप में जयपुर, कानोता, लालसोट, अजमेर, बीकानेर, किशनगढ़, मेरठ से आए पेंटिंग कलाकार और राजस्थान स्कूल ऑफ आर्ट्स, भारतीय शिल्प संस्थान, राजस्थान विश्वविद्यालय के विजुअल आर्ट डिपार्टमेंट एवं ड्राइंग एंड पेंटिंग डिपार्टमेंट के इंस्टालेशन आर्टिस्टों ने भाग लिया।
  • इसमें भारतीय शिल्प संस्थान की ओर से बनाए गए 80 फीट के डेल्फिक आर्ट वॉल भी आकर्षण का केंद्र रहा। उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के सहयोग से क्राफ्ट प्रदर्शनी में लाख की चूड़ियाँ बनाना, हैंडब्लॉक प्रिंटिंग, कपड़े बुनाई, चरखा चलाना और राजस्थान खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड की ओर से खादी की स्टॉल्स लगाई गईं।
  • उल्लेखनीय है कि डेल्फिक खेलों का आयोजन 9 से 12 फरवरी तक जवाहर कला केंद्र जयपुर में हो रहा है।
  • इसमें शास्त्रीय संगीत, भारतीय फिल्म संगीत, लोकप्रिय संगीत (भारतीय फिल्म संगीत के अलावा) शास्त्रीय नृत्य, लोक नृत्य, समकालीन नृत्य, फोटोग्राफी (2 श्रेणियाँ) समेत कुल छह वर्गों में आयोजित होंगे एवं प्रत्येक वर्ग के लिये नगद पुरस्कार प्रदान किया जाएगा।
  • गौरतलब है कि राजस्थान पहला राज्य है जो क्षेत्रीय स्तर पर डेल्फिक खेलों का आयोजन कर रहा है। डेल्फिक खेलों का पहला चरण ऑनलाइन था, जिसमें प्रतिभागियों द्वारा 8 जनवरी, 2023 तक आवेदन किया गया। इनमें से चयनित प्रतिभागी जवाहर कला केंद्र में आयोजित होने वाले द्वितीय चरण में सम्मिलित हो रहे हैं।

झारखंड Switch to English

झारखंड से आठ लड़कियों का सिंगल गर्ल चाइल्ड फेलोशिप 2022-23 में हुआ चयन

चर्चा में क्यों?

सावित्रीबाई ज्योतिराव फुले सिंगल गर्ल चाइल्ड फेलोशिप -2022-23 के लिये झारखंड से आठ लड़कियों का चयन किया गया है।

प्रमुख बिंदु

  • विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा जारी सूची के अनुसार, झारखंड की आर्य राज, अंशुका सत्पथी, अर्पणा गांगुली, कुमारी प्रियंका, नेहा चक्रवर्ती, प्रांजल शाह, शिप्रा हर्ष व उषाही आइन शामिल हैं।
  • उल्लेखनीय है कि देश भर से कुल 1129 लड़कियों का चयन किया गया है। इस योजना के तहत जो लड़कियाँ घर में एकल हैं, उनकी शिक्षा को बढ़ावा देना और रिसर्च कार्य के लिये प्रोत्साहित करना है।
  • यहाँ एकल का तात्पर्य परिवार की वैसी लड़की, जिसका कोई भाई या बहन नहीं है। जुड़वाँ बेटी/भाई बहनों में से एक है। यदि किसी परिवार में एक या एक से अधिक पुत्र और एक पुत्री है, तो वह पात्र नहीं होगी।
  • फेलोशिप पाँच वर्ष के लिये दी जाएगी। जूनियर रिसर्च फेलोशिप के तहत 31 हज़ार रुपए प्रतिमाह दिये जाएंगे। सीनियर रिसर्च फेलो को 35 हज़ार रुपए प्रतिमाह मिलेंगे।
  • इसी प्रकार दिव्यांग को 35 हज़ार रुपए प्रतिमाह मिलेंगे। लाभार्थियों को छात्रावास की सुविधा भी मिलेगी।
  • इस योजना के तहत मानविकी और सामाजिक विज्ञान की छात्राओं को अन्य खर्च के लिये हर साल 10-10 हज़ार रुपए दो वर्ष के लिये तथा 25 हज़ार रुपए शेष कार्यकाल के लिये दिये जाएंगे।
  • वहीं, विज्ञान/इंजीनियरिंग/टेक्नोलॉजी की छात्राओं को हर साल 12-12 हज़ार रुपए दो वर्ष के लिये दिये जाएंगे तथा 25 हज़ार रुपए शेष कार्यकाल के लिये दिये जायेंगे। दिव्यांग छात्रा को पाठक सहायता के लिये प्रति माह तीन हज़ार रुपए दिये जाएंगे।

 Switch to English
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2