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स्टेट पी.सी.एस.

  • 06 Oct 2022
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उत्तर प्रदेश Switch to English

ग्रेटर नोएडा में होगा अंतर्राष्ट्रीय अभिधम्म दिवस कार्यक्रम का आयोजन

चर्चा में क्यों?

5 अक्टूबर, 2022 को उत्तर प्रदेश के संस्कृति मंत्रालय ने राज्य के ग्रेटर नॉएडा के गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय (जीबीयू) में नौ अक्टूबर को आयोजित होने वाले अंतर्राष्ट्रीय अभिधम्म दिवस कार्यक्रम होने की जानकारी दी।

प्रमुख बिंदु

  • जानकारी के अनुसार राज्य सरकार के संस्कृति मंत्रालय के द्वारा अंतर्राष्ट्रीय अभिधम्म दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा।
  • बुद्ध धर्म के अनुयायी करीब 20 देशों के प्रतिनिधि और राजदूत के कार्यक्रम में शामिल होने की संभावना है तथा गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय (जीबीयू) के कुलाधिपति व राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी इस कार्यक्रम में शामिल होंगे।
  • अंतर्राष्ट्रीय अभिधम्म दिवस के मौके पर वियतनाम, लाओस, कंबोडिया, थाईलैंड, चीन, दक्षिण कोरिया, भूटान, ताइवान, रोमानिया, कोरिया, अफगानिस्तान, नेपाल, मंगोलिया, म्यांमार, श्रीलंका और अमेरिका के प्रतिनिधि शामिल हो सकते हैं। इन्हीं देशों के सर्वाधिक छात्र गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय में पढ़ाई करने के लिये आते हैं।
  • उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ ने 2017 में पहली विदेश यात्रा बुद्ध धर्म के अनुयायी म्यांमार (बर्मा) की ही की थी।
  • गौरतलब है कि भगवान बुद्ध के नाम पर देश का इकलौता विश्वविद्यालय गौतम बुद्ध नगर ज़िले में है। राज्य के साथ देश के विभिन्न विश्वविद्यालय में बुद्ध स्टडीज की पढ़ाई होती है, लेकिन विदेशी छात्रों का सर्वाधिक रुझान गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय को लेकर है। वर्तमान में 15 देशों के छात्र बौद्ध स्टडीज के लिये प्रतिवर्ष गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय का रुख करते हैं।
  • एनसीआर में भी गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय बुद्धिस्ट का केंद्र है। बुद्ध स्टडीज का केंद्र पूर्व में दिल्ली में था, लेकिन गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय में संचालित विभिन्न कोर्स, बुद्ध संकाय के साथ बौद्ध स्टडीज में बीए, एमए, पीएचडी, बौद्ध पर्यटन, पालि भाषा व साहित्य में डिप्लोमा सर्टिफिकेट कोर्स के कारण छात्रों में इसके प्रति रुझान अधिक है।
  • ज्ञातव्य है कि अभिधम्म दिवस असल में बौद्ध भिक्षुओं के लिये तीन महीने की वर्षा वापसी (वर्षावास या वासा की समाप्ति का प्रतीक) है, जिसके दौरान वे एक स्थान पर रहते हैं और प्रार्थना करते हैं। अभिधम्म दिवस ज्यादातर उन देशों में मनाया जाता है, जहाँ की अधिकांश आबादी बौद्ध धर्म की अनुयायियों की हैं। मान्यता के अनुसार, इसी दिन भगवान बुद्ध स्वर्ग से पृथ्वी पर वापस आए थे।

हरियाणा Switch to English

चैंपियन ऑफ चेंज हरियाणा-2021 पुरस्कार

चर्चा में क्यों?

5 अक्टूबर, 2022 को हरियाणा जनसंपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार चंडीगढ़ में आयोजित ‘चैंपियन ऑफ चेंज हरियाणा-2021’ कार्यक्रम में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को ‘चैंपियन ऑफ चेंज हरियाणा-2021 पुरस्कार’प्रदान किया गया है।

प्रमुख बिंदु

  • सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश और मानवाधिकार आयोग के पूर्व अध्यक्ष न्यायमूर्ति के.जी. बालाकृष्णन की अध्यक्षता वाली चयन समिति की अनुशंसा पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को यह पुरस्कार प्रदान किया गया है। मनोहर लाल हरियाणा के ऐसे पहले मुख्यमंत्री हैं, जिन्हें यह गौरव मिला है।
  • मुख्यमंत्री मनोहर लाल को पिछले आठ वर्षों में सुशासन के माध्यम से हरियाणा की कार्यप्रणाली व प्रशासनिक दक्षता की तस्वीर बदलने के लिये किये गए प्रयासों पर ही चैंपियन ऑफ चेंज हरियाणा-2021 के पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
  • विश्व में बड़े बदलाव प्रेरक के रूप में विख्यात राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी व दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति स्वर्गीय नेल्सन मंडेला के नाम पर गठित  गाँधी-मंडेला फाउंडेशन व बदलाव के लिये राष्ट्रीय व राज्य स्तर पर पुरस्कार देने वाली संस्था इंटरएक्टिव फोरम ऑन इंडियन इकोनॉमी द्वारा मुख्यमंत्री मनोहर लाल को सम्मानित किया गया।
  • ज्ञातव्य है कि इंटरएक्टिव फोरम ऑन इंडियन इकोनॉमी नामक संस्था अगले वर्ष तक अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अमेरिका के वाशिंगटन डीसी में ‘ग्लोबल चैंपियन ऑफ चेंज’ कार्यक्रम का भी आयोजन करने जा रही है।
  • उल्लेखनीय है कि संस्था का यह 5वाँ संस्करण था, जिसमें मुख्यमंत्री सहित विभिन्न क्षेत्रों में बदलाव के प्रेरक बने 25 अन्य  विभूतियों को  चैंपियन ऑफ चेंज हरियाणा-2021 पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
  • पहला संस्करण 26  दिसंबर, 2018 को विज्ञान भवन, नई दिल्ली में आयोजित किया गया था जिसमें तत्कालीन उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू द्वारा यह पुरस्कार मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह को दिया गया था।  इसी प्रकार दूसरे संस्करण में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया तथा केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर को; तीसरे संस्करण में गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सांवत, केंद्रीय राज्य मंत्री श्रीपद नाइक तथा तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन को जबकि चौथे संस्करण में 30 सितंबर, 2021 को महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस व गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटिल को सम्मानित किया गया था। 
  • चयन समिति अपनी प्रक्रिया के तहत 6  महीने की अवधि में लोगों से फीडबैक के आधार पर पुरस्कार के लिये आवेदन आमंत्रित करती है और फिर चयन समिति के सदस्य आवेदनों का आकलन करते हैं और संस्थानों को चयनित नाम भेजते हैं।
  • गाँधी-मंडेला अवार्ड के लिये चयन समिति के सदस्यों में सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश तथा मानवाधिकार आयोग के पूर्व अध्यक्ष न्यायमूर्ति डॉ. के.जी. बालाकृष्णन,  सर्वोच्च न्यायालय  के पूर्व मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, नेपाल के पूर्व मुख्य  न्यायाधीश न्यायमूर्ति केदारनाथ उपाध्याय, बांग्लादेश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति मोहम्मद तफज्जुल इस्लाम तथा भारत के सर्वोच्च न्यायालय की पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति ज्ञान सुधा मिश्रा शामिल हैं।

हरियाणा Switch to English

गुरुग्राम में पहली बार राष्ट्रीय स्तर के सरस मेले का आयोजन

चर्चा में क्यों?

4 अक्टूबर, 2022 को हरियाणा के एक सरकारी प्रवत्ता ने बताया कि राज्य के गुरुग्राम ज़िले में पहली बार राष्ट्रीय स्तर के सरस मेले का आयोजन 7 से 23 अक्टूबर, 2022 तक सैक्टर-29 स्थित लेजरवैली ग्राउंड में किया जाएगा।

प्रमुख बिंदु

  • यहाँ पर देश के 27 राज्यों की कला व संस्कृति के उत्पादों की 250 से अधिक स्टॉल लगाई जाएंगी। खाने-पीने के शौकीन लोगों के लिये अलग-2 राज्यों के 30 लाइव फूड स्टॉल अलग से लगाएँ जाएंगे। एक प्रकार से इस मेले में आने वाले लोगों को मिनी भारत के दर्शन होंगे, जहाँ पर अलग-2 राज्यों के लोकप्रिय उत्पादों के अलावा स्वादिष्ट व्यंजन मिलेंगे और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से वहाँ की संस्कृति को जानने व समझने का पूरा अवसर मिलेगा।
  • सरकारी प्रवत्ता ने बताया कि इस मेले में स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं के लिये रोजाना अलग-2 विषयों पर कार्यशाला भी आयोजित की जाएंगी ताकि वे अपने उत्पादों की बिक्री करने व मार्किटिंग आदि के स्किल विकसित करके ज्यादा मुनाफा कमा सकें।
  • उल्लेखनीय है कि स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं द्वारा तैयार उत्पादों की बेहतर व प्रभावी मार्किंटिंग के लिये ग्रामीण विकास मंत्रालय अपना ई-कॉमर्स प्लैटफार्म जल्द ही शुरू करने जा रहा है। अभी तक ये उत्पाद ई-कॉमर्स कंपनियों जैसे अमेजन, फ्लिपकार्ट तथा अन्य ऑनलाइन साइटों के माध्यम से लोगों तक पहुँचाए जा रहे थे।           

छत्तीसगढ़ Switch to English

राज्य अलंकरण श्रेणी में दिये जाएंगे तीन नए पुरस्कार

चर्चा में क्यों?

5 अक्टूबर, 2022 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ में लोक कला साधकों के सम्मान को लेकर बड़ा निर्णय लेते हुए छत्तीसगढ़ में राज्य स्थापना पर दिये जाने वाले राज्य अलंकरण श्रेणी में तीन नए पुरस्कार देने की घोषणा की। यह पुरस्कार लोक कलाकार स्व. लक्ष्मण मस्तुरिया और स्व. खुमान साव तथा भगवान राम की माता कौशल्या को समर्पित होंगे।

प्रमुख बिंदु  

  • इस संबंध में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ अपनी प्राचीन और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत एवं जीवंत संस्कृति के लिये प्रसिद्ध है। यहाँ के लयबद्ध संगीत, लोकगीत एवं लोक नाट्य अद्भुत आनंद की अनुभूति कराते हैं। 
  • प्रदेश की लोकगीत व लोक संगीत की महान विरासत के संरक्षण एवं संवर्द्धन और इस क्षेत्र में काम कर रहे नए कलाकारों को प्रेरित करने के लिये राज्य सरकार द्वारा राज्य अलंकरण के रूप में अन्य पुरस्कारों के साथ तीन नए पुरस्कार भी दिये जाएंगे।
  • इसमें लोकगीत के क्षेत्र में ‘लक्ष्मण मस्तुरिया पुरस्कार’दिया जाएगा। वहीं लोक संगीत के क्षेत्र में योगदान देने वाले कला साधकों को ‘खुमान साव पुरस्कार’से सम्मानित किया जाएगा। इसी तरह माता कौशल्या के मायके और भगवान राम के ननिहाल छत्तीसगढ़ में श्रेष्ठ रामायण (मानस) मंडली को ‘माता कौशल्या सम्मान’से अलंकृत किया जाएगा।
  • राज्य अलंकरण की भाँति ही इन श्रेणियों के पुरस्कार भी राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित होने वाले राज्योत्सव कार्यक्रम के दौरान प्रदान किये जाएंगे।
  • मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की संस्कृति के ध्वज वाहकों के प्रति कृतज्ञता व्यत्त करने और उनके नाम पर पुरस्कार संस्थित किये जाने से उन महान कलाकारों के योगदान की जानकारी भी भावी पीढ़ी को होगी। इसके अलावा लोकगीत व लोक संगीत के प्रति रुचि भी बढ़ेगी।

छत्तीसगढ़ Switch to English

छत्तीसगढ़ में सबसे कम बेरोज़गारी

चर्चा में क्यों?

4 अक्टूबर, 2022 को छत्तीसगढ़ जनसंपर्क विभाग द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ राज्य में सितंबर में बेरोज़गारी दर अब तक अपने न्यूनतम स्तर 1 प्रतिशत है। देश में सबसे कम बेरोजगारी दर के मामले में छत्तीसगढ़ शीर्ष पर है। 

प्रमुख बिंदु 

  • जनसंपर्क विभाग ने बताया कि सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) द्वारा जारी ताजा आँकड़ों के अनुसार राज्य के 90 फीसद लोग किसी न किसी रोज़गार से जुड़कर आजीविका हासिल कर रहे हैं।
  • सीएमआईई द्वारा जारी ताजा आँकड़ों के अनुसार सितंबर माह में छत्तीसगढ़ में बेरोज़गारी दर 1 फीसदी दर्ज की गई है, जबकि सितंबर माह में देश में बेरोजगारी दर का यह आँकड़ा 6.43 फीसदी रहा है। देश के शहरी क्षेत्रों में 7.70 फीसदी और ग्रामीण क्षेत्रों में सितंबर माह में बेरोज़गारी का आँकड़ा 5.84 फीसद रहा।
  • सीएमआईई द्वारा 1 अक्टूबर, 2022 को बेरोज़गारी दर के संबंध में जारी रिपोर्ट के मुताबिक सितंबर 2022 में सबसे कम बेरोज़गारी दर वाले राज्यों में 1 फीसदी के साथ छत्तीसगढ़ शीर्ष पर है। वहीं इसी अवधि में 0.4 फीसदी के साथ असम दूसरे स्थान पर तथा उत्तराखंड 0.5 फीसदी बेरोज़गारी दर के साथ तीसरे स्थान पर है। मध्य प्रदेश में यह आँकड़ा 0.9 प्रतिशत और गुजरात में यह आँकड़ा 1.6 प्रतिशत रहा है।
  • दूसरी ओर सितंबर 2022 में सर्वाधिक बेरोज़गारी दर के मामले में राजस्थान शीर्ष पर है, जहाँ 8 फीसदी बेरोज़गारी दर दर्ज की गई है। जम्मू एवं कश्मीर में 23.2 फीसदी, हरियाणा में 22.9 फीसदी, त्रिपुरा में 17.0 फीसदी और झारखंड में 12.2 फीसदी बेरोज़गारी दर दर्ज की गई है।
  • न्यूनतम बेरोज़गारी दर के मामले में छत्तीसगढ़ राज्य को मिली इस उपलब्धि के पीछे वजह मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में रोज़गार के नए अवसरों के सृजन के लिये बनाई गई योजना और नीतियां रही हैं। छत्तीसगढ़ में बीते पौने चार साल के भीतर अनेक ऐसे नवाचार हुए हैं, जिनसे शहर से लेकर गाँव तक हर हाथ को काम मिला है।
  • छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार ने समावेशी विकास के लक्ष्य के साथ काम करना शुरू किया। महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज्य की परिकल्पना के साथ गाँवों की आर्थिक सुदृढ़ीकरण की दिशा में नवाचार किये गए। इसमें ‘सुराजी गाँव योजना’ के अंतर्गत ‘नरवा-गरूवा-घुरवा-बाड़ी’ कार्यक्रम ने महती भूमिका निभाई तो दूसरी ओर ‘गोधन न्याय योजना’ के साथ गौठानों को रुरल इंडस्ट्रियल पार्क के तौर पर विकसित किया गया, जिससे गोबर बेचने से लेकर गोबर के उत्पाद बनाकर ग्रामीणों को रोजगार मिला। रोज़गार के नए अवसर सृजित हुए।
  • 7 से बढ़ाकर 65 प्रकार के लघु वनोपजों की समर्थन मूल्य पर खरीदी और इन लघु वनोपजों के प्रसंस्करण व मूल्य संवर्धन किया गया। इससे वनांचल में भी लोगों को रोज़गार मिला।
  • ‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना’ से किसानों की आर्थिक समृद्धि की दिशा में प्रयास हुए तो वहीं इस योजना के बाद उत्साहित किसानों की दिलचस्पी कृषि की ओर बढ़ी। राज्य में खेती का रकबा और उत्पादन बढ़ा।
  • ‘राजीव गांधी ग्रामीण कृषि भूमिहीन मजदूर योजना’ के तहत ‘पौनी-पसारी’ व्यवस्था से जुड़े लोगों को आर्थिक सहायता मिली। राज्य में नई उद्योग नीति लागू की गई, जिसमें अनेक वर्गों और विभिन्न क्षेत्रों में सब्सिडी के प्रावधान किए गए। इससे उद्यमिता विकास को गति मिली।

उत्तराखंड Switch to English

सूचना मंत्रालय ने निवृत्ति यादव को किया सम्मानित

चर्चा में क्यों?

5 अक्टूबर, 2022 को उत्तराखंड के निवृत्ति यादव को देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत के पैतृक गाँव सैंण को गोद लेने व समाज के बेहतर कार्य करने के लिये केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने सम्मानित किया।

प्रमुख बिंदु

  • वर्तमान में निवृत्ति यादव डॉ. हरिवंशराय बच्चन प्रतिष्ठान के संस्थापक भी हैं। यह संस्था गाँव के बच्चों को बेहतर शिक्षा मुहैया करवाने के साथ ही ग्रामीणों को स्वरोज़गार से जोड़ने का कार्य कर रही है। इसके लिये सैंण गाँव में महिलाओं के लिये सिलाई सेंटर व अन्य कई प्रशिक्षण संस्थान खोले गए हैं।
  • संस्था के इन्हीं कार्यों को देखते हुए निवृत्ति यादव को केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने सम्मानित किया। उन्हें यह सम्मान रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस व गढ़वाल के सांसद तीरथ सिंह रावत की ओर से दिया गया है।
  • वहीं, केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रविंद्र भाकर द्वारा निवृत्ति यादव को मुंबई क्षेत्र के सलाहकार पैनल के सदस्य के रूप में भी जिम्मेदारी दी गई। निवृत्ति यादव प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की महत्त्वाकांक्षी आदर्श ग्राम परियोजना-2014 से भी जुड़े हुए हैं।

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