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मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    अर्थव्यवस्था के एकीकरण व व्यापार को बढ़ावा देने के लिये छोटे एवं विकेंद्रीकृत बंदरगाह महत्त्वपूर्ण हैं। क्या आप सहमत हैं? तर्कों से पुष्टि करें।

    28 Aug, 2017 सामान्य अध्ययन पेपर 3 अर्थव्यवस्था

    उत्तर :

    उत्तर की रूपरेखा –
    • भारत के बंदरगाहों और समुद्री व्यापार का संक्षिप्त वर्णन।
    • छोटे व विकेंद्रीकृत बंदरगाहों के लाभ।
    • निष्कर्ष

    भारत की समुद्रवर्ती सीमा लगभग 7500 किलोमीटर की है। इस पर पर्याप्त मात्रा में बंदरगाहों के विकास द्वारा देश के आर्थिक विकास को बढ़ावा दिया जा सकता है। भारत की तटीय सीमा पर 13 बड़े और लगभग 150 से अधिक छोटे बंदरगाह हैं। भारत के वैश्विक व्यापार का 90%(मात्रा के आधार पर) व 70% (मूल्य के आधार पर) हिस्सा समुद्री व्यापार का है। सागरमाला परियोजना, न केवल बंदरगाहों के विकास, बल्कि बंदरगाहों द्वारा विकास के उद्देश्य पर केन्द्रित है। इसमें बंदरगाहों के निकटवर्ती क्षेत्रों के विकास का भी लक्ष्य रखा गया है। 

    समुद्री मार्ग आधारित व्यापार में छोटे बंदरगाहों के महत्त्व को हम निम्नलिखित बिंदुओं के माध्यम से समझ सकते हैं-

    • छोटे बंदरगाहों के निर्माण में कम पूंजी और कम जगह की आवश्यकता होती है, अतः इनका निर्माण बड़े बंदरगाहों की तुलना में आसान और कम समय में हो सकता है। 
    • यदि इन बंदरगाहों को आंतरिक जलमार्गों से जोड़ दिया जाए तो देश के आंतरिक व्यापार में माल की आवा-जाही के लिये सड़क व रेल मार्ग पर से दबाव घटेगा।
    • छोटे बंदरगाह पर्यावरण की दृष्टि से भी अधिक धारणीय होंगे। 
    • इन बंदरगाहों के विकास से स्थानीय लोगों के लिये रोज़गार की नई संभावनाएँ पैदा होंगी।
    • विकेंद्रीकृत ढाँचे के कारण निर्णय प्रक्रिया तेज़ होगी और बंदरगाहों की सुविधाओं में विस्तार आसानी से हो पाएगा।
    • छोटे बंदरगाहों से व्यापार के लिये नए मार्ग खुलेंगे और नए बाज़ारों तक पहुँच सुनिश्चित होगी।

    इस वर्ष विशाखापट्टनम में आयोजित पूर्वी तट समुद्र व्यापार शिखर सम्मलेन में प्रस्तुत की गई एक रिपोर्ट के अनुसार भविष्य में पूर्वी तट के गैर-प्रमुख अर्थात् छोटे बंदरगाह ही समुद्री व्यापार के विकास में अग्रणी भूमिका निभाएंगे। यह विदित है कि बड़े बंदरगाहों की विस्तार क्षमता सीमित है, जबकि छोटे बंदरगाहों के पास अधिक बड़ा भूमि बैंक है। उदाहरण के लिये पश्चिमी तट पर स्थित मुंद्रा, लगभग 23000 एकड़ में फैला हुआ विकेंद्रीकृत बंदरगाह है एवं इसकी वर्तमान कार्गो क्षमता कई बड़े बंदरगाहों से भी अधिक है। 

    स्पष्ट है कि छोटे बंदरगाहों के एक विकेंद्रीकृत तंत्र से ब्लू इकॉनमी (नीली अर्थव्यवस्था) में निहित सभी संभावनाओं जैसे- मत्स्यन, पर्यटन और व्यापार आदि को टटोला जा सकता है। अतः भारत को अपनी लंबी तटरेखा का पूरा लाभ उठाने के लिये छोटे व बड़े बंदगाहों का एक मिश्रित तंत्र विकसित करना चाहिये।

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