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मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    खाद्य पदार्थों के प्रसंस्करण का क्या महत्त्व है ? संपदा योजना इस दिशा में किस प्रकार सहयोग कर सकती है?

    13 Sep, 2017 सामान्य अध्ययन पेपर 3 अर्थव्यवस्था

    उत्तर :

    उत्तर की रूपरेखा-

    • खाद्य प्रसंस्करण की परिभाषा और उसका महत्त्व बताएँ।
    • संपदा योजना की विशेषताएँ लिखें।
    • निष्कर्ष

    खाद्य प्रसंस्करण का तात्पर्य खाद्य एवं पेय उद्योग द्वारा  प्राथमिक कृषि उत्पादों, पौधों एवं पशुओं से जुड़ी सामग्रियों, जैसे- अनाज, मांस, दूध आदि को उपभोक्ताओं के उपयोग योग्य बनाने से है।

    खाद्य प्रसंस्करण का महत्त्व

    • दूध, मांस, समुद्री खाद्य पदार्थों में से हानिकारक कीटाणुओं को समाप्त कर, उनमें अन्य पोषक तत्त्व मिलाकर खाने योग्य बनाने के लिये।
    • खाद्य पदार्थों की उत्तरजीविता को बढ़ाने के लिये।
    • किसानों का अतिरिक्त लाभ सुनिश्चित करने के लिये।
    • नई आर्थिक क्रियाओं को बढ़ावा देने के लिये।
    • रोज़गार के नए अवसर सृजित करने हेतु । 
    • पोषण स्तर में सुधार करना।
    • खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना।
    • कृषि में विविधता को बढ़ावा देना।
    • निर्यात आय को बढ़ावा देना।

    2016 से 2020 की अवधि के लिये खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय द्वारा एक नई केन्द्रीय क्षेत्रक योजना संपदा (SAMPADA- स्कीम फॉर एग्रो-मरीन प्रोसेसिंग एंड डेवलपमेंट ऑफ एग्रो प्रोसेसिंग क्लस्टर्स) के अंतर्गत  अन्य योजनाओं को पुनर्संरचित करने का प्रयास किया गया है। इस योजना की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-

    • इस योजना का उद्देश्य कृषि को पूरक बनाना, संसाधनों का आधुनिकीकरण और कृषि उत्पादों के नुकसान को कम करना है।
    • यह खाद्य संसाधन मंत्रालय द्वारा चलाई जा रही अन्य योजनाओं के लिये एक ‘अंब्रेला स्कीम’ है।
    • मेगा फूड पार्क योजना का उद्देश्य देश में कृषि प्रसंस्करण इकाइयों हेतु आधारभूत संरचना उपलब्ध कराना, डेयरी, मत्स्यन आदि कृषि उत्पादों का मूल्य संवर्द्धन सुनिश्चित करना है। 
    • इसमें शामिल शीत श्रृंखला और मूल्य संवर्द्धन योजना, परिरक्षण एवं आधारभूत संरचना सुविधाओं की स्थापना में वित्तीय सहायता के माध्यम से बागवानी एवं गैर-बागवानी कृषि उत्पाद की कटाई उपरांत हानि को रोकना है।  

    यह योजना ग्रामीण भारत में रोज़गार और संपन्नता के लक्ष्य को पूरा करेगी। इस योजना के कार्यान्वयन से कुशल आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन से युक्त आधारभूत संरचना का विकास होगा। यह योजना किसानों की आय को दुगुना करने के लक्ष्य की प्राप्ति में भी सहायक सिद्ध होगी।

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