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उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक
चर्चा में क्यों?
उत्तर प्रदेश के तीन क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों आर्यावर्त बैंक, प्रथमा बैंक और बड़ौदा यूपी बैंक का विलय कर दिया गया है। जिसे 'उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक' के नाम से जाना जाएगा।
मुख्य बिंदु
- उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक के बारे में:
- इस बैंक का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में वित्तीय समावेशन, एकीकृत प्रबंधन और बेहतर ग्राहक सेवाएँ सुनिश्चित करना है।
- यह नया बैंक भारत सरकार के वित्त मंत्रालय की अधिसूचना के तहत 1 मई 2025 से अस्तित्व में आया।
- इस नवगठित बैंक का कार्यक्षेत्र उत्तर प्रदेश के 26 ज़िलों तक फैला होगा, जिसमें कुल 22 क्षेत्रीय कार्यालयों के माध्यम से संचालन किया जाएगा।
- इस नवगठित बैंक का मुख्यालय लखनऊ में स्थापित किया जाएगा और इसका संचालन बैंक ऑफ बड़ौदा के प्रायोजन में किया जाएगा।
- लाभ
- ऋण वितरण में सुगमता: किसानों, स्वरोज़गार से जुड़े ग्रामीण उद्यमियों को शीघ्र ऋण स्वीकृति।
- डिजिटल सेवाओं का विस्तार: मोबाइल बैंकिंग, UPI, नेट बैंकिंग जैसी सुविधाएँ दूरस्थ गाँवों तक पहुँचेंगी।
- सुविधाओं की निगरानी: नाबार्ड द्वारा एक विशेष समिति गठित की गई है, जो ग्राहकों की सुविधा का आकलन करेगी।
राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (NABARD)
- नाबार्ड एक विकास बैंक है जो प्राथमिक तौर पर देश के ग्रामीण क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करता है। यह कृषि एवं ग्रामीण विकास हेतु वित्त प्रदान करने के लिये शीर्ष बैंकिंग संस्थान है।
- इसका मुख्यालय देश की वित्तीय राजधानी मुंबई में अवस्थित है।
- कृषि के अतिरिक्त यह छोटे उद्योगों, कुटीर उद्योगों एवं ग्रामीण परियोजनाओं के विकास के लिये उत्तरदायी है।
- यह एक सांविधिक निकाय है जिसकी स्थापना वर्ष 1982 में राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक अधिनियम, 1981 के तहत की गई थी।


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ट्रांसजेंडर समुदाय के लिये विशेष राशन कार्ड
चर्चा में क्यों?
उत्तर प्रदेश सरकार ने ट्रांसजेंडर नागरिकों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत राशन कार्ड जारी करने के लिये एक विशेष अभियान शुरू करने की घोषणा की है।
मुख्य बिंदु
- ट्रांसजेंडर समुदाय की स्थिति:
- यह कदम उत्तर प्रदेश ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड की रिपोर्ट के बाद उठाया गया है, जिसमें समुदाय की उपेक्षा और सरकारी सुविधाओं से वंचित रहने की स्थिति उजागर की गई थी।
- रिपोर्ट के माध्यम से शासन को अवगत कराया गया कि बड़ी संख्या में ट्रांसजेंडर व्यक्ति स्थायी रोज़गार और सरकारी योजनाओं से वंचित हैं।
- सामाजिक भेदभाव के कारण वे खाद्य सुरक्षा, पेंशन, स्वास्थ्य सेवाओं जैसी बुनियादी सुविधाओं से भी वंचित हैं।
- मुख्यमंत्री का हस्तक्षेप:
- उत्तर पदेश के मुख्यमंत्री ने इस रिपोर्ट का संज्ञान लेते हुए निर्देश दिये हैं कि:
- राशन कार्ड वितरण प्रक्रिया को सरल, तेज़ और पारदर्शी बनाया जाए।
- यह कार्य राज्य के 'शून्य गरीबी' कार्यक्रम के शुभारंभ से पूर्व पूरा किया जाए।
- सभी ज़िलों को निर्देश दिये हैं कि वे राशन कार्ड न रखने वाले ट्रांसजेंडर व्यक्तियों की पहचान कर उन्हें दस्तावेज़ जारी करें।
- इन लाभार्थियों को ‘पात्र गृहस्थी’ श्रेणी में जोड़ कर उन्हें राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के अंतर्गत लाया जाए।
- उत्तर पदेश के मुख्यमंत्री ने इस रिपोर्ट का संज्ञान लेते हुए निर्देश दिये हैं कि:
- महत्त्व
- इससे सामाजिक समावेशन को बढ़ावा मिलेगा तथा ट्रांसजेंडर समुदाय को समान अधिकार और गरिमा मिलेगी।
- खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित होने से उनकी आर्थिक स्थिति मज़बूत होगी।
- प्रशासनिक सुधार और पारदर्शिता से कल्याण योजनाओं की पहुँच अधिक प्रभावी होगी।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA), 2013
- अधिसूचित: 10 सितंबर, 2013
- उद्देश्य: इसका उद्देश्य एक गरिमापूर्ण जीवन जीने के लिये लोगों को वहनीय मूल्यों पर अच्छी गुणवत्तापूर्ण खाद्यान्न की पर्याप्त मात्रा उपलब्ध कराते हुए उन्हें खाद्य और पोषण सुरक्षा प्रदान करना है।
- कवरेज: लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (TPDS) के तहत रियायती दर पर खाद्यान्न प्राप्त करने के लिये ग्रामीण आबादी का 75 प्रतिशत और शहरी आबादी का 50 प्रतिशत।
- राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) समग्र तौर पर देश की कुल आबादी के 67 प्रतिशत हिस्से को कवर करता है।
- पात्रता
- राज्य सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार, लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (TPDS) के तहत आने वाले प्राथमिकता वाले घर।
- अंत्योदय अन्न योजना के तहत कवर किये गए घर।
- प्रावधान
- प्रतिमाह प्रति व्यक्ति 5 किलोग्राम खाद्यान्न, जिसमें चावल 3 रुपए किलो, गेंहूँ 2 रुपए किलो और मोटा अनाज 1 रुपए किलो।
- हालाँकि अंत्योदय अन्न योजना के तहत मौजूदा प्रतिमाह प्रति परिवार 35 किलोग्राम खाद्यान्न प्रदान करना जारी रहेगा।
- गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को गर्भावस्था के दौरान तथा बच्चे के जन्म के 6 माह बाद भोजन के अलावा कम-से-कम 6000 रुपए का मातृत्व लाभ प्रदान किये जाने का प्रावधानहै।
- 14 वर्ष तक के बच्चों के लिये भोजन।
- खाद्यान्न या भोजन की आपूर्ति नहीं होने की स्थिति में लाभार्थियों को खाद्य सुरक्षा भत्ता।
- ज़िला और राज्य स्तर पर शिकायत निवारण तंत्र स्थापित करना।


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पुलित्ज़र पुरस्कार 2025
चर्चा में क्यों?
पुलित्ज़र पुरस्कार बोर्ड द्वारा पत्रकारिता और कला के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान को सम्मानित करते पुलित्ज़र पुरस्कार 2025 की घोषणा की गई।
मुख्य बिंदु
- पुलित्ज़र पुरस्कार के बारे में:
- पुलित्ज़र पुरस्कार को पत्रकारिता के क्षेत्र में अमेरिका का सबसे प्रतिष्ठित सम्मान माना जाता है।
- इस पुरस्कार की शुरुआत वर्ष 1917 में की गई थी, जिसे कोलंबिया विश्वविद्यालय और ‘पुलित्ज़र पुरस्कार बोर्ड’ द्वारा प्रशासित किया जाता है।
- 'पुलित्ज़र पुरस्कार बोर्ड' का निर्माण कोलंबिया विश्वविद्यालय द्वारा नियुक्त न्यायाधीशों द्वारा होता है।
- यह पुरस्कार प्रसिद्ध समाचार पत्र प्रकाशक जोसेफ पुलित्ज़र के सम्मान में दिया जाता है। जोसेफ पुलित्ज़र ने कोलंबिया विश्वविद्यालय में पत्रकारिता स्कूल को शुरू करने तथा पुरस्कार की शुरुआत करने के लिये अपनी वसीयत से पैसा दिया था।
- पुरस्कार राशि:
- प्रत्येक पुरस्कार विजेता को एक प्रमाण-पत्र और 15,000 डॉलर की पुरस्कार राशि प्रदान की जाती है तथा ‘सार्वजनिक सेवा श्रेणी’ में पुरस्कार विजेता को स्वर्ण पदक दिया जाता है।
- पुलित्ज़र पुरस्कार 2025
- वर्ष 2025 के पुलित्ज़र पुरस्कार कुल 23 श्रेणियों में दिये गए, जिसमें पत्रकारिता की 15 श्रेणियाँ और पुस्तक, नाटक, संगीत आदि की 8 श्रेणियाँ शामिल हैं।
- विजेताओं की सूची
- कथा साहित्य: पर्सीवल एवरेट को 'जेम्स' उपन्यास के लिये पुरस्कार मिला, जो 'हकलबेरी फिन' की कहानी को एक गुलाम की दृष्टि से प्रस्तुत करता है।
- नाटक: ब्रैंडन जैकब्स-जेनकिंस को 'पर्पस' के लिये सम्मानित किया गया, जो एक अमीर अश्वेत परिवार की आंतरिक जटिलताओं पर आधारित है।
- पत्रकारिता: न्यूयॉर्क टाइम्स को 4, न्यू यॉर्कर को 3 और ट्रंप की हत्या के प्रयास की त्वरित रिपोर्टिंग के लिये वाशिंगटन पोस्ट को पुलित्ज़र मिला।
- पब्लिक सर्विस: काविता सुर्णा, लिज़ी प्रेसर, कैसंड्रा जारामिलो और स्टेसी क्रैनिट्ज़ (रिपोर्टिंग पर गर्भवती महिलाओं की मृत्यु के कारण अस्पष्ट गर्भपात कानून अपवाद)।
- जाँचात्मक रिपोर्टिंग: रॉयटर्स स्टाफ (फेंटानाइल संकट पर आपूर्ति शृंखला का खुलासा)।
- स्पष्टीकरण रिपोर्टिंग: आज़म अहमद, क्रिस्टीना गोल्डबॉम और मैथ्यू ऐकिन्स (NYT)।
- स्थानीय रिपोर्टिंग: अलिसा झू, निक थीम और जेसिका गैलाघर (बाल्टिमोर फेंटानाइल संकट)।
- राष्ट्रीय रिपोर्टिंग: वॉल स्ट्रीट जर्नल स्टाफ (एलन मस्क पर रिपोर्टिंग)।
- अंतरराष्ट्रीय रिपोर्टिंग: डेक्लन वॉल्श और NYT स्टाफ (सूडान संघर्ष पर रिपोर्टिंग)।
- विशेष लेखन: मार्क वॉरेन (एस्क्वायर)।
- टिप्पणी: मोसाब अबू तोहा (द न्यू यॉर्कर)।
- समीक्षा: एलेक्जेंड्रा लैंग (ब्लूमबर्ग सिटीलेब)।
- संपादकीय लेखन: राज मांकड, शेरन स्टाइनमैन, लीसा फाल्केंबर्ग और लीहा बिनकोविट्ज़ (ह्यूस्टन क्रॉनिकल)।
- चित्रित रिपोर्टिंग और टिप्पणी: एन टेल्नेस (वाशिंगटन पोस्ट)।
- ब्रेकिंग न्यूज़ फोटोग्राफी: डग मिल्स (NYT)।
- विशेष फोटोग्राफी: मोइसेस समन (द न्यू यॉर्कर)।
- ऑडियो रिपोर्टिंग: द न्यू यॉर्कर स्टाफ।

