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मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार
चर्चा में क्यों?
केंद्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल ने ओलंपियन सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी को वर्ष 2023 के लिये मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया।
मुख्य बिंदु
- मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार के बारे में:
- इसे भारत का सर्वोच्च खेल सम्मान माना जाता है।
- किसी खिलाड़ी द्वारा पिछले चार वर्षों की अवधि में खेल के क्षेत्र में किये गए शानदार और सर्वाधिक उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिये दिया जाता है।
- इसमें विजेताओं को एक पदक, प्रमाण-पत्र और 25 लाख रुपए पुरस्कार के रूप में प्रदान की जाती है।
- इस पुरस्कार की स्थापना वर्ष 1991-92 में हुई थी; इसे पहले राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार कहा जाता था, जिसका नाम वर्ष 2021 में बदलकर मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार दिया गया।
- यह पुरस्कार भारत सरकार के युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय द्वारा प्रदान किया जाता है।
मेजर ध्यानचंद
- मेजर ध्यानचंद का जन्म 29 अगस्त 1905 को प्रयागराज में हुआ था।
- वे एक फील्ड हॉकी खिलाड़ी थे जिन्होंने वर्ष 1926 से 1949 तक अंतर्राष्ट्रीय हॉकी खेली।
- वह तीन बार के ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता थे, जिन्होंने वर्ष 1928, 1932 और 1936 के ओलंपिक संस्करणों में स्वर्ण पदक जीते थे।
- खेल में उनके असाधारण कौशल के चलते उन्हें 'हॉकी के जादूगर' की उपाधि दी गई।
- ध्यानचंद ने अपने भाई रूप सिंह के साथ मिलकर भारत के 35 गोलों की संख्या में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया, जिसके चलते उन्हें 'हॉकी ट्विन्स' के नाम से भी जाना गया।
- वर्ष 1934 में ध्यानचंद को भारतीय टीम की कप्तानी से सम्मानित किया गया।
- मेजर ध्यानचंद वर्ष 1956 में सेना में मेजर पद से सेवानिवृत्त हुए और उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया गया।
- हर साल 29 अगस्त को मेजर ध्यानचंद की जयंती पर उनके योगदान को सम्मान देने और खेल संस्कृति को बढ़ावा देने के लिये राष्ट्रीय खेल दिवस मनाया जाता है।


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ट्रांसजेंडरों के लिये वृद्धाश्रम
चर्चा में क्यों?
उत्तर प्रदेश सरकार ने 60 वर्ष से अधिक आयु के ट्रांसजेंडर नागरिकों को वृद्धाश्रम की सुविधाएँ प्रदान करने का निर्णय लिया है।
मुख्य बिंदु
- ट्रांसजेंडरों के लिये विशेष सुविधाएँ:
- इस पहल के तहत उन्हें पेंशन, आयुष्मान भारत कार्ड, नियमित स्वास्थ्य जाँच, पौष्टिक भोजन, दवाइयाँ, चिकित्सकीय देखरेख और मानसिक स्वास्थ्य परामर्श जैसी आवश्यक सेवाएँ दी जाएंगी।
- सरकार की इस पहल का उद्देश्य ट्रांसजेंडर समुदाय के सामाजिक, आर्थिक और मानसिक सशक्तीकरण को सुनिश्चित करना है।
- वृद्ध ट्रांसजेंडर नागरिकों के लिये वृद्धाश्रमों में विशेष व्यवस्था की गई है, जिनमें सामुदायिक गतिविधियाँ, पुस्तकालय, योग और ध्यान सत्र भी सम्मिलित हैं।
- ट्रांसजेंडर कल्याण नीति
- वर्ष 2021 में उत्तर प्रदेश में ट्रांसजेंडर कल्याण नीति लागू की गई थी, जिसके तहत ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड का गठन किया गया।
- गरिमा गृह
- इसके अंतर्गत गोरखपुर में एक गरिमा गृह की स्थापना की गई है, जहाँ ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को आवास, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएँ और कौशल विकास प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जा रहा है।
- ट्रांसजेंडर सुरक्षा सेल:
- राज्य और ज़िला दोनों स्तर पर ट्रांसजेंडर सुरक्षा सेल की स्थापना की गई है।
- इन सेल्स के माध्यम से पुलिस संरक्षण, कानूनी सहायता, उत्पीड़न के मामलों में कार्रवाई और सामाजिक पुनर्वास जैसी सेवाएँ प्रदान की जाती हैं।
ट्रांसजेंडर
- ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) बिल, 2019 के अनुसार, ट्रांसजेंडर का अर्थ ऐसे व्यक्ति से है जिसका लिंग उस व्यक्ति के जन्म के समय दिये गए लिंग से मेल नहीं खाता है।
- इसमें ट्रांस-मेन (परा-पुरुष) और ट्रांस-वूमेन (परा-स्त्री), इंटरसेक्स भिन्नताओं एवं जेंडर क्वीर (Queer) आते हैं।
- भारत की 2011 की जनगणना अपने इतिहास में देश की 'किन्नर/ट्रांस' आबादी को शामिल करने वाली पहली जनगणना थी। रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि 4.8 मिलियन भारतीयों की पहचान ट्रांसजेंडर के रूप में की गई है।
- सबसे अधिक ट्रांसजेंडर आबादी वाले शीर्ष 3 राज्य उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र हैं।
आयुष्मान भारत योजना
- परिचय:
- इसके अतिरिक्त पहले से मौजूद बीमारियों को भी पहले दिन से ही कवर किया जाता है।
- आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (Ayushman Bharat Pradhan Mantri Jan Arogya Yojana- AB PM-JAY) विश्व की सबसे बड़ी सार्वजनिक रूप से वित्त पोषित स्वास्थ्य आश्वासन योजना है, जो माध्यमिक और तृतीयक देखभाल के लिये प्रतिवर्ष प्रति परिवार 5 लाख रुपए तक की बीमा राशि प्रदान करती है।
- AB PM-JAY के अंतर्गत परिवार के आकार, आयु या लिंग की कोई सीमा नहीं है, जिससे सभी लाभार्थियों के लिये समावेशिता सुनिश्चित होती है।
- PM-JAY 27 विशेषताओं में 1,949 चिकित्सा प्रक्रियाओं को कवर करता है जिसमें निःशुल्क दवाएँ, निदान, भोजन, आवास और अस्पताल से छुट्टी के बाद 15 दिनों की दवा शामिल है।
- पात्रता एवं लाभार्थी पहचान:
- इसमें शामिल परिवार क्रमशः ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के लिये सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना 2011 (Socio-Economic Caste Census- SECC 2011) के अभाव और व्यावसायिक मानदंडों पर आधारित हैं।

