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मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    खाद्य प्रसंस्करण उद्योग से आप क्या समझते हैं? भारत में इसकी संभावनाओं पर विचार करते हुए बताएँ कि वर्तमान में कृषि संबंधी समस्याओं के समाधान में यह कितना प्रभावी हो सकता है?

    05 Jan, 2018 सामान्य अध्ययन पेपर 3 अर्थव्यवस्था

    उत्तर :

    उत्तर की रूपरेखा:

    • खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के बारे में बताते हुए भारत में इसकी संभवनाओं के बारे में लिखें।
    • भारतीय कृषि की समस्याओं के समाधान में इसकी भूमिका को दिखाएँ।

    खाद्य प्रसंस्करण उद्योग का तात्पर्य ऐसी गतिविधियों से है जिसमें प्राथमिक कृषि उत्पादों काप्रसंस्करण कर उनका मूल्यवर्धन किया जाता है। उदाहरण के लिए डेयरी उत्पाद, दूध, फल तथा सब्जियों का प्रसंस्करण, पैकेट बंद भोजन तथा पेय पदार्थ खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के अंतर्गत आते हैं।

    भारत में खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों की संभावनाएँ

    • चीन के बाद भारत खाद्य पदार्थों  का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है। साथ ही वैश्विक स्तर पर खाद्य प्रसंस्करण की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण केला, आम, दूध जैसी वस्तुओं के उत्पादन में भी भारत को प्रथम  स्थान प्राप्त  है। यह दर्शाता है कि कच्चे माल की  उपलब्धता की दृष्टि से भारत में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग की पर्याप्त संभावनाएँ हैं।
    • इसके अलावा एक बड़ी जनसंख्या तथा बढ़ती हुई आर्थिक समृद्धि के कारण भारत में खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों के लिये  बड़ा बाजार उपलब्ध है।  नगरीकरण में वृद्धि के कारण भारत में ‘रेडी टू ईट’ वस्तुओं की मांग बढ़ रही है।
    • सस्ते श्रम बल की उपस्थिति के कारण भी भारत में खाद्य प्रसंस्करण अपेक्षाकृत कम कीमत पर किया जा सकता है।इससे वैश्विक व्यापार में भारत को लाभ प्राप्त हो  सकता है।

    वर्तमान समय में भारतीय कृषि अत्यधिक श्रम बल तथा छिपी बेरोजगारी की समस्या से जूझ रही है। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग से ग्रामीण क्षेत्रों में प्रसंस्करण से संबंधित लघु एवं कुटीर उद्योगों का विकास होगा और बेरोजगारी की समस्या घटेगी। इसके अलावा भंडार गृह के अभाव के कारण लगभग एक चौथाई अनाज तथा कृषिगत वस्तु बर्बाद हो जाती हैं। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग से भारत में कुशल सप्लाई चेन और अवसंरचना  का विकास होगा और इससे न केवल अनाजों की बर्बादी रुकेगी बल्कि उनका उचित मूल्य भी प्राप्त होगा। इसके अलावा पूंजी तथा तकनीक का अभाव तथा फसल कटने के बाद मूल्य की अनिश्चितता भारत में कृषि और किसानों की बड़ी समस्याओं में शामिल हैं। ऐसे में  खाद्य प्रसंस्करण उधोगों के विकास से बड़े बड़े निवेशक इस क्षेत्र में शामिल होंगे और संविदा पर आधारित खेती के विकास से इन समस्याओं का समाधान हो पाएगा। इस प्रकार हम देखतें हैं कि भारत में कृषि संबंधी समस्याओं के समाधान के लिये खाद्य प्रसंस्करण उधोग अत्यंत प्रभावी है।

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