इंदौर शाखा: IAS और MPPSC फाउंडेशन बैच-शुरुआत क्रमशः 6 मई और 13 मई   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    लोकनीति से आप क्या समझते हैं ? माना जाता है कि भारत में किसी योजना के कार्यान्वयन के स्तर पर खामियों के कारण लक्ष्य प्राप्ति निर्धारित समय पर सुनिश्चित नहीं हो पाती है। इसके पीछे निहित कारणों की पड़ताल करते हुए व्यावहारिक समाधान सुझाएँ ।

    21 Sep, 2018 सामान्य अध्ययन पेपर 2 राजव्यवस्था

    उत्तर :

    उत्तर की रूपरेखा :

    • लोकनीति किसे कहते हैं ?
    • योजना के कार्यान्वयन के स्तर पर क्या कमियां देखी जाती हैं, कारणों की चर्चा करें।
    • इन कमियों को कैसे दूर किया जा सकता है,उचित समाधानों की चर्चा करें।

    जन कल्याण संबंधी सरकारी कार्यक्रमों को निश्चित उद्देश्य व लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु बनाया जाता है। इससे देश को विभिन्न समस्याओं से उबारने हेतु सरकार द्वारा की गई कार्यवाही का पता चलता है। ये नीतियाँ विभिन्न रूपों  में जैसे- विधि, अध्यादेश, कार्यपालिका के आदेश तथा न्यायिक निर्णय के रूप में हो सकती है।

    सार्वजनिक नीति की पहुँच व्यापक होती है, अत्यावश्यक से रुगण्य तक। सार्वजनिक नीतियाँ आज प्रतिरक्षा, पर्यावरण संरक्षण, चिकित्सकीय देख-रेख एवं स्वास्थ्य, शिक्षा, गृह निर्माण, काराधान, महंगाई, विज्ञान और तकनीकी क्षेत्रों तक विस्तृत हैं।

    पंचवर्षीय योजनाओं से नीति निर्माण का सफर शुरू हुआ जो आज तक अबाध रूप से चल रहा है। किंतु तब से आज तक शायद ही कोई ऐसी नीति हो जिसकी सफलता और कार्यान्वयन पर प्रश्नचिन्ह न लगाया गया हो। ऐसे में यह जानना आवश्यक हो जाता है कि नीति निर्माण से लेकर क्रियान्वन के स्तर तक किन खामियों के कारण नीतियाँ अपने लक्ष्य को पाने में पूर्णत: सफल नहीं होती।

    • भारत में एक ही विषय को कई मंत्रालयों द्वारा देखा जाता है जैसे- सड़क एवं परिवहन को ही अलग-अलग पांच मंत्रालयों द्वारा देखे जाने के कारण कार्य में एकरूपता और तारतम्यता का अभाव रहता है।
    • भारत में नीति निर्माण का कार्य ऊपरी स्तर पर होता है। जो ज़मीनी स्तर की समस्याओं से अनिभिज्ञ होते हैं। ऐसे में नीति के उद्देश्य व क्रियान्वयन में भेद के कारण नीति अपने उद्देश्यों को प्राप्त नहीं कर पाती।
    • नीति निर्माण पूर्व सलाह व परामर्श प्रक्रिया में वांछित लोगों को शामिल नहीं किया जाता है और न ही विकल्पों पर चर्चा होती है।
    • एक बड़े समूह की मान्यता यह भी है कि नीति निर्माण में अप्रशिक्षित लोगों की संलिप्तता तथा पुरानी व लचर नीतियों का ही पालन करना नीति निर्माण की सबसे बड़ी खामी है।
    • कई बार नीतियाँ बिना किसी अध्ययन एवं शोध के ही तैयार कर ली जाती हैं। क्योंकि सरकारें प्राय: समस्याओं के ऊपरी कारणों पर ध्यान देती हैं उसके बुनियादी कारणों पर नहीं।

    समाधान :

    • सर्वप्रथम जिस क्षेत्र के संदर्भ में योजना बनाई जा रही है उसके लाभार्थियों को लघु,मध्यम तथा दीर्घकालिक लाभार्थियों में बांटना चहिये ताकि सभी वर्गों तक आवश्यकता अनुसार लाभ की पहुँच सुनिश्चित की जा सके। 
    • किसी भी नीति के सफल कार्यान्वयन की पहली शर्त है कि उसका त्रुटिरहित होना। अतः नीति पर शोध और गहन अध्ययन किया जाए क्योंकि प्रायः देखा जाता है नीति निर्माता केवल समस्याओं के ऊपरी कारणों पर ही ध्यान देते हैं बुनियादी कारणों पर नहीं।
    • नीति के क्रियान्वयन में शामिल अधिकारी जनता के सीधे संपर्क में नहीं होते, अतः वे जनता की आवश्यकता और उसके मनोविज्ञान को प्रायः नहीं समझते अतः प्रभावी क्रियान्वयन के लिए अधिकारियों को संबंधित क्षेत्र में ट्रेनिंग देने की आवश्यकता है।
    • बुनियादी ढांचे का मज़बूत होना ज़रूरी है क्योंकि नीतियों को लागू करते समय अक्सर बुनियादी ढांचे की चिंता नहीं की जाती जिससे प्रभावी क्रियान्वयन नहीं हो पाता या उसमें देरी होती है। 
    • उपर्युक्त के अतिरिक्त तकनीकी रूप से दक्ष लोगों को योजना में शामिल किया जाना चाहिये।

    To get PDF version, Please click on "Print PDF" button.

    Print
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2