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हरियाणा स्टेट पी.सी.एस.

  • 06 Oct 2022
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चैंपियन ऑफ चेंज हरियाणा-2021 पुरस्कार

चर्चा में क्यों?

5 अक्टूबर, 2022 को हरियाणा जनसंपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार चंडीगढ़ में आयोजित ‘चैंपियन ऑफ चेंज हरियाणा-2021’ कार्यक्रम में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को ‘चैंपियन ऑफ चेंज हरियाणा-2021 पुरस्कार’प्रदान किया गया है।

प्रमुख बिंदु

  • सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश और मानवाधिकार आयोग के पूर्व अध्यक्ष न्यायमूर्ति के.जी. बालाकृष्णन की अध्यक्षता वाली चयन समिति की अनुशंसा पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को यह पुरस्कार प्रदान किया गया है। मनोहर लाल हरियाणा के ऐसे पहले मुख्यमंत्री हैं, जिन्हें यह गौरव मिला है।
  • मुख्यमंत्री मनोहर लाल को पिछले आठ वर्षों में सुशासन के माध्यम से हरियाणा की कार्यप्रणाली व प्रशासनिक दक्षता की तस्वीर बदलने के लिये किये गए प्रयासों पर ही चैंपियन ऑफ चेंज हरियाणा-2021 के पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
  • विश्व में बड़े बदलाव प्रेरक के रूप में विख्यात राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी व दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति स्वर्गीय नेल्सन मंडेला के नाम पर गठित  गाँधी-मंडेला फाउंडेशन व बदलाव के लिये राष्ट्रीय व राज्य स्तर पर पुरस्कार देने वाली संस्था इंटरएक्टिव फोरम ऑन इंडियन इकोनॉमी द्वारा मुख्यमंत्री मनोहर लाल को सम्मानित किया गया।
  • ज्ञातव्य है कि इंटरएक्टिव फोरम ऑन इंडियन इकोनॉमी नामक संस्था अगले वर्ष तक अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अमेरिका के वाशिंगटन डीसी में ‘ग्लोबल चैंपियन ऑफ चेंज’ कार्यक्रम का भी आयोजन करने जा रही है।
  • उल्लेखनीय है कि संस्था का यह 5वाँ संस्करण था, जिसमें मुख्यमंत्री सहित विभिन्न क्षेत्रों में बदलाव के प्रेरक बने 25 अन्य  विभूतियों को  चैंपियन ऑफ चेंज हरियाणा-2021 पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
  • पहला संस्करण 26  दिसंबर, 2018 को विज्ञान भवन, नई दिल्ली में आयोजित किया गया था जिसमें तत्कालीन उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू द्वारा यह पुरस्कार मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह को दिया गया था।  इसी प्रकार दूसरे संस्करण में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया तथा केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर को; तीसरे संस्करण में गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सांवत, केंद्रीय राज्य मंत्री श्रीपद नाइक तथा तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन को जबकि चौथे संस्करण में 30 सितंबर, 2021 को महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस व गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटिल को सम्मानित किया गया था। 
  • चयन समिति अपनी प्रक्रिया के तहत 6  महीने की अवधि में लोगों से फीडबैक के आधार पर पुरस्कार के लिये आवेदन आमंत्रित करती है और फिर चयन समिति के सदस्य आवेदनों का आकलन करते हैं और संस्थानों को चयनित नाम भेजते हैं।
  • गाँधी-मंडेला अवार्ड के लिये चयन समिति के सदस्यों में सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश तथा मानवाधिकार आयोग के पूर्व अध्यक्ष न्यायमूर्ति डॉ. के.जी. बालाकृष्णन,  सर्वोच्च न्यायालय  के पूर्व मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, नेपाल के पूर्व मुख्य  न्यायाधीश न्यायमूर्ति केदारनाथ उपाध्याय, बांग्लादेश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति मोहम्मद तफज्जुल इस्लाम तथा भारत के सर्वोच्च न्यायालय की पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति ज्ञान सुधा मिश्रा शामिल हैं।

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गुरुग्राम में पहली बार राष्ट्रीय स्तर के सरस मेले का आयोजन

चर्चा में क्यों?

4 अक्टूबर, 2022 को हरियाणा के एक सरकारी प्रवत्ता ने बताया कि राज्य के गुरुग्राम ज़िले में पहली बार राष्ट्रीय स्तर के सरस मेले का आयोजन 7 से 23 अक्टूबर, 2022 तक सैक्टर-29 स्थित लेजरवैली ग्राउंड में किया जाएगा।

प्रमुख बिंदु

  • यहाँ पर देश के 27 राज्यों की कला व संस्कृति के उत्पादों की 250 से अधिक स्टॉल लगाई जाएंगी। खाने-पीने के शौकीन लोगों के लिये अलग-2 राज्यों के 30 लाइव फूड स्टॉल अलग से लगाएँ जाएंगे। एक प्रकार से इस मेले में आने वाले लोगों को मिनी भारत के दर्शन होंगे, जहाँ पर अलग-2 राज्यों के लोकप्रिय उत्पादों के अलावा स्वादिष्ट व्यंजन मिलेंगे और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से वहाँ की संस्कृति को जानने व समझने का पूरा अवसर मिलेगा।
  • सरकारी प्रवत्ता ने बताया कि इस मेले में स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं के लिये रोजाना अलग-2 विषयों पर कार्यशाला भी आयोजित की जाएंगी ताकि वे अपने उत्पादों की बिक्री करने व मार्किटिंग आदि के स्किल विकसित करके ज्यादा मुनाफा कमा सकें।
  • उल्लेखनीय है कि स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं द्वारा तैयार उत्पादों की बेहतर व प्रभावी मार्किंटिंग के लिये ग्रामीण विकास मंत्रालय अपना ई-कॉमर्स प्लैटफार्म जल्द ही शुरू करने जा रहा है। अभी तक ये उत्पाद ई-कॉमर्स कंपनियों जैसे अमेजन, फ्लिपकार्ट तथा अन्य ऑनलाइन साइटों के माध्यम से लोगों तक पहुँचाए जा रहे थे।           

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