दृष्टि आईएएस अब इंदौर में भी! अधिक जानकारी के लिये संपर्क करें - 9654-770-770
ध्यान दें:

बिहार स्टेट पी.सी.एस.

  • 31 Jan 2023
  • 0 min read
  • Switch Date:  
बिहार Switch to English

पटना के चार सरकारी सुपरस्पेशियलिटी अस्पताल होंगे स्वायत्त

चर्चा में क्यों?

30 जनवरी, 2023 को बिहार के स्वास्थ्य विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान की तर्ज़ पर राज्य के चार सरकारी सुपरस्पेशियलिटी अस्पतालों को स्वायत्तता मिलेगी।

प्रमुख बिंदु 

  • सरकारी सुपरस्पेशियलिटी अस्पतालों को स्वायत्तता देने से इन संस्थानों की सरकार पर निर्भरता कम होगी और बेहतर इलाज़, शैक्षणिक गतिविधियाँ एवं विकास करने की क्षमता विकसित होगी।
  • जिन संस्थानों को स्वायत्तता देने की दिशा में पहल आरंभ की गई है, उनमें इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान (आईजीआईसी), राजेंद्र नगर नेत्र रोग अस्पताल, न्यू गार्डिनर रोड अस्पताल और लोकनायक जयप्रकाश नारायण हड्डी रोग अस्पताल, शास्त्रीनगर शामिल हैं।
  • सूत्रों का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग में इसका प्रारूप तैयार किया जा रहा है। पहले कागज़ी कार्रवाई की जा रही है, जिसमें विभाग सुपर स्पेशियलिटी अस्पतालों को परिभाषित कर रहा है।
  • इसके अलावा स्वायत्त संस्थानों में शक्ति को परिभाषित किया जा रहा है, जिससे संस्थान को संचालित करने की शक्ति किन-किन पदों को सौंपी जाएगी, निदेशक की नियुक्ति किस विधि से की जाएगी और इन सभी स्वायत्त होने वाले संस्थानों के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर का गठन किस प्रकार से किया जाएगा, बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की क्या शक्ति होगी और निदेशक की भूमिका क्या होगी आदि का निर्धारण होगा।
  • इन सुपरस्पेशियलिटी अस्पतालों को स्वायत्तता देने के बाद विशेषज्ञों की नियुक्ति, कर्मचारियों की नियुक्ति, दवा खरीदने की विधि, साफ-सफाई और सुरक्षा एजेंसियों की आउटसोर्सिंग कैसे की जाएगी। संस्थान को फीस निर्धारित करने की शक्ति क्या होगी, जैसे- मरीज़ के पंजीकरण, पैथोलॉजी और रेडियोलॉजी जाँच, ओपीडी शुल्क या आईपीडी शुल्क क्या होगा। यह शुल्क मरीज़ों से लिया जाएगा या मुफ्त इलाज़ की सुविधाएँ दी जाएंगी आदि का प्रारूप तैयार किया जा रहा है।
  • राजधानी के चारों अस्पतालों में डीएनबी कोर्स संचालित किया जाएगा। डीएनबी कोर्स में क्या सीट होगी और उनके प्रशिक्षण की क्या व्यवस्था होगी, इन सभी बातों पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा विभागीय स्तर पर काम शुरू हो गया है।

बिहार Switch to English

इसरो के नाइट टाइम लाइट एटलस में बिहार बना अव्वल

चर्चा में क्यों?

30 जनवरी, 2023 को इसरो के दो वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर की ओर से जारी रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि बिहार अब न केवल अंधेरे से बाहर आ चुका है, बल्कि देश के चमकते राज्यों में अव्वल बन गया है।

प्रमुख बिंदु 

  • रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में एक दशक के भीतर नाइट टाइम लाइट्स में 43 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
  • वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि नाइट टाइम लाइट्स की वृद्धि में तीन प्रमुख कारण हो सकते हैं, जिनमें सौभाग्य योजना, उज्ज्वला योजना और राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण शामिल हैं।
  • विदित है कि दुनिया भर के क्षेत्रों के आर्थिक विकास को ट्रैक करने के लिये अर्थशास्त्रियों द्वारा नाइट लाइट का उपयोग किया जाता है।
  • पिछले दशक (2012 से 2021) के लिये इसरो के नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर (एनआरएससी) द्वारा तैयार किये गए नाइट टाइम लाइट (एनटीएल) एटलस के अनुसार राष्ट्रीय स्तर पर औसतन 45% की वृद्धि हुई है, जबकि बिहार राज्य में यह वृद्धि 474% की रही है, जो देश के अन्य राज्यों की तुलना में बहुत आगे हैं। राज्य की यह असाधारण उपलब्धि निश्चित रूप से विद्युत क्षेत्र में पिछले एक दशक में सुदृढ़ीकरण एवं विस्तार के लिये व्यापक स्तर पर किये गए कार्यों का प्रतिफल है।
  • बड़े राज्यों में पिछले एक दशक में बिहार के बाद यह वृद्धि केरल में 119% मध्य प्रदेश में 66%, उत्तर प्रदेश में 100% एवं गुजरात में 58% है।
  • ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव और बीएसपीएचसीएल के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक संजीव हंस ने बताया कि इसरो द्वारा जारी किये डिकेडल चेंज ऑफ लाइफ टाइम लाइट (एनटीएल) ओवर इंडिया फ्रॉम स्पेस 2012 से 2021 के वैज्ञानिक विश्लेषण के बाद तैयार किये गए हैं।
  • उन्होंने बताया कि बिहार राज्य द्वारा जो 474% की वृद्धि प्रदर्शित की गई है, वह स्पष्ट करती है कि राज्य में 24×7 विद्युत उपलब्धता के लिये विद्युत कंपनियाँ लगातार प्रयासरत् हैं।
  • आरएससी के द्वारा नासा एवं नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेयर एडमिनिस्ट्रेशन के आँकड़ों के आधार पर उपरोक्त सूचकांकों को तैयार किया गया है। एनआरएससी की रिपोर्ट में वैज्ञानिकों ने साल 2012 से 2021 तक राष्ट्रीय स्तर और ज़िला स्तर पर लाइट में आए बदलाव को लेकर एक गहन स्टडी की है।

 Switch to English
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2